Farmers Protest LIVE Updates: कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों के धरने का दसवां दिन

कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 21वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. वहीं सरकार भी अपने रुख पर कयम है. सरकार का कहना है कि हम किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार हैं. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ....

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 16 Dec 2020 11:25 AM
हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की तथा उनसे प्रदर्शनकारी किसानों एवं केंद्र के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान निकालने का अनुरोध किया. नयन पाल रावत, रणधीर सिंह गोलेन, राकेश दौलताबाद और धरम पाल गोंदेर ने खट्टर से उनके आवास पर मुलाकात की. रावत ने बताया कि गतिरोध को खत्म करने के बारे में खट्टर से बात हुई और उन्होंने कहा कि राजग सरकार भी इस मुद्दे का जल्द समाधान चाहती है और वह किसानों की कई मांगों पर सहमति जता चुकी है.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) आज सुबह 11 बजे नोएडा चिल्ला बॉर्डर पूरी तरह बंद करेगें. इनका कहना है कि सरकार किसानों को आने नहीं दे रही. हमारे बीस किसान साथी आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं. रविवार को हर गांव हर तहसील में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. किसान संगठन की ओऱ से बताया गया कि अभी तक 150 टोल प्लाज़ा मुक्त हो चुके हैं. किसानों के आंदोलन पर ग़लत आरोप लगा रही है सरकार.
किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि हमें सरकार की नीयत पर शक है. अभी तक पीएम ने किसानों के लिये दो शब्द नहीं कहे, हाल नहीं पूछा. 6 साल से पीएम किसी किसान संगठन से नहीं मिले. रेडियो पर मन की बात करते हैं पर किसानों से बात नहीं करते.
किसान नेताओं ने कहा कि यह ऐतिहासिक आंदोलन है और किसानों की एकता तो तोड़ने की हर संभव कोशिश विफल होगी. संगठनों ने कहा कि हमने उनका प्रस्ताव इसलिए ठुकराया की हम संशोधन नहीं चाहते. हम उनकी हर बैठक में जाने को तैयार हैं. पर सरकार हमारी मांग मानने को तैयार तो हो.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार पूरे आंदोलन को बदनाम करना चाहती है. लोग सड़कों पर आ बैठे हैं, सरकार को ज़रूरत है कि पहले तीनों बिलो को रद्द किया जाए उसके बाद ही बात होगी.किसान संगठनों ने बताया कि अब तक 13-14 किसान भाई की मौत किसान आंदोलन में हुई है. 20 दिसंबर को श्रंद्धाजलि समारोह रखा गया है. किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि इस आंदोलन को और विशाल बनाया जाएगा.
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 21वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. वहीं सरकार भी अपने रुख पर कयम है. सरकार का कहना है कि हम किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार हैं.

किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- किसान को डरने की जरूरत नहीं है. कानून के माध्यम से हमारी कोशिश थी कि किसान को दर दर भटका ना पड़े, किसी पर निर्भर ना रहना पड़े. अपने खेत से अपनी फसल बेच सके, जितना रोकना हो रोक सके. इसके लिए एक लाख करोड़ के इंफ्रस्ट्रक्चर के फंड की व्यवस्था की है. अभी तक किसान को मंडी में बोली पर लगी कीमत पर मजबूर होना पड़ता है. हम इसे खोलना चाहते थे. हम लोग चाहते थे कि अगर टैक्स फ्री ट्रेड होगा, उसके खेत ही ट्रेड होगा तो उसे टैक्स से भी राहत मिलेगी. अगर एपीएमसी के बाहर बिना टैक्स के खरीद होगी तो लोग उसकी तरफ ही आकर्षित होंगे. पंजाब और हरियाणा में मंडी की मजबूत व्यवस्था है, इसलिए वहां किसानों को ज्यादा दिक्कत है. हमने राज्य सरकारों को मंडी से बाहर होने वाली ट्रेड पर टैक्स लगाने की बात की थी. सरकार की मंशा है कि किसान को अपनी फसल कहीं बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए. किसान अगर कोई प्रस्ताव देते हैं तो हम इस विचार करने के लिए तैयार हैं.
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- आजादी को 73 साल हो गए हैं, हमें किसी भी चीज को अविश्वास की बुनियाद से देखना शुरू नहीं करना चाहिए. अगर कोई गड़बड़ करता है तो उसके लिए कानून भी हैं और जागरुक किसान भी हैं. किसान कानून की जंजीरों से जितना मुक्त होगा उतनी ही आसानी से अपना जीवन जी सकेगा. हमने इसी नीयत से पैन कार्ड पर खरीदी का प्रस्ताव रखा था लेकिन अगर किसानों को इस पर आपत्ति है तो हमने व्यापारी के पंजीकरण के प्रावधान की भी बात कही है.

किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- एमएसपी का विषय सदन में भी चर्चा के दौरान आया था. मैंने और प्रधानमंत्री ने देश को आश्वास्त किया है कि एमएसपी पर किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. एमएसपी पर खरीद को बढ़ाया गया है, एमएसपी पर पहले सिरअफ गेहूं और धान की खरीद होती थी लेकिन अब दलहत और तिलहन को भी शामिल किया जा रहा है. हमने किसान नेताओं से कहा है कि कुछ चीजें कानून में नहीं होतीं और वो प्रशासकीय निर्णय से चलती हैं. एमएसपी भारत सरकार के प्रशासनीत निर्णय में शामिल है.
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- एसडीएम को हमने इसलिए रखा था क्योंकि वो किसान की सबसे नजदीक की इकाई है. एसडीएम के यहां सिर्फ एक एप्लिकेशन पर संज्ञान लेकर उस पर कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए ज्यादा वकील की भी जरूरत नहीं है. लेकिन इस पर कुछ किसानों को एतराज है. उनका कहना है कि इसमें कोर्ट का भी प्रावधान हो. सरकार को इससे कोई एतराज नहीं है. सरकार का मानना है कि किसानों को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- किसान यूनियन के सामने कानून के पीछे जो भाव सरकार है उसे हमने विस्तार से रखा है. सारा देश देख रहा है कि कानून के हर क्लॉज का फायदा किसानों को मिलना शुरू हो रहा है. होशंगाबाद में एसडीएम की कार्रवाई इसलिए हो सकी क्योंकि कानून में प्रावधान है. लेकिन अगर यही विषय अगर कोर्ट में जाता तो शायद इतनी जल्दी इसका हल नहीं निकल पाता. कोर्ट में पहले से बहुत केस पेंडिग रहते हैं, इसलिए इतनी जल्दी न्याय मिलना संभव नहीं हो पाता.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- हम किसान यूनियन के संपर्क में हैं, हमारा प्रयास है कि जल्द ही प्रस्ताव पर सहमति हो. सर्दी का मौसम है, कोविड का संकट भी है. इसीलिए सरकार को चिंता है कि समस्या का समाधान जल्दी हो.

किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.

किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.
बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि समिति के अध्यक्ष तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सुदीप बंदोपाध्याय हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि समिति में अधिकारियों से एमएसपी को लेकर भी सवाल जवाब हो सकता है. हालांकि सरकार की ओर से प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने बार बार साफ़ किया है कि सरकार एमएसपी को हमेशा बनाए रखेगी और इसे कभी ख़त्म नहीं किया जाएगा.
किसान आंदोलन के बीच आज आज खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई है. बैठक में खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया है. बैठक में फसलों की ख़रीद , उसके रखरखाव और वितरण के बारे में अधिकारियों से सवाल पूछे जाएंगे. मंत्रालय के साथ साथ बैठक में भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी भी शामिल होंगे. सरकार की ओर से भारतीय खाद्य निगम (FCI) ही किसानों से मुख्य रूप से गेहूं और चावल के अलावा दलहन और तिलहन फ़सलों की ख़रीद कर उसका रखरखाव करती है.
किसानों और सरकार के बीत जारी टकराव के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि किसानों कानून समझने चाहिए, सराकर उनके साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं करेगी. गडकरी ने कहा, ''
किसानों को आकर कानून समझने चाहिए. हमारी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है और उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा. कुछ तत्व हैं जो इस आंदोलन का गलत इस्तेमाल कर इसे भटकाना चाहते हैं. यह गलत है. किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.''
किसानों और सरकार के बीत जारी टकराव के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि किसानों कानून समझने चाहिए, सराकर उनके साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं करेगी. गडकरी ने कहा, ''
किसानों को आकर कानून समझने चाहिए. हमारी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है और उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा. कुछ तत्व हैं जो इस आंदोलन का गलत इस्तेमाल कर इसे भटकाना चाहते हैं. यह गलत है. किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात में कच्छ के एक दिवसीय दौरे पर आएंगे. कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के बीच वह कच्छ के कृषक समुदाय के अलावा गुजरात के सिख किसानों से भी मुलाकात करेंगे. ए प्रधानमंत्री कुछ परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे और कच्छ में धोरडो के किसानों और कलाकारों के साथ संवाद करेंगे. मुख्य कार्यक्रम से पहले वह कच्छ के किसानों के साथ चर्चा करेंगे. भारत-पाक सीमा के पास बसे सिख किसानों को प्रधानमंत्री से संवाद के लिए आंमत्रित किया गया है. कच्छ जिले की लखपत तालुका में और इसके आसपास मिलाकर करीब 5,000 सिख परिवार रहते हैं.
केंद्र सरकार की ओर से साफ किया गया है कि किसानों से बातचीत का विकल्प अब भी खुला है. कृषि मंत्री ने कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, किसान अगर कोई प्रस्ताव भेजते हैं तो हम तैयार हैं. वहीं दूसरी ओर किसान अड़े कि कानून वापस लेने ही होंगे.


किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार है. किसान आज आंदोलन की आगे की रणनीति तय करेंगे, इसके लिए आज किसान नेताओं की अहम बैठक होनी है. आज किसानों की बैठक के बाद आंदोलन तेज करने का फैसला लिया जा सकता है. किसान नेता आंदोलन जारी रखने के साथ साथ सरकार से बातचीत की अपील भी कर रहे हैं.
किसानों के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चर्चा हो रही है. इस दौरान पंजाब बीजेपी अध्यक्ष और सांसद अश्विनी कुमार शर्मा, केन्द्रीय मंत्री सोम प्रकाश और पंजाब बीजेपी के संगठन मंत्री पहुंचे हैं.
देशभर के करीब 10 किसान यूनियनों से बात करन के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- आज आल इंडिया किसान समन्वय समिति के किसान आए थे. उन्होंने हमारे कृषि क़ानून का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मोदीजी सरकार ने नेक काम किया है. हम चर्चा के लिए खुले हुए हैं .... किसानों का कार्यक्रम चल रहा है, अगर बातचीत का कोई प्रस्ताव भेजेंगे तो करेंगे. हमारी इच्छा है कि किसान क़ानून की हर धारा पर चर्चा करें.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के नाम पर हम सियासत नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे किसानों से नहीं मिलने दिया गया. दिल्ली के सीएम ने नए कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके आने से अनाज का दाम बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि परिवार में एक बेटा किसान बना और दूसरा जवान. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वाले अपने बच्चों को बॉर्डर पर भेजें.
हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन पर सोमवार को कहा कि कृषि मंत्री और गृह मंत्री लगातार चर्चा कर रहे हैं. अगले दौर की वार्ता जल्द होगी. मुझे उम्मीद है कि जो पहले 40 संगठन बातचीत के लिए आथे थे वह अगले दौर की वार्ता मे शामिल होंगे और निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.
‘आप’ के मंत्रियों और विधायकों ने उपवास रखकर किया किसानों का समर्थन
आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों ने केन्द्र की तरफ से लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में उपवास रखकर उनका समर्थन किया. इस मौके पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन, गोपाल राय और अतिशि मार्लेना मौजूद थीं.
तीनों नए कृषि बिलों पर अपना समर्थन देने के ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से जुड़े 10 संगठन केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ बैठक कर रहे हैं.
राकेश टिकैत ने किसानों को समझाकर जाम खुलवाया
गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 11.00 बजे कुछ प्रदर्शनकारी नेशनल हाइवे 24 पर धरने पर बैठ गए, जिसके चलते यहां एक लंबा जाम लग गया था. लेकिन कुछ देर बाद ही प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटवा दिया गया. दरअसल कृषि कानून के खिलाफ नाराजगी जताते हुए प्रदर्शनकारियों का एक गुट फिर से सड़कों पर उतर आया. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देख उन्हें समझाने के लिए उनके पास पहुंचे और उनसे अपील की कि आप सभी सड़क से उठ जाएं.
राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर पपेट शो आयोजित
कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पपेट शो आयोजित किया. पपेट कलाकार ने बताया, "कठपु​लती के माध्यम से मैं किसानों की बात कहना चाहता हूं कि तीनों कानूनों को खत्म करो."
किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'आम आदमी पार्टी पहले दिन से किसानों के आंदोलन के समर्थन में है. हमने दिल्ली में स्टेडियम को जेल बनने से रोका, किसानों की सेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट किया गया लेकिन हमारी लड़ाई और समर्थन जारी रहेगा.'

कृषि मामलों पर 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स' की बैठक खत्म
कृषि मामलों पर 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स' (GOM) की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे. उधर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का अनशन जारी है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, 'किसी भी काम या आंदोलन को लेकर जिद पर अड़ जाने से समाधान नहीं होता है. समाधान निश्चित रूप से मिल बैठकर निकलता है. मैं किसान भाईयों से आग्रह करूंगा कि भारत सरकार आपके साथ बैठने के लिए तैयार है.'


