Farmers Protest LIVE Updates: किसान आंदोलन का 28वां दिन, केंद्र की चिट्ठी पर फैसले के लिए सिंघु बॉर्डर पर होगी किसानों की बैठक
किसान आंदोलन का 28वां दिनः कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को करीब एक महीना होने वाला है. किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बनें रहें एबीपी न्यूज़ के साथ...
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नई दिल्ली: कृषि बिल के खिलाफ दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है. केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजी गई चिट्ठी पर किसान संगठन आज फैसला लेंगे. मंगलवार को सहमति न होने की वजह से आज सुबह 11 बजे सिंघु बॉर्डर पर एक बार फिर से बैठक होगी. इस बीच किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं. अलग अलग बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है. किसान संगठनों ने देश के किसानों से आज एक वक्त खाना ना खाने का आह्वान भी किया है.
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि देश भर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा. संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें. जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिख कर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके.
सरकार और किसानों के बीच कब-कब बातचीत हुई
सबसे पहले अक्टूबर में पंजाब के किसान संगठनों के नेताओं के साथ 14 अक्टूबर को कृषि सचिव से वार्ता हुई थी. इसके बाद 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी वार्ता हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद थे.
सरकार के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें दौर की वार्ताएं क्रमश: एक दिसंबर, तीन दिसंबर और पांच दिसंबर को विज्ञान भवन में ही हुईं, जिनमें तीनों मंत्री मौजूद थे. इसके बाद आठ दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद सरकार की ओर से किसान संगठनों के नेताओं को कानूनों में संशोधन समेत अन्य मसलों को लेकर सरकार की ओर से एक प्रस्ताव नौ दिसंबर को भेजा गया, जिसे उन्होंने नकार दिया दिया था.
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