नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 18 दिनों से डेरा डाले हुए हैं. किसान संगठनों के नेता कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. अबतक छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बेनतीजा रही. किसानों ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को बंद करने की चेतावनी दी थी. लेकिन हाईवे बंद कराने कोई नेता पहुंचा ही नहीं. संगठन ने अब रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है. इसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी. पढ़िए किसान आंदोलन की स्थिति पर 10 बड़ी बातें.
- नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाले एक मुख्य मार्ग को फिर से खोल दिया गया. चिल्ला बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन के चलते एक दिसंबर से नोएडा-दिल्ली लिंक रोड बंद था.
- किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे.
- हरियाणा से 29 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कानूनों के प्रति अपना समर्थन प्रकट करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और इन्हें निरस्त किए जाने की स्थिति में प्रदर्शन करने की धमकी दी.
- भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संघ केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी अपने प्रदर्शन में किसी असामाजिक तत्व की मौजूदगी से अवगत नहीं हैं और यदि सरकार को ऐसा लगता है, तो उसे ऐसे तत्वों को पकड़ना चाहिए.
- हरियाणा के किसानों के एक समूह ने इन कानूनों में आवश्यक संशोधन के लिए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. अपने छह-सूत्रीय स्वीकृति पत्र में किसानों ने कहा है, "हम सरकार की ओर से प्रस्तावित संशोधनों के साथ तीन कृषि कानूनों को जारी रखने के लिए तैयार हैं."
- दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने टीकरी बॉर्डर का दौरा किया और उन इलाकों में तैनात पुलिस और सीएपीएफ कर्मियों से मुलाकात की, जहां किसानों का आंदोलन जारी है.
- किसानों के प्रदर्शन के बीच सिंघु बॉर्डर, औचंदी, प्याऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने मोटर चालकों को लामपुर, सफियाबाद, सबोली और सिंघु स्कूल टोल टैक्स सीमाओं से वैकल्पिक मार्ग लेने की सलाह दी है.
- जमात-ए-कइस्लामी हिंद (जेआईएच) ने किसान आंदोलन को शनिवार को अपना समर्थन दिया और कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों को लाभ देने के लिए देश के कृषि कानूनों को बदला जा रहा है.
- हरियाणा में चरखी-दादरी के जिलाधीश राजेश जोगपाल ने पूरे जिले में धारा-144 लगाए जाने के आदेश दिए हैं. 12 से 14 दिसंबर तक होने वाले विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से यह आदेश जारी किए गए हैं.
- किसान नेताओं ने अपनी मांगों पर कायम रहते हुए कहा कि वे सरकार से वार्ता को तैयार हैं लेकिन पहले तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने पर बातचीत होगी. किसानों ने घोषणा की है कि 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
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