नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को तीन महीने पूरे होने वाले हैं. किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार कानून को होल्ड करने और संशोधन पर सहमत है. इस बीच आज संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा है कि हमारा संघर्ष और तेज होगा. किसान संगठनों ने कल प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने की अपील की.


एसकेएम ने कहा कि हमने जेपी नड्डा की बीजेपी की उच्च स्तरीय बैठक में हरियाणा, यूपी, पंजाब और राजस्थान के नेताओं और अन्य लोगों के साथ बैठक को संज्ञान में लिया.


मोर्चा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बीजेपी चल रहे संघर्ष की मांगों को हल करने के बजाय, उसका मुकाबला करने और उसे नष्ट करने की पूरी कोशिश कर रही है. एसकेएम सत्ता पक्ष के इस रवैये की निंदा करता है.


संयुक्त किसान मोर्चा मांग करता है कि सरकार बिना किसी और देरी के किसानों के मुद्दों को तुरंत हल करे. एसकेएम का मानना ​​है कि यह संघर्ष ओर भी तेज होगा और इसके समर्थन में अधिक किसान जुटेंगे.


रेल रोको कार्यक्रम


संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ''कल 18 फरवरी को देशभर में रोल रोको कार्यक्रम में सभी से शांतिमयी प्रदर्शन की अपील की जाती है. दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोकने का कार्यक्रम है जिसमे देशभर से समर्थन की उम्मीद है.''


रेलवे की तैयारी


किसानों के रेल रोको आंदोलन की अपील के बीच रेलवे ने भी तैयारियां की है. रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ ही देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की है.


रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक, अरुण कुमार ने बुधवार को कहा, ‘‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा. हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 कंपनियों (लगभग 20,000 कर्मियों) को तैनात किया है.’’


कुमार ने कहा, ‘‘हम उन्हें इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और हम चाहते हैं कि यह (रेल रोको) अभियान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाये.’’


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