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Farmers Protest Live Updates: 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे रहेगा सील, किसान नेता बोले- दोबारा प्रस्ताव आए तो करेंगे विचार
Farmers Protest Live Updates: 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे रहेगा सील, किसान नेता बोले- दोबारा प्रस्ताव आए तो करेंगे विचार
Farmers Protest 9 December 2020 LIVE Updates: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला. मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही. अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
09 Dec 2020 05:09 PM
किसान संगठनों ने कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार के नए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बुधवार की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हैं और उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे सील रहेंगे.
केन्द्र सरकार की तरफ से बुधवार को कृषि कानूनों पर संशोधन को लेकर भेजे गए लिखित प्रस्ताव पर किसान संगठनों की तरफ से शाम पांच बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नए कृषि कानूनों के विरोध में मिलने के लिए विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति भवन पहुंच रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं.
किसान और सरकार के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा- “भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- किसान वापस नहीं जाएंगे. यह सम्मान का मामला है. क्या सरकार कानूनों को वापस नहीं लेगी? क्या वे निरंकुश हो गई है? अगर सरकार अड़ियल है तो फिर किसान भी. कानूनों को वापस लेना होगा. ”
सरकार की तरफ से नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का सिंघु बॉर्डर पर बैठक जारी है. भारतीय किसान यूनियन के दाओबा के स्टेट प्रसेडिंट मंजीत सिंह ने कहा- भारत सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव पर हम बैठक करने जा रहे हैं.
सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेज दिया गया है. किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी. सरकार की ओर से प्रस्ताव आने के बाद अब सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक होगी. इस बैठक के बाद आगे की रणनीति का एलान किया जाएगा.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा- केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. आज होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई है. ड्राफ्ट पर चर्चा होगी और आगे फैसला तय किया जाएगा. हमें उम्मीद है कि शाम चार पांच बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
किसान आंदोलन के बीच कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है. किसान आंदोलन के चलते कैबिनेट की ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. ये भी माना जा रहा है कि इस बैठक में किसान आंदोलन पर भी चर्चा हो सकती है. सरकार आज किसानों को बैठक से पहले लिखित मसौदा भी भेजने वाली है. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में इस मसौदे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. सरकार के प्रस्ताव के लिए 11 बजे तक का टाइम दिया गया था.
कृषि कानून रद्द करने को सरकार तैयार नहीं है और किसान नेताओं और गृह मंत्री अमित शाह के बीच कल देर रात 2 घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही है. अमित शाह के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं का बयान आया है कि आज सरकार लिखित प्रस्ताव देगी लेकिन आज सरकार और किसानों में कोई मीटिंग नहीं होगी. सरकार से जो लिखित प्रस्ताव मिलेगा उस पर किसान प्रतिनिधि अपनी कमेटी में चर्चा करेंगे और तब आगे की रणनीति तय होगी. इसी के लिए आज दोपहर 12 बजे किसानों की बैठक होने जा रही है.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दोपहर 12 बजे किसान संगठनों की बैठक होगी.. किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा और बीच का कोई रास्ता नहीं है.
किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेता आज शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले हैं. राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले नेताओं में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीआर बालू शामिल हैं. राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले पवार के घर सभी नेताओं की बैठक होगी उसके बाद राष्ट्रपति भवन रवाना होने का प्रोग्राम है.
किसान सीधे कानून रद्द करने के लिए हां या ना में जवाब चाहते हैं लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. सरकार कानून में संशोधन के प्रस्ताव लिखित में आज किसानों को देगी जिसपर किसान दोपहर बारह बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे. हालांकि रात की बेनतीजा बातचीत के बाद किसान नेता आज की बैठक टलने की बात कह रहे हैं.
आज की प्रस्तावित बैठक से पहले ही बीती रात नौ बजे सरकार और किसान नेता एक बार फिर चर्चा के लिए आमने-सामने थे दिल्ली के इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर में होने वाली इस बैठक में खुद गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत का छठा राउंड शुरू हुआ जो रात ग्यारह बजे तक चला.. बैठक में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, हन्नन मुला समेत 13 किसान नेता शामिल हुए. अचानक रात में हुई इस बैठक से हलचल हुई लगा कुछ फैसला हो जाएगा. लेकिन पिछली पांच बैठकों की तरह ये बैठक भी बेनतीजा ही साबित हुई.
