Farmers Protest Live: एफआईआर में शामिल हुआ दीप सिद्धू और लक्का सदाना का नाम, किसान नेताओं से मांगा गया जवाब
Farmers Protest Tractor Rally Red Fort Live Updates: 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक हुई. उधर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान आंदोलन में सक्रिय रहे योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. हिंसा के खिलाफ अब तक 22 FIR दर्ज की जा चुकी है. पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
दिल्ली पुलिस ने बताया, ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कई किसान नेताओं का नाम शामिल है. इनमें नेताओं में दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम है. एफआईआर में में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगाया है. एसकेएम ने कहा, दीप सिद्धू जैसे असामाजिक तत्वों और KMSS ने साजिश के तहत किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उच्च स्तरीय बैठक खत्म हो गई है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया एजेंसी के प्रमुख अरविंद कुमार केंद्रीय गृह मंत्री के घर से निकल गए हैं. गृह मंत्री के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में हुए बवाल को लेकर गृहमंत्री के आवास पर चल रही थी.
राजधानी दिल्ली में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान आंदोलन में सक्रिय रहे योगेंद्र यादव समेत कई नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
दिल्ली में हुए बवाल को लेकर गृहमंत्री अमित शाह अपने आवास पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. आईबी चीफ अरविंद कुमार भी मौजूद हैं.
किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवियों ने दिल्ली पुलिस के हथियार भी लूटे हैं. हथियारों की तलाश में दिल्ली पुलिस छापेमारी कर रही है. पुलिस को शक है कि सरकारी पिस्टल का दुरुपयोग किया सकता है. इससे किसी ऐसी वारदात को भी अंजाम दिया जा सकता है जिससे दिल्ली पुलिस की छवि खराब हो.
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'जो भी उत्पात मचाया वह निंदनीय है. मुझे इसमें साजिशों की बू आती है. विपक्ष मुद्दा विहीन है. कांग्रेस तो कोई आंदोलन कर नहीं सकती. दूसरे के आंदोलन में हिस्सा लेने की कोशिश करती है. इससे विपक्ष का भला नहीं होने वाला है.'
सूत्रों से जानकारी मिली है कि आउटर जिले में दर्ज पांच FIR में किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं. 4 FIR नांगलोई पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई, एक FIR पश्चिम विहार वेस्ट थाने में दर्ज हुई है. हालांकि पुलिस अभीस किसान नेताओं के नाम नहीं बता रही है. किसानों नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
दिल्ली में हिंसा पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट शाम तक सौंपी जानी है. संस्कृति मंत्रालय की नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस और एफ़आईआर दर्ज करेगी. पांच अधिकारियों की टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है. थोड़ी देर पहले संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल के अधिकारियों की टीम ने लाल क़िले का दौरा किया था.
दिल्ली पुलिस ने आपराधिक साजिश के साथ लाल किले में डकैती का मामला दर्ज किया है. राजधानी के कोतवाली थाने में 10 से ज्यादा विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. धारा 395, धारा 397, धारा 120b जैसी गंभीर आपराधिक धाराएं भी शामिल की गई हैं. आरोप के मुताबिक लाल किले के अंदर आपराधिक साजिश के तहत डकैती डाली गई और वहां से कुछ सामान भी ले जाया गया.
गृहमंत्री अमित शाह गृहसचिव, इंटेलिजेंस के अधिकारियों और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के साथ गृह मंत्रालय में बैठक कर रहे हैं. दिल्ली में कल हुई हिंसा पर अब तक की कार्यवाही पर जानकारी ले रहे हैं. हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
पुलिस टीम पर हमला करने वालों, लालकिले की प्राचीर पर चढ़ने वालों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालों उपद्रवियों की मोबाइल क्लिप और सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के पास मौजूद, जिनकी पहचान की जा रही है. उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया.
दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर आरोपियों की पहचान करने में दिल्ली पुलिस तेजी से जुटी है. दिल्ली पुलिस को मिली उपद्रवियों की तमाम वीडियो रिकॉर्डिंग, मोबाइल फुटेज का एनालिसिस किया जा रहा है. आरोपियों की पहचान के लिए क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल की मदद ली जा रही है. लालकिले, सेंट्रल दिल्ली, मुकरबा चौक और नांगलोई जहां-जहां उपद्रव हुआ, वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी इक्कठा की जा रही है.
