नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 26 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हुए हैं. किसानों ने लोगों तक अपने आंदोलन की सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए 'किसान एकता मोर्चा' के नाम से अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज बनाए हैं. लेकिन रविवार को अचानक प्रदर्शनकारी किसानों ने दावा किया कि उनका फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज ब्लॉक कर दिया गया. हालांकि कुछ घंटो बाद पेज को रिस्टोर कर दिया गया.
प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि रविवार शाम करीब 7 बजे फेसबुक ने उनके पेज को ब्लॉक कर दिया. इसके अलावा इंस्टाग्राम पेज पर नया कंटेंट अपलोड करने पर पाबंदी लगा दी गई. ये पाबंदी उस वक्त लगाई गई, जब किसान संगठन अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद योगेंद्र यादव फेसबुक लाइव कर रहे थे. किसानों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद फेसबुक का पेज दोबारा खोला गया और इंस्टाग्राम से भी पाबंदी हटा दी गई. ये गतिरोध करीब तीन घंटे तक चला.
किसान आंदोलन का आज 26वां दिन
कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर जमे हुए हैं. आज किसान एक दिन की भूख हड़ताल पर हैं. साथ ही किसान संगठन कानून वापस लेने के लिए एनडीए के सहयोगी दल से मिलेंगे. 23 दिसंबर को किसान दिवस पर देश के किसान दोपहर का भोजन नहीं बनाएंगे. 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में सभी राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं करने देंगे.
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने रविवार को सिंघू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर किसान एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे. इसकी शुरुआत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा."
संगठनों ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता किसान संघर्ष जारी रहेगा. साथ ही किसानों ने ईडी पर पंजाबी गायकों को तंग करने और आढ़तियों पर इनकम टैक्स के छापे डलवाने का आरोप लगाया है. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापस नहीं होगा, एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे.
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