गृह मंत्री अमित शाह से मंगलवार की रात को मुलाकात के बाद किसान नेताओं ने कहा कि कल सरकार की तरफ से प्रस्ताव दिया जाएगा. उसके ऊपर पहले विचार करेंगे उसके बाद आगे का फैसला करेंगे.
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के प्रदर्शन पर कहा कि इसके पीछे ताकतें हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सिर्फ विरोध करने के लिए ही विरोध करती है. रविशंकर ने कहा कि यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को जाहिर करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने घोषणापत्र में सुधार की बात कही थी. उन्होंने साफ किया कि केन्द्र सरकार ना ही मंडी को खत्म कर रही और ना किसी प्रदेश के कानून में कोई हस्तक्षेप करने जा रही है.
गृह मंत्री अमित शाह की किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता चल रही है. बुधवार को केन्द्रीय मंत्री और किसान संगठनों के बीच होने वाले छठे दौर की बैठक से पहले इसे काफी अहम माना जा रहा है. किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली और उसके आसपास के इलाको में आकर पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से अमित शाह के साथ बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- हम अपने लोगों की बात बैठक में करने जा रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया है. राकेश टिकैत अमित शाह के घर के पास पहुंचे हैं. हालांकि, वह कह रहे हैं कि बाकी नेता कहां हैं उन्हें नहीं पता और वह उनका इंतजार कर रहे हैं.
छठे दौर की बातचीत से पहले थोड़ी देर में किसानों के साथ होगी गृह मंत्री अमित शाह की बैठक होने जा रही है. इस बैठक को किसान आंदोलन के आगे के भविष्य की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
किसान प्रदर्शन पर 'हाउस अरेस्ट' का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- मैंने आज भारत बंद के दौरान बॉर्डर पर जाने की सोचा था एक आम आदमी के तौर पर ना की सीएम के तौर पर ताकि किसानों के साथ अपना समर्थन जाहिर कर सकूं. मुझे ऐसे लगता है कि उन्हें मेरे प्लान के बारे में पता चल गया और वे जाने नहीं दिया.
पंजाब किसान यूनियन नेता आर. एस. मंशा ने कहा, हम दिल्ली-हरियाणा के लिए नहीं खड़ी समस्या खड़ी करना चाहते हैं. हमें रामलीला ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दे देनी चाहिए. किसान नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा- हम बुराड़ी नहीं जाना चाहते, हमें रामलीला मैदान जाने की अनुमति दी जाए क्योंकि हम दिल्ली और हरियाणा के लोगों को परेशान नहीं करना चाहते.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए कहा- ‘भारत बंद’ सफल, सरकार को अब पता है कि उनके पास कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज हमें बैठक के लिए बुलाया है, हम इसमें भाग लेंगे.
पंजाब किसान यूनियन ने कहा, हम दिल्ली-हरियाणा के लिए नहीं खड़ी समस्या खड़ी करना चाहते हैं. हमें रामलीला ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दे देनी चाहिए.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा- उपमुख्यमंत्री तक को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दे रहे, और अमित शाह की पुलिस कह रही है कोई हाउस अरेस्ट नहीं है? क्या हमारे देश के किसान के साथ खड़ा होना इतना बड़ा गुनाह है?
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भारत बंद को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है. इधर, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. इधर, आप के विधायक केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- हमारी शाम को 7 बजे गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक है. हम सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं, जहां से हम गृह मंत्री अमित शाह से मिलने जाएंगे.
किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के सदस्यों और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच राजस्थान की राजधानी जयपुर में बीजेपी कार्यालय के बाहर झड़प हो गई. किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रैली निकाल पर प्रदर्शन किया. वहीं, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का एक समूह प्रदर्शन करने के लिए बीजेपी प्रदेश मुख्यालय के बाहर एकत्र हुआ, जहां उनकी भाजपा युवा मार्चा के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गयी.
राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत तमाम राज्यों में किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने कहा कि ‘भारत बंद’ किसानों की ताकत दिखाने का एक जरिया है और उनकी जायज मांगों को देशभर के लोगों का समर्थन मिला है. किसानों का कहना है कि हम तीनों कानूनों की पूरी तरह वापसी की अपनी मांग पर अडिग हैं और किसी तरह के संशोधनों पर राजी नहीं होंगे. ये ऐसे काननू हैं, जिसमें संशोधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि आज जो लाखों किसान आए हैं वो अपनी पीड़ा व्यक्त करने आए हैं. किसानों की मांगें बिल्कुल सही हैं, किसानों के साथ न्याय हो. कांग्रेस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसानों का साथ दें और उनके संघर्ष को सफल बनाएं.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि 24 राजनीतिक पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर रही हैं. कोई नहीं चाहता कि लोगों को असुविधा हो. सरकार को अहंकार का रास्ता छोड़कर हमारा पेट पालने वाले किसानों की बात माननी चाहिए और इन तीनों कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कल जब अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर गए थे, उसके बाद से BJP बुरी तरह घबरा गई है. बीजेपी नेताओं ने उसके बाद से अरविंद केजरीवाल को हाउस अरेस्ट कर रखा है. बीजेपी को डर है कि कहीं अरविंद केजरीवाल किसानों के समर्थन में सड़क पर न निकल आएं.
किसान आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच बातचीत जारी है. बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार को समझ लेना चाहिए कि कानून वापस लेने ही पड़ेंगे.''
भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि हर चीज़ पर लोगों को गुमराह करना, देश की छवि को बदनाम करने की साजिश करना इनका(विपक्षी दलों) पुराना तरीका रहा है. अपने शासन काल में कांग्रेस, NCP, अकाली दल, लेफ्ट पार्टियां इस तरह के बिल का सीना ठोक कर समर्थन करती रही हैं.
भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है- बौखलाया हुआ विपक्ष जो वोट के माध्यम से जनता का समर्थन प्राप्त नहीं कर पाया, वो आज कानून-व्यवस्था को भंग करने पर उतारू हो चुका है ताकि वो अपनी राजनीति चमका सके. कहीं न कहीं राजनीतिक दखल है कि अराजकता फैले.
किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है, ‘‘मोदी जी, किसानों से चोरी बंद करो. सभी देशवासी जानते हैं कि आज भारत बंद है. इसका संपूर्ण समर्थन करके हमारे अन्नदाता के संघर्ष को सफल बनाएं.’’ वहीं प्रियंका गांधी ने प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन किया और आरोप लगाया, ‘‘जो किसान अपनी मेहनत से फसल उगाकर हमारी थालियों को भरता है, उन किसानों को बीजेपी सरकार अपने अरबपति मित्रों की थैली भरने के दबाव में भटका हुआ बोल रही है.’’
छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया है. सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर निकले और लोगों से समर्थन का अनुरोध किया. राज्य में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और उद्योगों ने बंद का समर्थन किया है. छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शहरों में अपराह्न बाद दो बजे तक बंद रखने का फैसला किया है.
पंजाब में अनेक स्थानों पर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. राज्य में पेट्रोल डीलरों ने भी बंद के समर्थन में पेट्रोल पंप बंद रखे. पड़ोसी राज्य हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोक दल ने भारत बंद को समर्थन दिया. दोनों ही राज्यों में सुबह से ही किसान राजमार्गों और अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर एकत्रित होने लगे थे. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों ही राज्यों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
बीजेपी शासित गोवा में सुबह से बाजार खुले रहे हैं और सार्वजनिक परिवहन भी सामान्य रहा. विभिन्न दलों ने केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ को समर्थन दिया है. शैक्षणिक संस्थानों का कामकाज भी सामान्य है. बाजार खुले हैं और सार्वजनिक परिवहन भी अन्य दिनों की तरह सामान्य है. राज्य के थानों को अलर्ट रहने को कहा गया है लेकिन अब तक कहीं से विरोध प्रदर्शन की खबरें नहीं आयी है.
केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आज एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ रखने की अपील भी की है. अन्ना हजारे ने कहा कि देश में आंदोलन होना चाहिए ताकि सरकार पर दबाव बने और वह किसानों के हित में कदम उठाए.