दिल्ली में कल हुए उपद्रव की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय आयोग के गठन की मांग. अलग-अलग मसलों पर PIL दाखिल करते रहने वाले वकील विशाल तिवारी की याचिका दायर की है. इसके अलावा विनीत जिंदल नाम के वकील ने भी चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है. लाल किला में तिरंगे की जगह दूसरा ध्वज लगाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पर कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की प्रार्थना की है.
किसानों की हिंसा पर बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, "जो शंका थी वो सही साबित हुई. किसान संगठन बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि अनुशासन रहेगा कि हम जश्न में शामिल हो रहे हैं. यह जश्न था या गणतंत्र दिवस के दिन भारत पर हमला था? इन्होंने लाल किले को अपवित्र किया है. इस सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उकसाने का काम तो किसान संगठन के नेताओं ने किया. किसान संगठन का हर नेता सिर्फ भड़काने में लगा हुआ था. अब जब ये घटना घट गई तब वे तरह-तरह का ज्ञान दे रहे हैं."
किसान नेता राकेश टिकैट ने कहा, 'लाल किला पर जो हुआ, पूरी तरह से गलत था. हिंसा करने वालों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. हम जांच में सहयोग करेंगे. पुलिस ने तय रूट पर बैरिकेड लगा रखे थे. दोपहर एक बजे तक मैं गाजीपुर में था. मैंने किसी से लाल किला जाने के लिए नहीं कहा.'
गणतंत्र दिवस पर कल किसानों के बवाल के बाद प्रशासन ने दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिंबध लगा दिया था. अब नोएडा में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है.
दिल्ली में किसानों की हिंसा पर कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, 'कोई पंधेर, पन्नू और दीप सिद्धू हैं. ये तीन लोग जिन्हें अभी तक पंजाब वालों ने चिन्हित किया है जिन्होंने ये सारा कारनामा किया है. इनको बहुत बड़ी फंडिंग हुई है कि किसानों के आंदोलन को कैसे तबाह करना है. सरकार को ऐसे लोगों को कालकोठरियों में डाल देना चाहिए.'
पुलिस सूत्रों के अनुसार, किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा में कुल 230 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 41 उत्तरी दिल्ली में, 34 पूर्वी दिल्ली में, 27 पश्चिमी दिल्ली में, 32 द्वारका में, 12 बाहरी-उत्तरी जिले में, 5 शाहदरा में, 4 दक्षिण जिले में और 75 दिल्ली के बाहरी जिलों में घायल हुए.
सूत्रों से जानकारी मिली है कि राजधानी में 26 जनवरी में हुए बवाल की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास जाएगी. क्राइम ब्रांच की SIT बनाने की तैयारी है, जो इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी.
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि कल हिंसा के दौरान आईटीओ में एडिशनल डीसीपी सेंट्रल के ऑपरेटर पर तलवार से हमला किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने आठ बसों और 17 प्राइवेट गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया है. इस प्रदर्शन में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
सेंट्रल दिल्ली से नई दिल्ली जाने वाले सारे रास्ते बंद किए गए हैं. एंट्री प्वांइट्स पर जगह-जगह भयंकर जाम लगा हुआ है. कालिंदी कुंज से नोएडा आने व जाने वाले मार्ग पर 2-2 लेन बंद हैं, जिस कारण भारी ट्रैफिक जाम है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा, मिन्टो रोड से कनॉट प्लेस जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है, कृपया इस मार्ग के प्रयोग से बचें.
ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद आज सुबह 10 बजे पंजाब के किसान नेताओं की बैठक होगी. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. बैठक में कल की घटनाओं पर बात होगी. इसके बाद किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, 'देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था. यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण और केंद्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए. साथ ही, बीएसपी की केंद्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लंबे अरसे से चल रहे आंदोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके.'
ट्रैक्टर रैली में हिंसा और किसानों के प्रदर्शन के चलते आज दिल्ली के कई रास्ते बंद हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपने बयान में कहा, गाजीपुर मंडी, NH-9 और NH-24 को बंद कर दिया गया है, जिसे दिल्ली से गाजियाबाद जाना है वह कड़कड़ी मोड़, शाहदरा और DND का इस्तेमाल करें.
ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं. यहां कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. दिल्ली सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 63 दिन हो गए.
