Farmers Protest Live: किसान आंदोलन के समर्थन में गरजे शरद पवार, पूछा- क्या ये किसान पाकिस्तान से आए हैं?
आज दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का 61वां दिन है. दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर मार्च को लेकर सहमति बनती दिख रही है. सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैक्टरों की तादाद बढ़ने लगी है. इधर, किसान आंदोलन के समर्थन में एनसीपी चीफ शरद पवार ने मुंबई में रैली की है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के ट्रैक्टर परेड में अब सिर्फ कुछ ही घंटों का वक्त बाकी है. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने तैयारी तेज कर दी है. सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर पर ट्रैक्टरों की तादाद बढ़ने लगी है. पंजाब में व्यापारियों ने मंडियां बंद रखकर किसानों का समर्थन किया है. इस आंदोलन में शामिल होने के लिए छोटे-छोटे शहरों और गांवों से किसान दिल्ली बॉर्डर का रुख कर रहे हैं.
26 जनवरी को जब किसान ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली में दाखिल होंगे तो आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे. हालांकि इस दौरान AAP का झंडा या बैनर नहीं लगाया जाएगा. आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली और देश के नागरिक के तौर पर देश के किसानों का स्वागत किया जाएगा.
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है. मायावती ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए कृषि कानूनों को जरूर वापस लेना चाहिए ताकि गणतंत्र दिवस पर किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं हो.
कृषि कानूनों के खिलाफ आज मुंबई के आजाद मैदान में सुबह 11 बजे से किसानों की रैली है. इस रैली को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और महा विकास अघाडी (एमवीए) के कुछ प्रमुख नेता संबोधित करेंगे. शरद पवार के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे भी रैली को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस के लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने कहा है कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग यदि सरकार द्वारा नहीं मानी गई तो आगामी संसद सत्र 'हंगामेदार' होगा. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है और यह दो हिस्सों में आयोजित होगा. पहला हिस्सा 15 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा हिस्सा आठ मार्च से आठ अप्रैल तक होगा.
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस समारोह के बाद प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में एक परिपत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि पुलिस कर्मियों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था की जानी चाहिए और उन्हें उनके संबंधित जोनल/सेक्टर अधिकारियों के तहत ड्यूटी के उनके बिंदुओं पर तैयार रहना चाहिए.
किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले लोगों से 24 घंटे के लिए राशन उपलब्ध रखने के साथ ही परेड के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की.
एक किसान नेता ने कहा, 'किसी के पास भी कोई हथियार या शराब नहीं होनी चाहिए. भड़काऊ संदेश वाले बैनर की अनुमति नहीं दी जाएगी.'
दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर मार्च को लेकर सहमती बन इस ट्रैक्टर मार्च पर बॉर्डर पर पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की नजर है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक उन्हें इंटेलीजेंस इनपुट मिल रहे है कि बॉर्डर पर पाक आतंकी संगठन इस ट्रैक्टर रैली में कोई गड़बड़ी फैला सकते है. पुलिस के मुताबिक उन्हें हाल ही में 308 ऐसे ट्विटर हैंडल का पता चला है जो किसानों की इस ट्रैक्टर रैली में गड़बड़ी फैलाने के लिए बनाए गए है.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने बताय कि सिंघु बॉर्डर पर 62 किलोमीटर का रूट, टिकरी बॉर्डर पर 63 किलोमीटर का रूट और गाजीपुर से 46 किलोमीटर का रूट तय किया गया है.
योगेंद्र यादव ने लिखित मंज़ूरी मिलने की जानकारी दी और कहा कि हम दिल्ली नहीं दिल जीतने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने लिखित में मंज़ूरी के आदेश जारी किए हैं. पुलिस ने परेड को लेकर अलर्ट भी जारी किया है.
दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के लिए रूट मैप पर सहमति बन गई है. चार रूट पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. एबीपी न्यूज के पास इन चारों रूट की जानकारी है.