राजस्थान में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जयपुर में ट्रैक्टर चलाकर भारत बंद का समर्थन किया. परिवहन मंत्री ने कहा, "केंद्र को समझना चाहिए कि उनका ज़ुल्म, तानाशाही ज़्यादा नहीं चलेगी। किसान विरोधी कानून वापस लेने पड़ेंगे, तमाम विपक्षी पार्टियां इनके विरोध में हैं."
आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर पर नज़रबंद किया है, मुख्यमंत्री कल जब सिंघु बॉर्डर गए थे तभी से उन्हें नज़रबंद किया हुआ है.
ट्रक संगठनों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बंद में शामिल होने का फैसला किया है और आज अपना परिचालन निलंबित रखा है. महाराष्ट्र राज्य ट्रक टेंपो टैंकर्स वाहतुक संघ के सचिव दया नाटकर ने कहा कि दूध, सब्जियों और फल जैसी जरूरी वस्तुओं की ढुलाई को इस बंद से बाहर रखा गया है.
बिहार के हाजीपुर, जहानाबाद, खगड़िया, दरभंगा समेत अन्य जिलों में किसान और महागठबंधन कार्यकर्ता सुबह से सड़कों पर उतरकर किसानों की आवाज बुलंद करने के साथ ही बंद को सफल बनाने में जुट गए हैं.
तेलंगाना के कामरेड्डी में सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी भारत बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं. एक बस चालक का कहना है, "हम आरटीसी के कार्यकर्ता यहां विरोध कर रहे हैं. किसानों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए."
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के मद्देनजर एक किसान संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में ट्रेन रोकी. ‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों ने बुलढाणा जिले में मलकापुर स्टेशन पर चेन्नई-अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस को रोककर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रेल पटरियों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद संगठन के नेता रविकांत तुपकार और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया.
नोएडा में कानून-व्यवस्था के एडिशनल कमिश्नर लव कुमार ने कहा है कि भारत बंद के आवाह्न के चलते इसका विशेष ध्यान रखा गया है कि जनता को किसी तरह की असुविधा न हो, यातायात बाधित न हो. जनपद में प्रवेश और निकासी की जगहों पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात है. जबरन बंद न हो ये सुनिश्चित किया जा रहा है.
पंजाब के अमृतसर में भारत बंद के समर्थन में दुकानें बंद दिखीं. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने बताया, "दुकानें लगभग बंद हैं, इमरजेंसी सेवा बहाल है. लोग अपने मन से शटर बंद कर रहे हैं." उधर किसान प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है.
आंध्र प्रदेश में कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में विशाखापट्टनम में लेफ्ट पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रही लेफ्ट पार्टियों ने जादवपुर में रेल रोकी.
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है. किसान यूनियनों ने आज कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का आवाह्न किया है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारत बंद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रही लेफ्ट पार्टियों ने जादवपुर में रेल रोकी. यहां पार्टी के कार्यकर्ता रेल पटरी पर उतर गए और केंद्र सरकार से नए कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. साथ ही नारेबाजी भी कर रहे हैं.
नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया गया है. नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर भी गौतम बुद्ध गेट के पास किसानों के प्रदर्शन के चलते नोएडा से दिल्ली यातायात बंद कर दिया गया है. पुलिस ने लोगों को दिल्ली आने के लिए नोएडा लिंक रोड से परहेज करने और डीएनडी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 24 पर दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है. सुबह होने की वजह से अभी इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही कम है, लेकिन दफ्तर खुलने के समय यहां जाम की स्थिति पैदा हो सकती है. इस सड़क पर बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली से नोएडा की ओर जाने वाले वाहनों को फिलहाल किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि लोगों को सलाह दी जाती है कि वह दिल्ली आने के लिए NH 24 से बचें और दिल्ली आने के लिए अप्सरा, भोपड़ और डीएनडी का उपयोग करें.
गृह मंत्रायल ने भारत बंद को लेकर एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यो को कानून व्यवस्था सुनिशिचत करने की बात कही है. गृहमंत्रालय ने निर्देश दिया है कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि कहीं भी अप्रिय घटना न होने पाए.