पुलिस ने नई दिल्ली में लुटियन जोन में जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए हैं. इंडिया गेट, प्रगति मैदान और मंडी हाउस जाने वाले रास्ते बंद किए गए है. आईटीओ से कनॉट प्लेस जाने वाले रास्ते बंद किए गए हैं. वहीं सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है. कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अबतक 15 FIR दर्ज की जा चुकी हैं. 5 FIR ईस्टर्न रेंज में दर्ज़ की गई हैं. नजफगढ़, हरिदास नगर, उत्तम नगर में एक-एक एफआईआर रात हो चुकी थी. अभी तक की जानकारी के मुताबिक अलग अलग जिलों में कुल 15 एफआईआर कल की हिंसा को लेकर दर्ज हुई है.
कल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने के लिए आए करीब 300 बच्चे और कलाकार किसानों की टैक्ट्रर रैली की वजह लाल किले के पास ही फंस गए थे. परेड में शामिल होने के बाद लाल किला देखने पहुंचे बच्चे और कलाकार प्रदर्शनकारियों के हंगामे की वजह से ये लोग लाल किले में फंस गए थे. हालांकि जैसी ही पुलिस को इन बच्चों और कलाकारों के फंसे होने की खबर मिली उच्च अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से इन लोगों को रेस्क्यू करते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन का एंट्री गेट बंद कर दिया गया है. यहां से यात्रियों को एग्जिट की अनुमति है, लेकिन एंट्री नहीं कर सकते. हालांकि बाकी सभी मेट्रो स्टेशन खुले हैं, सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य है. ये जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने दी है.
ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 7 FIR दर्ज की है. गाजीपुर, अक्षरधाम, आईटीओ, लालकिले, मुकरबा चौक समेत कई इलाकों में हिंसा और तोड़फोड़ मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है. दिल्ली की सड़कों पर तलवारें लहराने की तस्वीरें भी सामने आी हैं. अक्षरधाम के पास निहंग किसानों ने नंगी तलवारें लहराकर दहशत फैलाने की कोशिश की गई.
26 जनवरी पर ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद दिल्ली छावनी बन गई है. पुलिस के साथ CRPF की 15 कंपनिया तैनात कर दी गई हैं. देर रात आंदोलनकारियों से लाल किला खाली करा दिया गया. उपद्रव में 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए. ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. अब तक 7 FIR दर्ज की जा चुकी हैं.
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आज के उपद्रव के पीछे सिख फोर जस्टिस का हाथ है. खालिस्तानी दीप सिद्धू ने ज़िश रची. उन्होंने कहा कि लाल किला पर जो झंडा फहराया गया वो सिखी झंडा नहीं था. हमारा धार्मिक झंडा केसरी होता है पीला नहीं. जिन्होंने लाल क़िला पर कब्ज़ा किया और उपद्रव मचाया वो खालिस्तानी थे. किसान आज के उपद्रव में शामिल नहीं था. उन्होंने कहा, "NIA की जांच हो और जो भी इसके पीछे है, उसको आज ही रात में जेल में डाला जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रावाई की जाये."
शरद पवार ने कहा है कि मुझे लग रहा था कि कहीं ना कहीं यह रास्ते से भटक रहा है. ऐसी स्थिति बनने लगी थी. किसान बिल पर जो चर्चा अभी हो रही वो 2003 से चल रही है. सभी राज्यो के लोगो को विश्वास में लेकर नियम कानून बने यह पहले तय हुआ था. नई सरकार में यह विषय पीछे हट गया. संसद में 3 कानून मोदी सरकार लेकर आई. हमारा यही कहना था कि इसपर चर्चा होनी चाहिए. सेलेक्ट कमेटी में इसकी चर्चा होनी चाहिए. हालांकि 60 दिनों से संयम से आंदोलन चल रहा था. दिल्ली को कड़ाके की सर्दी में अपने मुद्दों के लिए किसान डटे हुए थे यह अभूतपूर्व है.
दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है. शुरुआती दौर में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हो सकते हैं. विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो सकता है.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ''यह बिना किसी संदेह के निंदनीय है और शर्मिंदगी का विषय है. यह गणतंत्र के लिए, देश के लिए शर्मिंदगी का विषय है. मैं किसान नेताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से अपील करता हूं कि पुलिस के दिए रूट को ही मानें. जो लोग तय रूट से बाहर चले गए हैं उन्हें भी त रूट पर ही वापस आ जाना चाहिए. अभी मैं यह भी नहीं जानता कि यह हमारे संगठन के लोग हैं या कौन है? लेकिन ऐसा जो लोग भी कर रहे हैं वो निंदनीय है. मुझे अभी यह नहीं पता कि आगे क्या होगा, लेकिन मैं सिर्फ एक बार और अपील करना चाहता हूं कि इससे आंदोलन और किसान की छवि खराब हो रही है. ऐसा ना करें, पुलिस के रूट पर ही रहें.''
