Farmers Protest LIVE Updates: भारतीय कबड्डी टीम के कोच सांगवान बोले- किसानों की मांग नहीं मानी तो लौटा दूंगा अर्जुन अवॉर्ड
दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है. किसान यूनियन की पंजाब इकाई ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को बंद करने की चेतावनी दी थी. लेकिन हाईवे बंद कराने कोई नेता पहुंचा ही नहीं. संगठन ने अब रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ...
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कृषि सुधार कानूनों लेकर दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है. कल किसानों ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके साथ ही किसानों ने आंदोलन और तेज करने की भी बात कही. किसानों ने साफ तौर पर कहा कि हम सरकार को सिर्फ एक लाइन का जवाब भेजेंगे कि हमें आपका प्रस्ताव नामंजूर है.
गृहमंत्री के घर बैठक, कृषि मंत्री भी शामिल हुए
वहीं दूसरी ओर से कानून वापसी पर अड़े किसानों को मनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर औऱ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया तोमर ने शाह से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त किए जाने के रास्तों पर चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि किसानों को कोई नया प्रस्ताव भेजा जाए या नहीं.
किसान बोले- आंदोलन तेज करेंगे, कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं
सरकार के 20 पन्नों के प्रस्ताव को तसल्लीबख्श पढ़ने के बाद भी किसानों ने खारिज कर दिया. सरकार के दिए प्रस्ताव को आंदोलनकारी किसानों ने गोल-मोल बताया. किसानों ने कहा कि जो बातें पिछले पांच मीटिंग के दौर हुईं, सरकार ने अपने प्रस्ताव में उन्हीं बातों को लिखा है.
किसानों ने बताा कि 14 को पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन होगा. दिल्ली के आसपास के राज्यों में धरने होंगे. 12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री कर दिया जाएगा. 12 तारीख को या उससे पहले दिल्ली जयपुर हाइव को बंद कर दिया जाएगा. किसानों ने रिलायंस और जियो के सभी प्रोडॉक्ट का बायकॉट करने की भी अपील की.
क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.