1. सिंघु रूट (74 किमी) NH44-मुनीम का बाग-नरेला-बवाना-औचंडी बॉर्डर-खारखोदा-कुंडली-सिंघु बॉर्डर
2. टिकरी रूट (82.5 किमी) टिकरी बॉर्डर-नांगलोई-बपरौला गांव-नजफगढ़-झड़ौदा बॉर्डर-बहादुरगढ़-असोदा
3. गाजीपुर रूट (68 किमी) गाजीपुर बॉर्डर-अपसरा बॉर्डर-हापुड़ा रोड-IMM कॉलेज-लाल कुंआ-गाजीपुर बॉर्डर
4. चिल्ला रूट (10 किमी) चिल्ला बॉर्डर-क्राउन प्लाजा रेड लाइट-डीएनडी फ्लाइवे-दादरी रोड-चिल्ला बॉर्डर
किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के रूट की जानकारी पुलिस को सौंप दी है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि दिल्ली पुलिस ने किसानों के सामने कुछ शर्तें रखी हैं. अब जवाब का इंतजार का है.
सरकार के साथ किसानों की 11वें दौर की बैठक बेनतीजा रही है. अगली बैठक की तारीख तय नहीं हुई है. इसपर कांग्रेस नेता जसबीर सिंह गिल ने कहा, सरकार की अगली बैठक की तारीख तय करने की जो जिम्मेदारी है, सरकार उससे भाग नहीं सकती है. इस सरकार की एक परेशानी है कि जब भी इनकी नाकामी सामने आती है तो ये अपना दोष किसी और पर डाल देते हैं. सरकार को 26 जनवरी को इन कानूनों को रद्द करने का ऐलान करना चाहिए.
26 जनवरी के लिए किसान खासे उत्साहित हैं और देशभर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे है. पंजाब के अंबाला से किसान परेड के लिए पूरी तरह कमर कस चुके हैं. अमृतसर दिल्ली नेशनल हाइवे पर अंबाला में सैंकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर लेकर किसान इकट्ठा हुए और उन्होंने दिल्ली की तरफ कूच किया. किसानों के इस दिल्ली कूच के दौरान नेशनल हाइवे पर सिर्फ और सिर्फ तिरंगे और किसान यूनियन के झंडे लगे ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे हैं.
पुलिस ने साफ कर दिया है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर नहीं निकाली जाएगी. गणतंत्र दिवस की परेड के बाद ही किसान अपनी रैली निकाल सकेंगे. पुलिस के मुताबिक अगर किसान सब चीजें लिखित में देंगे. तब उन्हें परमिशन दी जा सकती है. ट्रैक्टर परेड करीब 100 किमी की होगी और एक रूट के ट्रैक्टर दूसरे रूट से नहीं मिलेंगे. ये परेड 24 घंटे से लेकर 72 घंटे तक चलेगी.
एबीपी न्यूज के पास सूत्रों के मुताबिक 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च का पूरा रूट प्लान है. एक रूट सिंघु बार्डर से नरेला होते हुए बवाना औचन्दी बॉर्डर तक. दूसरा रूट यूपी गेट से आनन्द विहार. तीसरा रूट डासना होते हुए कोंडली-मानेसर-पलवल यानी केएमपी एक्सप्रेस वे तक. चौथा रूट चिल्ला बॉर्डर से गाजीपुर बॉर्डर होते हुए पलवल तक. पांचवां रूट जयसिंह पुर खेड़ा से मानेसर होते हुए टिकरी बॉर्डर तक जाएगा.
जब सिंघू बॉर्डर पर सड़क के किनारे स्थित राजपूताना रेस्तरां के मालिक को लगने लगा कि वह कोविड-19 महामारी के सबसे खराब आर्थिक संकट से उबर चुके हैं. उसी दौरान तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन शुरू हो जाने के बाद बॉर्डर पर लंगर सेवा चलने लगा. यहां करीब दो माह से राजमार्ग प्रदर्शनकारियों से भरा हुआ है. बहरहाल, 24 घंटे लंगर सेवा चलने, उद्योगों के बंद होने और लोगों की आवाजाही कम हो जाने से बॉर्डर पर स्थित कई भोजनालयों की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.
कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर एक रैली के लिए शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले से बड़ी संख्या में किसान मुंबई रवाना हुए. रैली का आयोजन अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा 25 जनवरी को मुंबई में किया गया है. रैली को पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री व एनसीपी प्रमुख शरद पवार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे संबोधित करेंगे.
हरियाणा पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों की 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड को बाधित करने और किसान नेताओं को निशाना बनाने की साजिश रचे जाने के आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला है. सोनीपत के पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा ने शनिवार देर शाम कहा कि शुक्रवार रात सिंघू बॉर्डर पर कुछ स्वयंसेवकों ने एक युवक को पकड़कर उस पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद डर की वजह से उसने टैक्टर परेड को बाधित करने और किसान नेताओं को निशाना बनाए जाने की बात कही थी. प्रारंभिक जांच में युवक द्वारा किये गए दावे सच नहीं पाए गए हैं.
गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी) आंदोलन स्थल पर CCTV लगाए गए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की जाने वाली है. कुछ घटनाएं भी हुई हैं. उसी के मद्देनजर गाजीपुर का पूरा आंदोलन स्थल CCTV की नजर में रहेगा, 500 वॉलंटियर भी तैनात किए गए हैं."
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लगभग 25,000 ट्रैक्टर हिस्सा लेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों प्रदेशों से निकलकर यूपी गेट की ओर बढ़ रही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को विभिन्न जिलों में पुलिस द्वारा रोका गया लेकिन किसान हर कीमत पर यहां पहुंचेंगे.
किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिलने का दावा किया है. वहीं दिल्ली पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता अभी भी अंतिम चरण में है. किसानों के निकायों ने कहा, "पांच अलग-अलग मार्ग होंगे और हम प्रत्येक मार्ग के लिए अलग-अलग मैप बनाएंगे. जब तैयार हो जाएंगे तो हम इसे साझा करेंगे."
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: 26 जनवरी को होने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने शनिवार को मंजूरी दे दी है. किसान नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि किसान दिल्ली में प्रवेश करेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करेंगे. परेड का रूट आज फाइनल किया जाएगा.
शनिवार को किसान नेताओं और पुलिस के बीच बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि '26 जनवरी को किसान इस देश में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड करेगा. पांच दौर की वार्ता के बाद ये सारी बातें कबूल हो गई हैं. सारे बैरिकेड खुलेंगे, हम दिल्ली के अंदर जाएंगे और मार्च करेंगे. रूट के बारे में मोटे तौर पर सहमति बन गई है.'
किसान नेताओं ने क्या कहा
किसान नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को एतिहासिक परेड होगी. देश की आन-बान-शान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पुलिस ने बैरीकेड तोड़ने की चेतावनी दी थी लेकिन पुलिस खुद हटाने की मान गई है. यह किसानों की जीत है. दिल्ली पुलिस और केंद्र को परेड पर भी झुकना पड़ा है. दिल्ली की किसान परेड को पूरी दुनिया देखेगी.
उन्होंने इस दौरान शांति बनाए रखने की अपील की. परेड की टाइमिंग अभी फाइनल नहीं हुई है. परेड 24 घंटे से लेकर 72 घंटे तक चलेगी. योगेंद्र यादव ने कहा कि हम अपने दिल की भावना व्यक्त करने 26 जनवरी को राजधानी के अंदर जाएंगे. एक ऐसी ऐतिहासिक किसान परेड होगी जैसी इस देश ने कभी नहीं देखी.
दिल्ली पुलिस का ये भी कहना है कि किसानों ने अभी तक हमें कोई लिखित रुट नहीं दिया है, लिखित रुट आएगा, उसके बाद बताएंगे. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक किसानों को रिंग रोड के बाहर जो रूट बताया गया था. उसपर सहमति बन गई है. 26 तारीख को किसान ट्रैक्टर रैली करेंगे. बॉर्डर के पास के ही इलाकों में होगी रैली. रिंग रोड पर नहीं जा सकते किसान.
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