तय रास्ते से हटकर दिल्ली में दाखिल हुए प्रदर्शनकारी किसान अब लाल किला के ऊपर चढ़ चुके हैं. यहां सैकड़ों किसान अपने अपने संगठन का झंडा हाथ में लेकर खड़े हैं.
एबीपी न्यूज ने जब प्रदर्शनकारी किसानों से पूछा कि आपको कहां जाना है तो उन्हें पता ही नहीं है कि जाना कहां है. कोई कह रहा है लाल किला जाना है, कोई कह रहा है इंडिया गेट जाना है, कोई कह रहा है कि जहां मोदी जी ले जाएंगे, तो कोई कह रहा है कि राकेश टिकेट जहां कहेंगे वहां चले जाएंगे. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने मीडियाकर्मी से सिर्फ उनकी बात करने के लिए भी जोर दिया.
दिल्ली के आईटीओ रेड लाइट पर किसानों का हुड़दंग जारी है. बीच चौराहे पर तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं. प्रदर्शकारियों ने पुलिस पर भी ट्रैक्टर चलाने की कोशिश की. कुछ प्रदर्शनकारी मुंह पर कपड़ा बांधकर पुलिस पर पथराव कर कर रहे हैं.
प्रदर्शनकारी किसान अब दिल्ली के लाल किले पहुंच चुके हैं. वहीं आईटीओ के पास पुलिस और किसान आमने सामने आ गए हैं. प्रदर्शनकारी किसान पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे हैं. जवाब में पुलिस भी आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं.
किसानों की ट्रैक्टर रैली पर यूपी के ADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, 'अभी तक पूरे उत्तर प्रदेश में सब कुछ सकुशल चल रहा है. सभी लोग हमारे किसानों से लगातार वार्ता कर रहे हैं. अभी तक शांति है. उत्तर प्रदेश में कहीं भी लाठीचार्ज नहीं किया गया है.'
ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हिंसा के चलते डीएमआरसी ने कुछ मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट दोनों गेट बंद किए. ये स्टेशन हैं- समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, आजादपुर, आदर्श नगर, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा, सिविल लाइन्स.
किसान आंदोलन के नेतृत्व की कमान किसान नेता राकेश टिकैट के हाथों में है. ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हो रही हिंसा पर मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैट ने कहा, 'ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है. मेरी जानकारी में ये नहीं है कि किसान हंगामा कर रहे हैं. मैं तो गाजीपुर बॉर्डर पर हूं. यहां ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा हूं. तिरंगा हमारी आन-बान-शान है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. दिल्ली से किसान वापस लौट जाएंगे.'
पुलिस लगातार किसानों को समझा रही है कि अपने तय रूट पर मार्च निकाले, लेकिन किसान नहीं मान रहे हैं. किसान लगातार आगे दिल्ली की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं. सीमेंट से बने ब्लॉक्स तक उन्होंने तोड़ दिए. कहीं कहीं पर पुलिस सड़क पर बैठ गई है और किसानों से कह दिया है कि अगर उन्हें आगे बढ़ना है तो उन्हें उनके ऊपर से होकर गुजरना होगा.
किसान पूरी तरह से निर्धारित रूट को तोड़कर दिल्ली में घुस चुके हैं. दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए रूट निर्धारित किया गया था. लेकिन अब किसान अनुशासन तोड़ चुके हैं. सुरक्षा गहरा टूट चुका है. पुलिस रोड के साइड में खड़ी है. किसान लाल किले की ओर बढ़ रहे हैं.
किसान नेता कक्काजी ने कहा, "पुलिस को हमें तय रास्ते पर जाने देना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने हमें रोके रखा. जब प्रशासन अपनी बात पर अडिग नहीं रही, तो किसानों को भी थोड़ा रास्ता बदलना पड़ा. प्रशासन हमें लाइनअप नहीं करने दे रहा था, तो किसानों को तय समय से पहले आगे बढ़ना पड़ा. हम स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई वारदात नहीं होगी, सबकुछ काबू में है."
ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले किसान अब दिल्ली में दाखिल हो चुके हैं. किसान मजदूर संघर्ष कमिटी ने तय रूट का उल्लंघन करते हुए बैरिकेड तोड़ दिए और अब आउटर रिंग रोड होते हुए लाल किला की तरफ बढ़ रहे हैं. हालांकि बाकी संगठन निर्धारित रूट से ही जा रहे हैं. शांतिपूर्व प्रदर्शन का दावा करने वाले किसान हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने अपना प्रदर्शन भी तय वक्त से पहले शुरू कर दिया.
