चंडीगढ़: राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज सातवें दिन भी जारी है. किसानों के कई संगठन दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. अब इन किसानों को हरियाणा की खाप पंचायतों का समर्थन भी मिल गया है. आज हरियाणा से बड़ी संख्या में खाप पंचायतें दिल्ली कूच करने वाली हैं. इसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है और कई जगह रास्तों को बंद कर दिया है ताकि इन्हें दिल्ली में घुसने से रोका जा सके.
खाने-पीने के सामान के साथ आंदोलन में शामिल होंगी खाप पंचायतें
खाप पंचायतों के दिल्ली कूच करने के फैसले के बाद हरियाणा में हड़कंप मचा हुआ है. हरियाणा के जींद से कई खाप पंचायतें दिल्ली की तरफ कूच करने वाली हैं. जींद में खाप महापंचायत ने खाने-पीने के सामान के साथ आज किसानों के आंदोलन में पहुंचने का एलान किया गया है. इसके साथ ही खाप पंचायतों ने फैसला लिया है कि वो विधायकों पर खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे.
बता दें कि आज मेवात के किसान में भी दिल्ली में आंदोलन करने के लिए जा रहे हैं. कल जिले से निकले इन किसानों में से करीब 30 किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस ने इन किसानों को गुरुग्राम में रोक रखा है. एहतियातन के तौर पर पुलिस ने दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बॉर्डर भी बंद कर दिया है.
केंद्र के साथ किसानों की बैठक रही बेनतीजा
कल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ किसान संगठनों की बातचीत बेनतीजा रही. किसान केंद्र सरकार की ओर से कमेटी बनाने पर राजी नहीं है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि कमिटी रोज़ाना बैठ कर चर्चा करने को तैयार है ताकि जल्दी नतीजा निकल सके. उधर सिंघु बॉर्डर से किसानों ने कहा जब तक सरकार तीनों बिल वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा और अगर ऐसे ही चलता रहा तो आंदोलन और बड़ा होगा.
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