कल इन दो एक्सप्रेसवे को 24 घंटे के लिए ब्लॉक करेंगे आंदोलनकारी किसान
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि कोरोना वायरस का डर उन्हें केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता है.
नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच किसानों ने कल (शनिवार) कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे और कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस को 24 घंटे के लिए बंद रखने की घोषणा की है. सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शनिवार सुबह 8 बजे से लेकर रविवार सुबह 8 बजे तक केजीपी और केएमपी एक्सप्रेसवे को जाम किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बीजेपी और जेजेपी के नेताओं का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होगा. बयान में कहा गया है कि 14 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन स्थलों पर अंबेडकर जयंती मनाई जाएगी.
कोरोना को लेकर किसानों ने क्या कहा?
किसान नेताओं ने कहा कि कोरोना वायरस का डर भी उन्हें केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकता. किसान संगठन पिछले चार महीने से अधिक समय से बारिश, भीषण सर्दी और अब गर्मी में भी अपना आंदोलन चला रहे हैं. गर्मी के लिए उन्होंने प्रदर्शन स्थलों पर छायादार ढांचे बनाना, एसी, कूलर और पंखों का बंदोबस्त शुरू कर दिया है.
किसानों ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटना भी उनके लिए मुश्किल नहीं होगा. वे प्रदर्शन स्थलों पर बुनियादी सावधानियों के साथ इसके लिए भी तैयार हैं.
ऑल इंडिया किसान सभा के उपाध्यक्ष (पंजाब) लखबीर सिंह ने कहा, ‘‘हम सिंघू बॉर्डर पर मंच से मास्क पहनने और हाथ बार-बार धोने की आवश्यकता के बारे में लगातार घोषणा कर रहे हैं. हम प्रदर्शनकारियों को टीका लगवाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं.’’
प्रदर्शन स्थलों पर अनेक स्वास्थ्य शिविर भी चल रहे हैं, ऐसे में बुखार या सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण सामने आने पर प्रदर्शनकारियों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सकती है.
भारतीय किसान यूनियन (दाकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, ‘‘अगर किसी को बुखार या खांसी है या कोविड का अन्य कोई लक्षण है तो यहां डॉक्टर देखते हैं और फैसला करते हैं. रोगी को या तो अस्पताल में भर्ती कराया जाता है या 8-10 दिन के लिए गांव वापस भेज दिया जाता है.’’
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अनुसार किसान महामारी को ‘कुछ उदासीनता’ के साथ देखते हैं लेकिन अभी तक कोई प्रदर्शन स्थल कोविड-19 का हॉटस्पॉट नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप देखेंगे तो इनमें से हर जगह डॉक्टर, क्लीनिक हैं. वे कोविड जांच नहीं कर रहे लेकिन अगर अधिक लोग बुखार या ऐसे लक्षणों की शिकायत करते हैं तो उन्हें पता चल जाएगा क्योंकि हर मोर्चा में योग्य डॉक्टर हैं.’’
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