Farmers Protest LIVE Updates: कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों के धरने का दसवां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का 21वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. वहीं सरकार भी अपने रुख पर कयम है. सरकार का कहना है कि हम किसान संगठनों से चर्चा के लिए तैयार हैं. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ....
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- किसान को डरने की जरूरत नहीं है. कानून के माध्यम से हमारी कोशिश थी कि किसान को दर दर भटका ना पड़े, किसी पर निर्भर ना रहना पड़े. अपने खेत से अपनी फसल बेच सके, जितना रोकना हो रोक सके. इसके लिए एक लाख करोड़ के इंफ्रस्ट्रक्चर के फंड की व्यवस्था की है. अभी तक किसान को मंडी में बोली पर लगी कीमत पर मजबूर होना पड़ता है. हम इसे खोलना चाहते थे. हम लोग चाहते थे कि अगर टैक्स फ्री ट्रेड होगा, उसके खेत ही ट्रेड होगा तो उसे टैक्स से भी राहत मिलेगी. अगर एपीएमसी के बाहर बिना टैक्स के खरीद होगी तो लोग उसकी तरफ ही आकर्षित होंगे. पंजाब और हरियाणा में मंडी की मजबूत व्यवस्था है, इसलिए वहां किसानों को ज्यादा दिक्कत है. हमने राज्य सरकारों को मंडी से बाहर होने वाली ट्रेड पर टैक्स लगाने की बात की थी. सरकार की मंशा है कि किसान को अपनी फसल कहीं बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए. किसान अगर कोई प्रस्ताव देते हैं तो हम इस विचार करने के लिए तैयार हैं.
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- एमएसपी का विषय सदन में भी चर्चा के दौरान आया था. मैंने और प्रधानमंत्री ने देश को आश्वास्त किया है कि एमएसपी पर किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. एमएसपी पर खरीद को बढ़ाया गया है, एमएसपी पर पहले सिरअफ गेहूं और धान की खरीद होती थी लेकिन अब दलहत और तिलहन को भी शामिल किया जा रहा है. हमने किसान नेताओं से कहा है कि कुछ चीजें कानून में नहीं होतीं और वो प्रशासकीय निर्णय से चलती हैं. एमएसपी भारत सरकार के प्रशासनीत निर्णय में शामिल है.
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा- भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.
किसानों को आकर कानून समझने चाहिए. हमारी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है और उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा. कुछ तत्व हैं जो इस आंदोलन का गलत इस्तेमाल कर इसे भटकाना चाहते हैं. यह गलत है. किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.''
किसानों को आकर कानून समझने चाहिए. हमारी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है और उनकी ओर से दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. हमारी सरकार में किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा. कुछ तत्व हैं जो इस आंदोलन का गलत इस्तेमाल कर इसे भटकाना चाहते हैं. यह गलत है. किसानों को तीनों कृषि कानूनों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.''
आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों ने केन्द्र की तरफ से लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में उपवास रखकर उनका समर्थन किया. इस मौके पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन, गोपाल राय और अतिशि मार्लेना मौजूद थीं.
गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 11.00 बजे कुछ प्रदर्शनकारी नेशनल हाइवे 24 पर धरने पर बैठ गए, जिसके चलते यहां एक लंबा जाम लग गया था. लेकिन कुछ देर बाद ही प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटवा दिया गया. दरअसल कृषि कानून के खिलाफ नाराजगी जताते हुए प्रदर्शनकारियों का एक गुट फिर से सड़कों पर उतर आया. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देख उन्हें समझाने के लिए उनके पास पहुंचे और उनसे अपील की कि आप सभी सड़क से उठ जाएं.
कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पपेट शो आयोजित किया. पपेट कलाकार ने बताया, "कठपुलती के माध्यम से मैं किसानों की बात कहना चाहता हूं कि तीनों कानूनों को खत्म करो."
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'आम आदमी पार्टी पहले दिन से किसानों के आंदोलन के समर्थन में है. हमने दिल्ली में स्टेडियम को जेल बनने से रोका, किसानों की सेवा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट किया गया लेकिन हमारी लड़ाई और समर्थन जारी रहेगा.'
कृषि मामलों पर 'ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स' (GOM) की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे. उधर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का अनशन जारी है.
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन को हवा दे रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान और सरकार की वार्ता जल्द ही असर दिखाएगी और आंदोलन खत्म होगा. बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में सिंह ने कहा, "देश का किसान सशक्त और खुशहाल हो, इसके लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं."
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन करने की अपील की और कहा कि अंत में किसानों की जीत होगी. केजरीवाल भी किसानों के समर्थन में एक दिन का अनशन कर रहे हैं. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "उपवास पवित्र होता है. आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए. प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए. अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी."
किसान आंदोलन के बीच कृषि मामलों पर GOM बैठक शुरू हो गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम अधिकारी इस बैठक में मौजूद हैं.
नए कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को अब देशभर से समर्थन मिल रहा है. आंदोलन कर रहे इन किसानों को अब जम्मू से सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है. आज सुबह जम्मू के पोस्ट गांधीनगर इलाके में इन संगठनों ने जमा होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केंद्र सरकार से किसानों की मांगों का निपटारा करने की मांग की.
कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर पंजाब के कांग्रेस सांसदों का विरोध प्रदर्शन जारी है. सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया, "किसान जो भी आंदोलन करेंगे हम उसमें भाग लेंगे. जितनी देर किसान भूख हड़ताल पर हैं उतनी देर मैं और MLA कुलबीर जीरा भी भूख हड़ताल पर हैं."
भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के 32 किसान यूनियन के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भूख हड़ताल नहीं करेंगे. सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी. सुखदेव ने कहा, 'हम एक दिन का अनशन नहीं करेंगे.'
किसान आंदोलन के समर्थन में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन, गोपाल राय और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भूख हड़ताल पर बैठ हुए हैं.
किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ अनशन शुरू कर दिया है. इस बीच, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन से और लोगों के जुड़ने की संभावना है. किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, "किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है."
किसानों ने रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक समूह को यूपी गेट (गाजियाबाद)-गाजीपुर (दिल्ली) सीमा पर अपने प्रदर्शन में शामिल होने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि लड़कियों समेत छह छात्रों का समूह गीत गाता और डफली बजाता हुआ किसानों को समर्थन देने आया था. डीएसपी अंशू जैन ने कहा कि जब किसान नेताओं ने प्रदर्शन स्थल पर छात्रों की मौजूदगी पर आपत्ति जतायी तो पुलिस ने उन्हें वापस भेज दिया.
सुप्रीम कोर्ट 16 दिसंबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं. याचिका में कहा गया है कि रास्ता बंद होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इससे कोविड-19 के मामलों में भी इजाफा हो सकता है.
किसानों के आंदोलन के बीच आरएसएस से संबद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने खामियों को दूर करने के लिए कानून में कुछ संशोधन करने का सुझाव दिया. एसजेएम द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जानी चाहिए और एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए.
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में राइस मिल द्वारा किसानों की धान की फसल खरीदे जाने के बाद अभी तक भुगतान न होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के आधार पर मिल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इस मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है. किसानों को न्याय दिलाने के लिए नए कृषि कानूनों के तहत प्रकरण दर्ज किया जा रहा है.
हरियाणा के बाद अब उत्तराखंड के दर्जनों किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन किया है. उत्तराखंड के किसानों का कहना है कि सितंबर में बने तीनों कानून कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होंगे. तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, "उत्तराखंड से आए किसान भाई मुझसे मिले और उन्होंने कृषि सुधार बिलों को समझा और राय दी. भारत सरकार की ओर से सभी किसान भाइयों का आभार व्यक्त करता हूं. किसानों के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं."
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आज से किसान सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को देखते हुए पार्टी ने यह कदम उठाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयक को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है.
देशभर में चल रहे किसान आंदोलनों को अपना समर्थन देने के लिए पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका कहना है कि वह पहले एक किसान हैं और बाद में पुलिस अफसर हैं. 56 वर्षीय जाखड़ को मई में जेल कर्मियों से हर महीने रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी मां ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए प्रेरित किया है, ताकि वह दिल्ली में किसानों के साथ बैठ सके.
जयपुर नेशनल हाईवे जाम करने के लिए राजस्थान के किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं. मगर हरियाणा पुलिस ने रेवाड़ी जिले की सीमा शुरू होते ही जबरदस्त इंतजाम कर रखे हैं. किसान हरियाणा बॉर्डर पर रेवाड़ी शहर से 22 किलोमीटर की दूरी पर और गुरुग्राम से 74 किलोमीटर की दूरी पर रुके हुए हैं, वहीं पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया है.
किसानों के सामूहिक उपवास के आह्वान के समर्थन में आज देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उपवास करेंगे. बिना झंडा और टोपी के उपवास किया जायेगा. आज सुबह 10 से शाम 5 बजे तक ITO पार्टी ऑफिस पर उपवास किया जाएगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज एकदिवसीय अनशन करेंगे. केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं और देश के लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की है. केजरीवाल ने बीजेपी नीत केंद्र सरकार से अहंकार छोड़कर और आंदोलनकारी किसानों की मांग के मुताबिक तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को कहा.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी तक तीन कृषि कानून को लेकर जारी गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है. मंगलवार शाम को किसान संगठनों की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें संगठन पुरानी बातों को ही दोहराते दिखे. साथ ही सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार पूरे आंदोलन को बदनाम करना चाहती है. लोग सड़कों पर आ बैठे हैं, सरकार को ज़रूरत है कि पहले तीनों बिलो को रद्द किया जाए उसके बाद ही बात होगी.
किसान संगठनों ने बताया कि अब तक 13-14 किसान भाई की मौत किसान आंदोलन में हुई है. 20 दिसंबर को श्रंद्धाजलि समारोह रखा गया है. किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि इस आंदोलन को और विशाल बनाया जाएगा. यह ऐतिहासिक आंदोलन है और किसानों की एकता तो तोड़ने की हर संभव कोशिश विफल होगी. संगठनों ने कहा कि हमने उनका प्रस्ताव इसलिए ठुकराया की हम संशोधन नहीं चाहते. हम उनकी हर बैठक में जाने को तैयार हैं. पर सरकार हमारी मांग मानने को तैयार तो हो.
किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि हमें सरकार की नीयत पर शक है. अभी तक पीएम ने किसानों के लिये दो शब्द नहीं कहे, हाल नहीं पूछा. 6 साल से पीएम किसी किसान संगठन से नहीं मिले. रेडियो पर मन की बात करते हैं पर किसानों से बात नहीं करते.
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