किसान आंदोलन को हवा दे रही है कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन को हवा दे रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान और सरकार की वार्ता जल्द ही असर दिखाएगी और आंदोलन खत्म होगा. बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में सिंह ने कहा, "देश का किसान सशक्त और खुशहाल हो, इसके लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं."
फिक्की के वार्षिक सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है. हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है.'
केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन करने की अपील की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन करने की अपील की और कहा कि अंत में किसानों की जीत होगी. केजरीवाल भी किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन कर रहे हैं. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "उपवास पवित्र होता है. आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए. प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए. अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी."
कृषि मामलों की GOM बैठक शुरू
किसान आंदोलन के बीच कृषि मामलों पर GOM बैठक शुरू हो गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम अधिकारी इस बैठक में मौजूद हैं.
किसानों को जम्मू के किसानों का समर्थन
नए कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को अब देशभर से समर्थन मिल रहा है. आंदोलन कर रहे इन किसानों को अब जम्मू से सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है. आज सुबह जम्मू के पोस्ट गांधीनगर इलाके में इन संगठनों ने जमा होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केंद्र सरकार से किसानों की मांगों का निपटारा करने की मांग की.
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के सांसदों का प्रदर्शन जारी
कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है. सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया, "किसान जो भी आंदोलन करेंगे हम उसमें भाग लेंगे. जितनी देर किसान भूख हड़ताल पर हैं उतनी देर मैं और MLA कुलबीर जीरा भी भूख हड़ताल पर हैं."
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पहुंचे

उत्तर प्रदेश में कृषि कानूनों के​ विरोध में किसान नेता दलित प्रेरणा स्थल पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "सरकार किसानों को आंदोलन में कुछ नया करने के लिए मजबूर न करे और जल्दी हमारी मांग मान ले."
केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा, 'अब आंदोलन करने का कोई मतलब नहीं है. किसानों को जिद छोड़ देनी चाहिए. तीनों कानूनों में कोई कमी नहीं है. सरकार आगे की बातचीत के लिए तैयार है. किसानों की मुख्य मांगे मान ली गई हैं.'
थोड़ी देर में कृषि मामलों की GOM बैठक होने वाली है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहेंगे. आज किसान आंदोलन का 19वां दिन भी है. ऐसे में ये बैठक काफी अहम हो जाती है.
BKU एकता उग्रहान के नेता भूख-हड़ताल नहीं करेंगे
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे. सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी. सुखदेव ने कहा, 'हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे.'
अमरिंदर सिंह के आरोप का केजरीवाल ने दिया जवाब
किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के नेता भूख हड़ताल पर बैठे
किसान आंदोलन के समर्थन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन, गोपाल राय और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भूख हड़ताल पर बैठ हुए हैं.
आंदोलनकारी किसानों का अनशन, कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे तेज
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया है. इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है. किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, "किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है."
कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर (राजस्थान-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम दिल्ली जा रहे थे हमें हरियाणा पुलिस ने रोका, किसान संगठन जब बुलाएंगे तो हम नाकों को तोड़ कर दिल्ली बॉर्डर पर जाएंगे. 500 ट्रैक्टर-ट्राली आ रहे हैं."

सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता कृषि कानूनों के खिलाफ भूख हड़ताल कर रहे हैं

भारतीय किसान यूनियन दोआबा के अध्यक्ष मनजीत ने कहा, 'हम सरकार को ये संदेश (भूख हड़ताल से) देना चाहते हैं कि जो अन्नदाता देश का पेट भरता है उसको आज आपकी गलत नीतियों की वजह से भूखा बैठना पड़ रहा है.'


जामिया के छात्रों को प्रदर्शन में शामिल होने से रोका
किसानों ने रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक समूह को यूपी गेट (गाजियाबाद)-गाजीपुर (दिल्ली) सीमा पर अपने प्रदर्शन में शामिल होने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि लड़कियों समेत छह छात्रों का समूह गीत गाता और डफली बजाता हुआ किसानों को समर्थन देने आया था. डीएसपी अंशू जैन ने कहा कि जब किसान नेताओं ने प्रदर्शन स्थल पर छात्रों की मौजूदगी पर आपत्ति जतायी तो पुलिस ने उन्हें वापस भेज दिया.
दिल्ली सीमा से किसानों को हटाने संबंधी याचिका पर 16 दिसंबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं. याचिका में कहा गया है कि रास्ता बंद होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इससे कोविड-19 के मामलों में भी इजाफा हो सकता है.
MSP से कम पर खरीद को गैर कानूनी घोषित करने की मांग
किसानों के आंदोलन के बीच आरएसएस से संबद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने खामियों को दूर करने के लिए कानून में कुछ संशोधन करने का सुझाव दिया. एसजेएम द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जानी चाहिए और एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए.
MP में किसानों ने नए कृषि कानून के तहत हुई फसल खरीद का भुगतान मांगा

