नई दिल्ली: सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत में किसानों का समूह ‘मौन व्रत’ पर रहा और उसने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मुख्य मांग पर ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगा. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ करीब चार घंटे तक चली बैठक में किसान नेताओं ने सरकार से साफ-साफ ‘हां’ या ‘नहीं’ में इस बारे में जवाब देने को कहा कि वह कानूनों को निरस्त करेगी या नहीं.
पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलधू सिंह ने कहा, ‘‘किसान यूनियन के नेता ‘मौन व्रत’ पर बैठे हैं.’’ ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) की कविता करुगंती ने कहा कि सरकार किसान नेताओं के सीधे-सीधे सवालों का जवाब नहीं दे रही.
किसानों ने सरकार से हां या नहीं में मांगा जवाब
पंजाब किसान यूनियन के कानूनी सलाहकार गुरलाभ सिंह महल ने कहा कि किसान नेता सरकार से ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब चाहते हैं. बैठक में मौजूद कुछ किसान नेता अपने होठों पर अंगुली रखे हुए और ‘हां’ या ‘नहीं’ लिखा कागज हाथ में लिये हुए दिखे. करुगंती ने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने मौन रहने का फैसला किया है. सरकारी पक्ष हमसे बुलवाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमारी तरफ से पूरी तरह मौन है.’’
बता दें कि सरकार के साथ आज पांचवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. किसानों ने साफ कर दिया है कि सरकार हां या न में जवाब दे. एक किसान नेता ने कहा, "हम संशोधन नहीं चाहते. ये बिल्कुल किसानों के हित में नहीं तो संशोधन क्या." उन्होंने कहा कि हम संशोधन नहीं इन कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं. एमएसपी पूरे देश में चाहते हैं. इसके अलावा सरकार जो बिजली संशोधन बिल ला रही है उसको भी खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में अब बार बार चर्चा नहीं चाहते, चर्चा हो गई है. बस ये बताओ कि कानून को रद्द करोगे या नहीं.
बैठक के दौरान किसानों ने सरकार से साफ कहा कि उन्हें कॉरपोरेट फार्मिंग कानून नहीं चाहिए. उन्होंने कहा है कि इससे सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं. मीटिंग के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास इतना सामान है कि हम एक साल गुज़ार सकते हैं. हम कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़कों पर ही रहें तो हमें कोई परेशानी नहीं. प्रोटेस्ट वाली जगह पर हम क्या कर रहे हैं, इंटेलिजेंस ब्यूरो इसकी जानकारी आपको दे देगी.
नौ दिसंबर को होगी अगली बैठक
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम शंका का समाधान करने को तैयार हैं. किसानों के साथ चर्चा अच्छे माहौल में हुई. किसान नेताओं का सुझाव मिले तो अच्छा होगा. हम सुझावों का इंतज़ार करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि नौ दिसंबर को अगली बैठक होगी.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि आंदोलन में शामिल बच्चे और बुज़ुर्ग घर जाएं. उन्होंने कहा कि एमएसपी में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. मोदी सरकार किसानों के साथ है. एमएसपी पर कोई खतरा नहीं. उन्होंने कहा कि मंडियों को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है. किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ें.