भारत बंद के दौरान आज राजधानी दिल्ली में ओला-उबर की टैक्सी नहीं चलेंगी. सर्वोदय ड्राइवर्स एसोसिएशन ने किसानों के समर्थन में ये बड़ा एलान किया है. इतना ही नहीं ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी देशव्यापी चक्का जाम की घोषणा की है. एसोसिएशन के इस एलान के बाद अब लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
सीएम ममता ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केंद्र की बीजेपी सरकार को "जनविरोधी" कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए या उसे सत्ता से हट जाना चाहिए. किसानों के अधिकारों का बलिदान करने के बाद उसे सत्ता में नहीं बने रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘’मैं बीजेपी के कुशासन को सहन करने या चुप रहने के बजाय जेल में रहूंगी.’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृण मूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किसानों के भारत बंद को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि हमारी सरकार आज होने वाले भारत बंद का समर्थन नहीं करती है, लेकिन सरकार किसान आंदोलन का समर्थन करती रहेगी.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. पिछले 12 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन और सरकार के बीच बातचीत से अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. अब दोनों पक्ष छठे दौर की बातचीत के लिए कल बैठक करेंगे. हरियाणा-पंजाब के अलावा यूपी, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, एमपी, राजस्थान और तमिलनाडु के किसानो ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
करीब 95 लाख ट्रक मालिकों और अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाली देश में ट्रांसपोर्टरों की शीर्ष संस्था ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि बंद के समर्थन में वह पूरे देश में अपना संचालन बंद रखेगी. ऐसे में आज होने वाली हड़ताल का वस्तुओं के परिवहन पर असर पड़ सकता है.
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि सोनिया गांधी किसानों के समर्थन में इस साल अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी. डोटासरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का कार्यकर्ता किसानों के साथ सड़क पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नजर आएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और पीएजीडी अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला समेत प्रमुख नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है और केंद्र सरकार से किसानों की जायज मांगों को पूरा करने को कहा है.
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिये कांग्रेस के घोषणा-पत्र में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम को रद्द करने और कृषि-व्यापार को सभी पाबंदियों से मुक्त करने का वादा था. राहुल गांधी ने 2013 में सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया था कि वे फलों व सब्जियों को एपीएमसी की सूची से हटाएं और उन्हें सीधे खुले बाजार में बेचने की इजाजत दें.
कांग्रेस ने कहा कि वो आज सभी जिला व राज्य मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी तो वहीं पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने तीन दिनों तक विभिन्न इलाकों में धरने की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि वो आज राष्ट्रीय राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी.
कारोबारी संगठन सीएआईटी और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि दिल्ली समेत देश भर में बाजार खुले रहेंगे और परिवहन सेवाओं का संचालन भी जारी रहेगा.
कई नेताओं ने दावा किया कि बंद पूरे देश में प्रभावी होगा. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा. हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे.’’
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “हमारा बंद राजनीतिक दलों के बंद से अलग है. यह विचारधारा के कारण किया गया चार घंटे का सांकेतिक बंद है. हम चाहते हैं कि आम आदमी को कोई परेशानी न हो. हम उनसे इस अवधि के दौरान यात्रा न करने की अपील करते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम दुकानदारों से भी इस अवधि के दौरान अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध करते हैं.”
इधर, कृषि कानूनों के समर्थन में हरियाणा के 20 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की. कृषि मंत्री के साथ मुलाकात के बाद प्रोग्रेसिव फारमर्स क्लब सोनीपत के प्रसिडेंट कंवल सिंह चौहान ने कहा- जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें बरगलाया जा रहा है. पीएम ने यह आश्वस्त किया है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए केन्द्र की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट का रूख करेगी. केरल के कृषि मंत्री वी.एस. सुनील कुमार ने कहा- “हम इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. केरल में किसान विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे और वैकल्पिक कानून पर विचार किया जाएगा. ”
इधर, एक अन्य किसान नेता निर्भय सिंह ने कहा- हमारा प्रदर्शन पंजाब तक ही सीमित नहीं होगा. दुनियाभर से यहां तक की कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो हमारा समर्थन कर रहे हैं. हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा.
दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा- भारत बंद कल पूरे दिन रहेगा. चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा. यह शांतिपूर्ण बंद होगा. हम इस पर अड़े हैं कि किसी भी राजनीति दलों के नेताओं को अपने मंच की इजाजत नहीं देंगे.
