चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी गठबंधन का हिस्सा जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने मंगलवार को सुझाव दिया कि केन्द्र सरकार को प्रदर्शन कर रहे किसानों को लिखित आश्वासन देना चाहिए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगा.


जेजेपी प्रमुख एवं पूर्व सांसद अजय चौटाला की यह टिप्पणी उसी दिन आई है, जब दादरी विधासभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को ‘‘किसान विरोधी” बताते हुए मंगलवार को उससे समर्थन वापस ले लिया.


इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. किसान संगठनों का आरोप है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के चलते एमएसपी प्रणाली समाप्त हो जाएगी.


चौटाला ने सिरसा में कहा, ‘‘जब केन्द्रीय कृषि मंत्री (नरेन्द्र सिंह तोमर) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार कह रहे हैं कि एमएसपी जारी रहेगा, तो उस पंक्ति को जोड़ने में (कानून में) क्या आपत्ति है?’’


उन्होंने कहा, ‘‘ जबकि केंद्र ने कहा है कि एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी तो प्रदर्शनकारी किसान इस बारे में 'लिखित आश्वासन' चाहते हैं. इस बारे में आश्वासन को शामिल करने के लिए कई लोग कानून में संशोधन का सुझाव दे रहे हैं.’’


चौटाला ने कहा, ''केंद्र ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है और हम चाहते हैं कि इस बात का जल्द से जल्द कोई समाधान निकले. हमने सरकार में शामिल लोगों से किसानों की समस्याओं का समाधान ढूंढने को कहा है.''


जल्द समाधान की अपील करते हुए उन्होंने कहा, ''किसान परेशान हैं, वे सड़क पर बैठे हैं.... सरकार भी इसे लेकर चिंतित है.''


एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि हरियाणा की अधिकतर फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती हैं. अजय सिंह चौटला के बेटे दुष्यंत चौटला हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हैं.


इससे पहले, जेजेपी ने विपक्षी दलों पर कृषि कानूनों को लेकर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया और दुष्यंत चौटला ने दावा किया था कि अगर एमएसपी को समाप्त करने का प्रयास किया गया तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.


इस बीच, निर्दलीय विधायक सांगवान ने कहा, ‘‘मैंने किसान विरोधी इस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. ये सरकार किसानों के साथ हमदर्दी रखने के बजाए उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल कर रही है. मैं ऐसी सरकार को अपना समर्थन जारी नहीं रख सकता हूं.’’


उल्लेखनीय है कि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि उसकी सहयोगी जेजेपी के 10 विधायक हैं. इसके अलावा, विपक्षी कांग्रेस के 31 सदस्य हैं.


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