Farmers protest: केन्द्र सरकार के अगले दौर के प्रस्ताव पर बोले प्रदर्शनकारी किसान नेता- ये है पैंतरेबाजी
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने वाले किसानों का 27वां दिन है. प्रदर्शन करने वाले किसानों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा से हैं.
केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों के विरोध में हजारों की तादाद में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक बार फिर सरकार से कानूनों की वापसी की मांग की है. किसान मजदूर संघर्ष समिति का कहना है कि वे कानूनों में किसी तरह का संशोधन नहीं बल्कि इसकी वापसी चाहते हैं.
सिंघु बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह ने कहा- सरकार ने अपना रूख साफ कर दिया है कि वे कानूनों को वापस नहीं लेंगे. उन्होंने इस बारे में एक पत्र जारी किया है कि अगर किसान इन कानूनों में संशोधन चाहते हैं तो उन्हें चर्चा के लिए समय और तारीख देना चाहिए.
This is not a step forward by the govt but a way to trick farmers. A normal person would think that farmers are stubborn but the fact is that we don't seek amendments in farm laws, we want them to be completely shunned: Sarwan Singh Pandher, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee https://t.co/dNXYRg0l6U
— ANI (@ANI) December 22, 2020
सरवन सिंह ने आगे कहा- यह आगे लेकर जाने का रास्ता नहीं बल्कि किसानों को भटकाने की चाल है. एक सामान्य आदमी यह सोचेगा कि किसान किसान अड़े हुए हैं लेकिन हम किसान कानूनों में कोई संशोधन नहीं चाहते हैं. वह पूरी तरह से इसकी वापसी चाहते हैं.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने वाले किसानों का 27वां दिन है. प्रदर्शन करने वाले किसानों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा से हैं. सरकार के साथ किसानों की अब तक पांचवें दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
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