रिंग रोड से कनॉट प्लेस और सेंट्रल दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई है. मिंटो ब्रिज से वाहनों की आवाजाही बंद कर बैरिकेड लगा दिए गए हैं. रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों को पैदल ही जाने को कहा जा रहा है. अग्रसेन ब्रिज पर भी रास्तों में बसें खड़ी कर पुलिस ने रास्ता ब्लॉक कर दिया है. आरएएफ की कंपनी भी तैनात की गई है.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों के हंगामा करने की अलग-अलग जगह से खबरें आ ही हैं. अब करनाल बाईपास पर दिल्ली के अंदर प्रवेश करने के लिए पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दी है. वहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पांडव नगर के पास भी किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग हटाकर आगे बढ़ रहे हैं.
सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा, 'हम शांतिपूर्ण तरीके से जाएंगे और वापस आ जाएंगे. हमें रिंग रोड पर जाना है लेकिन पुलिस रोक रही है. लोग आ रहे हैं उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे. 30-45 मिनट का समय दिया गया है तब तक हम यहीं बैठेंगे और फैसला करेंगे.'
किसान ट्रैक्टर रैली को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने ग्रीन लाइन पर कुछ मेट्रो स्टेशन पर एंट्री बंद करने की एडवाइजरी जारी की है. दोबारा एडवाइजरी जारी होने तक इन स्टेशनों पर एंट्री बंद रहेगी, हालांकि एग्जिट गेट खुला रहेगा. ये मेट्रो स्टेशन हैं- ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्री राम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलान, घेरवा, मुंडका इंडस्ट्रीयल एरिया, मुंडका, राजधानी पार्क, नांगलोई रेलवे स्टेशन, नांगलोई.
सिंघु बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंच चुकी है. रैली डीटीयू-शाहबाद-एसबी डेयरी-दरवाला- बवाना टी-पॉइंट- कंझावला चौक-खरखौदा टोल प्लाजा की ओर जाएगी.गाजीपुर पर भी किसान पुलिस बैरिकेडिंग मार्च आगे बढ़ चुके हैं.
सिंघु बॉर्डर और धंसा बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड शुरू हो चुकी है. हालांकि आधिकारिक रुप से संयुक्त किसान मोर्चा की परेड 10 बजे ही शुरु होगी लेकिन पंढ़ेर ग्रुप ने 8 बजे ही अपनी परेड शुरु कर दी है. टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेट तोड़ कर पैदल मार्च शुरु किया. हालांकि ट्रैक्टर परेड अभी शुरु नहीं हुई है. पुलिस ने ये बैरिकेड इसलिए लगा रखा था ताकि समय आने पर खोलेंगे और ट्रैक्टर परेड शुरु कराएंगे.
सिंघु बॉर्डर से किसानों ने ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी है. ट्रैक्टर रैली कंझावला चौक-औचंदी बॉर्डर-केएमपी-जीटी रोड जंक्शन की ओर बढ़ रही है. वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
किसानों को परेड के लिए निर्देश दिए गए हैं- परेड में ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ी चलेंगी, लेकिन ट्रॉली नहीं जाएगी. जिन ट्रालियों में विशेष झांकी बनी होगी उन्हें छूट दी जा सकती है. अपने साथ 24 घंटे का राशन पानी पैक करके चलें. हर ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडा भी लगाया जाए. किसी भी पार्टी का झंडा नहीं लगेगा. अपने साथ किसी भी तरह का हथियार ना रखें, लाठी या जेली भी ना रखें. किसी भी भड़काऊ या नेगेटिव नारे वाले बैनर ना लगाएं.
आज गणतंत्र दिवस और किसानों की ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर कई रास्ते बंद किए गए हैं तो कई रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं. सड़कों पर बड़े-बड़े कन्टेनर रखे गए हैं यानी गाड़ी क्या उन रास्तों से इंसान भी नहीं गुजर पाएगा. क्रेन से सीमेंट के बड़े बड़े टुकड़े बिछाए गए हैं. यानी कि यहां से हर कीमत पर जाना मना है. ट्रैक्टर मार्च के लिए जो रास्ते तय किए गए हैं सिर्फ वही रास्ता खोला गया है, बांकि रास्तों को पूरी तरह बंदकर दिया है.
