नई दिल्ली: सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बैठक खत्म हो गई है और ये भी बेनतीजा रही. अब अगले दौर की बैठक 4 जनवरी को होगी. ये बैठक करीब पांच घंटे तक चली. ये सातवें दौर की बैठक थी. इस दौरान सरकार और किसानों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बनी है.


इस बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पर्यावरण से जुड़े ऑर्डिनेंस में किसानों को हटाने पर सहमति बनी है. इसके साथ ही नये बिजली कानून में किसानों को राहत देने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि कानूनों को रद्द करने की मांग पर सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उन्होंने कहा कि ये जारी रहेगी. हम किसान को सम्मान और संवेदना की दृष्टी से देखते हैं.


नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए मैंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने का अनुरोध किया है. अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी को होगी. आज की बातचीत बेहद सकारात्मक माहौल में हुई."


वहीं बैठक के बाद किसान नेता कलवंत सिंह संधु ने कहा कि आज की बैठक मुख्य रूप से बिजली और पराली जलाने को लेकर थी. अगली बैठक में हम एमएसपी गारंटी और तीनों कानूनों पर फोकस करेंगे.


ये बैठक दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.


दो घंटे तक चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री प्रदर्शनकारी किसानों के लंगर में शामिल हुए. दोनों पक्षों के चाय और लंच ब्रेक लेने से कुछ देर पहले ‘लंगर भोजन’ एक वैन में बैठक स्थल, विज्ञान भवन पहुंचा. मंत्रियों ने किसानों का ही खाना खाया.


बैठक से पहले वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश, जो खुद पंजाब से सांसद हैं, ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह निर्णायक बैठक होगी और सरकार चाहती है कि प्रदर्शनकारी किसान नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने घरों को लौट जाएंट इससे पहले कृषि मंत्री ने भी यही कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 2020 के समाप्त होने से पहले गतिरोध का समाधान निकल आएगा.


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