कृषि आंदोलन: किसान नेताओं की चेतावनी, कल पूरी तरह बंद करेंगे दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बॉर्डर
किसान नेता इंद्रजीत दीघे ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे. किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गई है, जहां हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों के विरोध में 20 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली-नोएडा सड़क वाले चिल्ली बॉर्डर को बुधवार को पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी है. सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान किसान नेताओं ने मंगलवार को कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गई है, जहां पर हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेता इंद्रजीत दीघे ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे. उन्होंने कहा कि सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा, किसानों ने 150 टोल प्लाजा को ‘मुक्त’ कराया.
किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हम इस आंदोलन को और विशाल बनाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक कैंपेन की शुरुआत कर रही है कृषि बिलों को प्रमोट करने के लिए. इन्द्रजीत ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक आंदोलन है और किसानों की एकता को तोड़ने की हर संभव कोशिश विफल होगी.
इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि कल 150 टोल प्लाजा फ्री हुए, 350 गांव में आंदोलन हुआ. उससे सरकार बौखला गई है। अब उन्होंने फुट डालने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठा दिया है. 21 दिन में पानी मांग रहे हैं. ये ऐतिहासिक आंदोलन है. इसकी एकता नहीं तोड़ी जा सकती. ये कामयाब नहीं होने वाला. पहले से योजना बनाकर कॉरपोरेट्स ने कानून बनवाये.
इधर, युद्धवीर सिंह ने कहा कि देश के किसान उनकी शहादत को बेकार नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया हैरान करने वाला है. युद्धवीर ने कहा कि पीएम एक तरफ कह रहे हैं कि वे किसानों के साथ हैं और दूसरी तरफ फिक्की की सभा में कॉर्पोरेट्स को कह रहे हैं कि वे कृषि क्षेत्र में आएं. उन्होंने कहा कि किसान अपनी जिद पर है. सरकार ये गलतफहमी निकाल दें कि इनकी संख्या घटेगी. सरकार ये जान लें कि हम पीछे हटने वाले नहीं हैं.
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