किसान नेताओं ने आज सुबह 10 बजे नौ जगहों से ट्रैक्टर परेड शुरू करने की घोषणा की है. ढांसा, चिल्ला, शाहजहांपुर , मसानी बराज, पलवल और सुनेढ़ा बॉर्डर से भी ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया गया है. पुलिस से बातचीत होने के बाद भी 2 किसान संगठन नहीं मान रहे हैं. रिंग रोड पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है. वहीं गाजियाबाद लोनी बॉर्डर से बैरिकेडिंग तोड़कर किसान दिल्ली में घुस गए हैं.
किसानों के ट्रैक्टर मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर जाने वाले मुख्य रास्तों को बंद कर दिया है. हालांकि परेड आउटर रिंग रोड पर नहीं जाएगी लेकिन एहतियातन आउटर रिंग रोड पर बड़ी संख्या में ट्रक खड़े कर दिए गए हैं. साथ ही सिंघु बॉर्डर के आसपास भारी संख्या में पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की तैनाती की गई है.
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई सीमाओं पर पहले से ही सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा, 'यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा. हालांकि, गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी.'
कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसान आज गणतंत्र दिवस के मौके पर नौ रूट से ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. जबकि दिल्ली पुलिस ने 3 रुट फाइनल किए हैं, उनमें सिंघु रूट (63 किमी), टिकरी रूट(62.5 किमी) और गाजीपुर रूट (68 किमी) है. किसान संगठनों ने कहा है कि झांसा और चिल्ला बॉर्डर से भी होगी. इसके अलावा शाहजहाँपुर बॉर्डर, मसानी बराज, पलवल और नूह के सुनेढ़ा बॉर्डर से भी किसान परेड होगी.
किसान के ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा बेहद सख्त, दिल्ली पुलिस ने बार्डर पर बढाई बैरिकेडिंग, अहतियातन कंटेनर से कई रास्ते ब्लॉक किए गए हैं. ट्रैक्टर परेड पर किसानों और दिल्ली पुलिस में मतभेद बरकरार है. किसानों को सिर्फ तीन रूट पर पांच हजार ट्रैक्टर लेने जाने की इजाजत मिली है. जबकि किसान नेता 9 रूट पर परेड निकालने की जिद कर रहे हैं.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: Farmers Protest Tractor Rally Red Fort Live Updates: गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है. सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर से शुरु हुई ट्रैक्टर रैलियों में शामिल ट्रैक्टरों का बॉर्डर पर पहुंचना शुरु हो गया है. आईटीओ पर भी किसान इकट्ठा हो गये थे जो अब खाली करा लिया गया है. लाल किले पर भी जमा हुए किसान हटा लिये गये है. वहीं मंगलवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है, और सभी प्रतिभागियों से तुरंत अपने धरना स्थलों पर वापस लौटने की अपील की है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. हिंसा के बाद मंगलवार शाम को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर लगभग 2 घंटे तक बैठक हुई. बैठक के दौरान आईबी निदेशक और गृह सचिव समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में हालात की समीक्षा के बाद अनेक संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने के लिए कहा गया है. सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को अभी भी हिंसा की आशंका है. दिल्ली और बॉर्डर इलाकों में सीआरपीएफ की 15 कंपनियां दिल्ली पुलिस के साथ तैनात की गई हैं.
पुलिस के जवानों को कुचलने की कोशिश
हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी आलोक कुमार ने कहा कि किसानों ने रुट को फॉलो नहीं किया. अक्षरधाम पर किसानों को समझाया गया. उग्र किसानों ने दिल्ली पुलिस के जवानों को कुचलने की कोशिश की और जिन्होंने भी उपद्रव किया है उन पर हम एक्सशन लेंगे.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि ये डिसिप्लिन का टूटना है, संयुक्त किसान मोर्चा से कई बार बात हुई और बात होने के बाद रुट तय हुआ उनकी तरफ से अपील हुई और उसके बाद इस तरह की अफरा तफरी उन्ही के लोगों ने उनकी बात नहीं मानी. हम को इसको पीसफुल चाहते थे, जो भी लोग दिल्ली की तरफ चल पड़े है उनको वापस करने की कोशिश हो रही है.
योगेंद्र यादव ने बताया है कि रैली को कॉल ऑफ किया है. उसका भी असर होगा. लेकिन निश्चित रूप से ये बीच ऑफ डिसिप्लिन है. बीच ऑफ ट्रस्ट है, जो बात इतने डिटेल में हुई थी जो तय हुआ था उनके हिसाब से रुट दिए गए थे. उसका उल्लघंन हुआ है.
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