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में राइस मिल द्वारा किसानों की धान की फसल खरीदे जाने के बाद अभी तक भुगतान न होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के आधार पर मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. किसानों को न्याय दिलाने के लिए नए कृषि कानूनों के तहत प्रकरण दर्ज किया जा रहा है.
उत्तराखंड के किसानों ने कृषि कानूनों का किया समर्थन
हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड के दर्जनों किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन किया है. उत्तराखंड के किसानों का कहना है कि सितंबर में बने तीनों कानून कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होंगे. तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, "उत्तराखंड से आए किसान भाई मुझसे मिले और उन्होंने कृषि सुधार बिलों को समझा और राय दी. भारत सरकार की ओर से सभी किसान भाइयों का आभार व्यक्त करता हूं. किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं."
भाजपा उत्तर प्रदेश में आज से शुरू करेगी किसान सम्‍मेलन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में विभिन्‍न स्‍थानों पर आज से किसान सम्‍मेलन आयोजित करने जा रही है. केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है.
किसानों के समर्थन में पंजाब के डीआईजी-जेल ने दिया इस्तीफा
देशभर में चल रहे किसान आंदोलनों को अपना समर्थन देने के लिए पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका कहना है कि वह पहले एक किसान हैं और बाद में पुलिस अफसर हैं. 56 वर्षीय जाखड़ को मई में जेल कर्मियों से हर महीने रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी मां ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए प्रेरित किया है, ताकि वह दिल्ली में किसानों के साथ बैठ सके.
राजस्थान से दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा बॉर्ड़र पर रोका
जयपुर नेशनल हाईवे जाम करने के लिए राजस्थान के किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं. मगर हरियाणा पुलिस ने रेवाड़ी जिले की सीमा शुरू होते ही जबरदस्त इंतजाम कर रखे हैं. किसान हरियाणा बॉर्डर पर रेवाड़ी शहर से 22 किलोमीटर की दूरी पर और गुरुग्राम से 74 किलोमीटर की दूरी पर रुके हुए हैं, वहीं पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया है.
दिल्ली में आप दफ्तर पर कार्यकर्ताओं का उपवास
किसानों के सामूहिक उपवास के आह्वान के समर्थन में आज देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उपवास करेंगे. बिना झंडा और टोपी के उपवास किया जायेगा. आज सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ITO पार्टी ऑफिस पर उपवास किया जाएगा.
किसानों के समर्थन में केजरीवाल रखेंगे एक दिन का उपवास
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज एकदिवसीय अनशन करेंगे. केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं और देश के लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की है. केजरीवाल ने बीजेपी नीत केंद्र सरकार से अहंकार छोड़कर और आंदोलनकारी किसानों की मांग के मुताबिक तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को कहा.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार पूरे आंदोलन को बदनाम करना चाहती है. लोग सड़कों पर आ बैठे हैं, सरकार को ज़रूरत है कि पहले तीनों बिलो को रद्द किया जाए उसके बाद ही बात होगी.


किसान संगठनों ने बताया कि अब तक 13-14 किसान भाई की मौत किसान आंदोलन में हुई है. 20 दिसंबर को श्रंद्धाजलि समारोह रखा गया है. किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि इस आंदोलन को और विशाल बनाया जाएगा. यह ऐतिहासिक आंदोलन है और किसानों की एकता तो तोड़ने की हर संभव कोशिश विफल होगी. संगठनों ने कहा कि हमने उनका प्रस्ताव इसलिए ठुकराया की हम संशोधन नहीं चाहते. हम उनकी हर बैठक में जाने को तैयार हैं. पर सरकार हमारी मांग मानने को तैयार तो हो.


किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि हमें सरकार की नीयत पर शक है. अभी तक पीएम ने किसानों के लिये दो शब्द नहीं कहे, हाल नहीं पूछा. 6 साल से पीएम किसी किसान संगठन से नहीं मिले. रेडियो पर मन की बात करते हैं पर किसानों से बात नहीं करते.

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