Farmers Protest in Mohali: पंजाब के CM भगवंत मान और किसान नेताओं के बीच 3 घंटे चली बैठक, मोहाली में खत्म होगा धरना
Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार ने हमारी मांग मान ली है.
Farmers Protest in Mohali: पंजाब में किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के साथ तीन घंटे लंबी चली बैठक के बाद धरना खत्म करने का एलान किया है. किसानों के साथ बैठक के बाद पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड मामले को लेकर सीएम भगवंत मान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे. मक्का पर एमएसपी दिया जाएगा और सीएम ने वादा किया है कि बासमती को अच्छी कीमत पर खरीदा जाएगा.
मंत्री ने कहा, ''सीएम ने किसान नेताओं से कहा है कि अब उन्हें धरने पर बैठने की जरूरत नहीं है. हमें थोड़ा समय दें और हम सब कुछ सुलझा लेंगे.''
बता दें कि गेहूं की पैदावार कम होने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और 10 जून से पूरे पंजाब में धान की बुवाई शुरु करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है.
किसानों ने मोहाली के वाईपीएस चौक के पास सड़क पर अपने वाहन खड़े कर दिए. किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली राजमार्ग पर रात बिताई. प्रदर्शनकारी किसान पूरी तैयार के साथ वहां पहुंचे हैं और उनके पास राशन, बिस्तर, पंखे, कूलर, बर्तन, रसोई गैस सिलिंडर सहित अन्य सामान है.
इससे पहले किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री बुधवार तक उनके साथ बैठक नहीं करते हैं, तो वे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने के लिए अवरोधक तोड़ते हुए चंडीगढ़ की ओर बढ़ेंगे.
अपनी विभिन्न मांगों में किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं, क्योंकि भीषण गर्मी की स्थिति के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने सिकुड़ गए हैं. किसान बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण के लिए 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के पंजाब सरकार के फैसले के भी खिलाफ हैं. प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार उन्हें 10 जून से धान की बुवाई की अनुमति दे.
किसान मक्का और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं. वे राज्य सरकार से बिजली लोड को बढ़ाने पर लगने वाले शुल्क को 4,800 रुपये से घटाकर 1,200 रुपये करने और बकाया गन्ना भुगतान जारी करने की भी मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का भी विरोध कर रहे हैं.