'अच्छी चर्चा हुई...', किसानों के साथ बैठक के बाद बोले शिवराज सिंह, 19 मार्च को अगली बैठक
Shivraj Singh On Farmers Meeting: चंडीगढ़ में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और किसान नेताओं के बीच 22 फरवरी, 2025 को बातचीत हुई. हालांकि अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है.
Farmers Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत अन्य मुद्दों को लेकर किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच बैठक खत्म हो गई है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दोनों किसान संघठनों के बीच आज हमारी बहुत सद्भाव पूर्ण वातावरण में हमारी चर्चा हुई है. अगली बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में होगी. इस बैठक में शिवराज सिंह के अलावा पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी सरकार की ओर से शामिल हुए थे.
बैठक को लेकर एक किसान नेता नेता ने कहा कि एमएसपी को लेकर चर्चा हुई. डाटा को दिखाया गया है, इसको आधार बनाया गया और उसको सरकार के साथ शेयर किया जाएगा. हम लोगों के बीच बहुत अच्छी चर्चा हुई है. हालांकि ये चर्चा सिर्फ MSP को लेकर हुई. किसान जत्थेबंदियों ने एक ही मांग रखी कि एमएसपी को कानूनी गारंटी दी जाए. तीनों मंत्रियों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को खत्म करने की बात की लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक मामले का समाधान नहीं निकलेगा, तब तक भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी.
एक साल से खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं किसान
यह बातचीत फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी सहित उनकी लंबित मांगों को लेकर हुई. किसान यूनियन - संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा - पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा सीमा के बीच शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं. सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी.
पिछली बैठक 14 फरवरी को हुई थी
किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि अगर उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो वे 25 फरवरी को दिल्ली कूच फिर से शुरू करेंगे. फिलहाल ये कूच टाल दिया गया है क्योंकि 19 मार्च को एक और बैठक होनी बाकी है. इससे पहले 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के नेतृत्व में एक केंद्रीय टीम और किसान प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने दावा किया था कि यह सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई थी.
केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच फसलों पर कानूनी एमएसपी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, पुलिस मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय' की मांग को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है.
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