Jantar-Mantar Kisan Mahapanchayat: किसानों ने बेरोजगारी के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महापंचायत (Mahapanchayat) बुलाई. पुलिस द्वारा किए गए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच विभिन्न राज्यों के सैकड़ों किसान (Farmers) जंतर-मंतर पर पहुंचे और प्रदर्शन किया. इस दौरान कुछ किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. यूपी (UP) और हरियाणा (Haryana) से लगती सीमाओं पर भी किसानों को रोका गया. जानिए किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी बड़ी बातें.
- देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भारतीय किसान संघ (बीकेयू) सहित कुछ किसान संगठनों ने महापंचायत का आह्वान किया था. बड़ी संख्या में किसान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को पलटते हुए जंतर-मंतर पर पहुंचे.
- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सहित सभी सीमाओं पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया. गाजीपुर सीमा पर कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया और बसों में ले जाया गया.
- रेलवे ट्रैक, बस स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर भी पुलिस बलों की भारी तैनाती देखी गई. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में ट्रैफिक भी जाम हो गया क्योंकि पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच की.
- किसानों की प्रमुख मांगें हैं- लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जाए. स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए. देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए, बिजली बिल 2022 रद्द किया जाए, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए.
- इसके आलावा किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमें वापस लिए जाएं, भारत WTO से बाहर आये और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरन्त किया जाए और अग्निपथ योजना वापस लिए जाने की मांग है.
- एसकेएम ने एक बयान में कहा, "जंतर-मंतर पर आज का विरोध संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का आह्वान नहीं है. कुछ किसान संघ जो किसानों के विरोध 2020-21 के दौरान एसकेएम का हिस्सा थे, वे इसका आयोजन कर रहे हैं."
- बीकेयू नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बताया कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है. करनाल बाईपास पर वाहनों को रोका गया. हम इस महापंचायत को शांति से कर रहे हैं और हमारा कार्यक्रम केवल एक दिन के लिए है. लोग दूर से आए हैं और उन्हें इकट्ठा होने दिया जाना चाहिए. प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि वाहनों को आगे बढ़ने दिया जाए.
- किसान नेता राकेश टिकैत को रविवार को पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर हिरासत में लिया था. राकेश टिकैत ने महापंचायत में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की कोशिश की थी.
- राकेश टिकैत ने बाद में रिहा होने के बाद ट्वीट किया, "यह संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा. रुकेंगे नहीं, थकेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं." उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस केंद्र के इशारे पर काम कर रही है.
- इससे पहले पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हजारों किसानों ने लगभग एक साल तक केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली (Delhi) के बॉर्डर पर डेरा डाला था. नवंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कृषि कानूनों (Farms Law) को ये कहते हुए वापस ले लिया था कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को नए कानून में सुधारों के लाभों के बारे में नहीं समझा सकी.
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