Farmers Protest: सरकार ने बताया कि किसान आंदोलन से जुड़े मामलों में 183 लोगों को साल 2020 से 20 जुलाई 2021 के बीच दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये सभी 183 लोग बेल पर हैं. साथ ही सरकार ने बताया कि विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में देशद्रोह या यूएपीए जैसे कानूनों का प्रावधान नहीं किया गया है. राज्यसभा में बुधवार को एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय में ये जानकारी दी.


गौरतलब है कि पिछले साल किसानों के आंदोलन ने तब उग्र रूप ले लिया था जब ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों का समूह ने दिल्ली के लाल किले पहुंच गया और वहां पर हंगामा किया. पुलिस के साथ ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों की झड़प हुई. कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. लाल किला हिंसा मामले में पुलिस ने कार्रवाई भी की थी.


बता दें कि पिछले साल केंद्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के बाद से ही किसानों का आंदोलन जारी है. ये एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसकी आग सड़क से लेकर संसद तक फैली. मौजूदा मानसून सत्र में भी इसको लेकर सरकार और विपक्ष आमने सामने है. किसानों के कई संगठन भी इसके विरोध में है. एक तरफ विपक्ष और कई किसान संगठन नए कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बता रहे हैं, वहीं सरकार की दलील है कि ये कानून कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाएगा. फिलहाल किसान संगठन दिल्ली के जंतर मंतर पर 'किसान संसद' चला रहे हैं.


इस बीच बुधवार को भी संसद में विपक्ष का हंगामा जारी रहा. कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बुधवार को एक बार फिर सरकार से आग्रह किया कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराए. इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अहंकार दिखाने का आरोप लगाया और कहा कि संसद में पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा के तत्काल बाद किसानों और तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.


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