नए कृषि कानूनों पर किसानों की तरफ से 8 दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद बुलाया गया है. इस बंद का कांग्रेस के अलावे देशभर के 11 राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है. ऐसे में सोमवार को किसानों की तरफ से उन राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है, जिन्होंने किसान के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया है. किसानों की तरफ स ऐसे राजनीति दलों की तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि वे प्रदर्शन के दौरान अपनी पार्टी के झंडे और बैनर ना लाएं.
किसानों की तरफ से मंगलवार को बुलाए भारत बंद से ठीक पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी भेजी है. केन्द्र की तरफ से किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के साथ ही कानून और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
व्यापारियों के संगठन कनफेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसानों के ‘भारत बंद’ के दौरान दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में बाजार खुले रहेंगे. ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टस वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यू) भी घोषणा की है कि ‘भारत बंद’ के दौरान परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का परिचालन भी सामान्य रहेगा.केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने लोगों से उनके ‘भारत बंद’ के आह्वान में शामिल होने की अपील की है.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जनता से अपील की है कि वे मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन दें.भारत बंद को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा समर्थन देने के कदम का भी किसानों ने स्वागत किया है. किसान केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, माकपा और द्रमुक ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती सीमाओं पर तैनाती बढ़ा दी है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है लेकिन हम पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे। यह(बंद) हमारी नीति के खिलाफ है. बता दें कि कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है. इन बारह दिनों में किसान आंदोलन जंगल की आग की तरह देशभर में फैल चुका है.
लखनऊ में धरने पर बैठे अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया है. किसान आंदोलन के मद्देनजर धारा 144 लागू है. अखिलेश ने कहा कि हम किसानों से बात करना चाहते हैं, सरकार उनकी बात नहीं सुन रही. बीजेपी पर एकतरफा फैसले का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों का श्राप लगेगा.
भारत बंद के समर्थन में मंगलवार को मुंबई, पुणे और नासिक के एपीएमसी मार्केट बंद रहेंगे.मुंबई की अहम सब्जी मंडियां भी बंद रहेंगी.इसके अलावा राज्य के कई मजदूर संगठनों ने भी इस बंद में शामील होने का ऐलान किया है.
अखिलेश यादव किसानों के समर्थन में कन्नौज से ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उनके आवास के आस-पास के इलाके को सील कर उन्हें रोक रखा है. अखिलेश धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि हम किसानों से बात करना चाहते हैं, सरकार उनकी बात नहीं सुन रही. बीजेपी पर एकतरफा फैसले का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों का श्राप लगेगा.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषकों के समर्थन में समाजवादी पार्टी द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित 'किसान यात्रा' में शामिल होने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निकलने से ठीक पहले पुलिस ने सोमवार सुबह पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका अवरोधक लगाकर सील कर दिया. अखिलेश यादव इस मामले को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है. अखिलेश के साथ तमाम पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर बैठे हुए हैं.
किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, पीएजीडी, एसीपी, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एलएल), आरएसपी, आरजेडी, डीएमके और एआईएफबी ने बयान जारी किया है. इसके साथ ही इन राजनीतिक दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है. इसके अलावा शिवसेना, जेएमएम, टीआरएस और आम आदमी पार्टी भी किसानों के पक्ष में खड़ी हैं और इन्होंने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार की तरफ से बुधवार को किसान संगठनों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव में किसानों की आपत्ति पर संशोधन करने की बात कही गई है. हालांकि, किसान संगठनों की तरफ से इस पर ऐतराज जताया गया है. इससे पहले मंगलवार को देशव्यापी भारत बंद किसान संगठनों की तरफ से बुलाया गया है. इसका देश के करीब सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया था. इसके बाद शाम को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था. हालांकि, उसमें भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए एबीपी न्यूज़ के साथ बने रहिए.
किसानों के प्रदर्शन का 14वां दिन
राजधानी दिल्ली में हजारों की संख्या में हरियाणा-पंजाब और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों का आज 14वां दिन हैं. सरकार और किसानों के बीच अब कुल छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इन बैठकों में दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार आंदोलन को खत्म करने कोशिश की जा रही है लेकिन किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए है कि सरकार इन तीनों ही कानूनों को वापस ले.
क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.
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