कश्मीर में किसानों के समर्थन में कर रहे थे आंदोलन की तैयारी, लाल चौक पर प्रदर्शन के पहले ही पुलिस ने 50 को धरा
Farmers Protest: केंद्र सरकार से मांगों को मनवाने के लिए किसान दिल्ली कूच करने के लिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हैं. इस बीच कश्मीर के संगठन किसानों के समर्थन में लाल चौक पर एकत्र हुए.

Lal Chowk Farmers Protest: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों की मांगों के समर्थन में श्रीनगर के लाल चौक पर विरोध-प्रदर्शन करने की योजना बना रहे व्यापार संघों के 50 नेताओं और कार्यकर्ताओं को शुक्रवार (16 फरवरी) को हिरासत में ले लिया.
आंदोलनकारी किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के 'भारत बंद' के आह्वान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी.
विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र होने के वक्त हुई पुलिस कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि नेताओं और कार्यकर्ताओं को रेजीडेंसी रोड पर प्रताप पार्क के पास पुलिस ने उस समय हिरासत में लिया जब वे विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हो रहे थे. उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों को कोठीबाग थाने ले जाया गया. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. वाई. तारिगामी ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की.
माकपा नेता तारिगामी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''ग्रामीण भारत बंद के समर्थन में आयोजित एप्पल फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, मजूदरों और सीटू नेताओं के शांतिपूर्ण विरोध के खिलाफ बलों के इस्तेमाल की निंदा करता हूं.''
#VIDEO || JAMMU
— KNS (@KNSKashmir) February 15, 2024
MY Tarigami speaks with #KNS over ongoing protests by farmers, who have called for 'Delhi Chalo March'. He said @JKPAGD constituents have also extended their support to protesting farmers to force government to fulfill its promises made to the farmers 2 years… pic.twitter.com/gCC9jMJqgD
'पुलिस ने गलत तरीके से हिरासत में लिया'
एम. वाई. तारिगामी ने दावा किया कि कुलगाम जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्ष मोहम्मद अफजल, एप्पल फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जहूर अहमद राठेर, महासचिव अब्दुल रशीद सहित कई नेताओं को 'पुलिस वाहनों में भरकर गलत तरीके से हिरासत में लिया गया. उन्होंने पोस्ट में कहा, ''शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का इस्तेमाल लोकतंत्र का अपमान और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.''
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