केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कई दिनों से किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने किसानों से अपील की है कि वे एक बार नए कृषि कानूनों का खुले मन के साथ प्रयोग करके देखें. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलन की वजह से भारत पर पड़ रहे असर को लेकर भी चेतावनी दी. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस समस्या का हल निकालने का आग्रह भी किया.


किसान आंदोलन को लेकर कुमारस्वानी ने कई ट्वीट किए


एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि किसान आंदोलन की वजह से भारत में असंतोष की धारणा उपज रही है. उन्होंने मोदी सरकार से समस्या का यथाशीघ्र समाधान निकालकर भारत की प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर सुरक्षित रखने की मांग की है. उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सुझाव के तहत नए कृषि कानूनों को कम से कम एक साल प्रयोग करके देखें. इतना ही नहीं कुमारस्वामी ने किसानों को यह भी भरोसा दिया कि अगर कृषि कानूनों को अपनाने के बाद कोई समस्या आती है तो ये कानून वापस लिए जाएंगे. कुमारस्वामी द्वारा एक साथ कई ट्वीट किए गए.





सरकार और किसानो के बीच 29 दिसंबर को होगी बातचीत

बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत का फैसला किया है. किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है. हालांकि बातचीत को लेकर किसान संगठनों ने सरकार के सामने चार शर्तें भी रखी हैं. किसानों की पहली शर्त है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून रद्द करे. वहीं दूसरी शर्त है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी दी जाए. तीसरी शर्त में बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग की गई है और चौथी शर्त में मांग की गई है कि पराली कानून से किसोनों को बाहर रखा जाए.


आज किसान आंदोलन का है 32वां दिन


गौरतलब है कि  किसान संगठनों का प्रदर्शन एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जारी है. रविवार 27  दिसंबर को आंदोलन का 32 वां दिन है. ऐसे में  अब देखने वाली बात यह है कि सरकार किसानों के प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देती है. हालांकि सरकार ये पहले ही साफ कर चुकी है कि कानून रद्द नहीं होंगे लेकिन किसान संगठनों ने बातचीत के लिए पहली शर्त ही कानूनों को रद्द करने की रख दी है.


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