Farmers Protest LIVE Updates: किसानों और सरकार के बीच कल होगी बातचीत, कृषि मंत्री ने दोपहर 3:00 बजे बुलाया

Delhi Chalo: दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे हुए हैं. सीमा पर आज किसान आंदोलन का 5वां दिन है. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है. लेकिन किसानों का एक गुट सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ही डेरा डाले हुआ है और सरकार से बिना शर्त बातचीत की मांग कर रहा है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 30 Nov 2020 11:38 PM
कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच कल बातचीत होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को बातचीत के लिए दोपहर 3:00 बजे विज्ञान भवन बुलाया है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि अमित शाह जी ने आश्वासन दिया है कि संगठन के लोग सरकार से बातचीत करें. क्या इसमें(नए कृषि कानूनों) कोई सुधार हो सकता है, इस संबंध में सरकार निर्णय ले सकती है. उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर को नरेंद्र सिंह तोमर जी ने सभी संगठनों को बुलाया है.
किसान आंदोलन के मद्देनज़र दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट जारी की है. अलर्ट में कहा गया है, "सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से अभी भी बंद है. कृपया कोई वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करें. जीटीके रोड और मुबरका चौक से ट्रैफिक डाइवर्ट किया जा रहा है. बहुत ज्यादा जाम है. कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड, एनएच 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें."
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को प्रस्ताव दिया गया था कि सड़क पर रहने की बजाय बुराड़ी ग्राउंड में जाएं. जहां बेहतर इंतजाम किए गए हैं. पुलिस ने अच्छा इंतजाम किया है, हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कृषि क्षेत्र के लिए विशेष ऋण पैकेज की मांग की है.
किसानों को लेकर किए गए प्रियंका गांधी के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट के ज़रिए ही जवाब दिया है. उन्होंने प्रियंका गांधी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, "जिस वाड्रा-कांग्रेस ने कई राज्यों में हजारों किसानों की ज़मीनें हड़प ली, वह भी आज किसान हितैषियों का वेश धारण किए बैठे हैं. प्रियंका गांधी
जी आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए. मोदी सरकार में न तो किसानों के साथ अन्याय होगा और ना ही किसानों की जमीन हड़पने वाले मुनाफाखोर बिचौलियों का बचाव.
" बता दें कि प्रियंका गांधी ने आज सवेरे केंद्र पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, " नाम किसान कानून, लेकिन सारा फायदा अरबपति मित्रों का, किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं? उनमें किसानों के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है? सरकार को किसानों की बात सुननी होगी. आइए मिलकर किसानों के समर्थन में आवाज उठाएं."
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने किसानों की बिना शर्त बातचीत की मांग पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बाचतीत हमेशा बिना शर्त और पूर्वाग्रह के होती है. मुझे पूरा भरोसा है कि उनकी सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा और मुद्दों का समाधान किया जाएगा.
किसान नेता गुरनाम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस आंदोलन को कुचलने के लिए 30 से ज्यादा मुकदमा दर्ज हो चुके हैं. आज जगह जगह से और लोग आ रहे हैं.
हरियाणा से किसान कुच कर रहा है.
ये लड़ाई सिर्फ किसान की नहीं है, सबकी है.
पैदावार करने वाले किसानों को कम भाव मिलेगा.
ये सभी का आंदोलन है. उन्होंने कहा, "ब्राह्मण समाज ने हमें समर्थन दिया
. हरियाणा में सब मंडियां बंद रहेंगी.
जो भी देश में कानून बन रहे हैं, वो सिर्फ कॉरपोरेट के लिए बन रहे हैं.
पूरी जनता का शोषण कारपोरेट कर रही है.
पूरे देश के नागरिक इस लड़ाई में शामिल हों. अपील करता हूं.
जब तक बाते नहीं मानी जाएंगी, आंदोलन जारी रहेगा.
कहीं इससे भी कड़ा कदम ना उठाना पड़े.
उससे पहले बातचीत के लिए आ जाएं."
प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने कहा, ''देश और दुनिया मे आज सब तरफ उत्सव मनाया जा रहा है, उसकी बधाई.
किसान आज देश में अपनी छाप छोड़ने के लिए खड़े हैं.
इस आंदोलन ने 5 झूठ का पर्दाफाश किया
. पहला- ये आंदोलन किसानों का नहीं है.
आप खुद चेक करें.
दूसरा- किसानों को बरगलाने का काम किया जा रहा है. किसानों को सब पता है
. तीसरा- सिर्फ पंजाब का आंदोलन है.
यहां सब बैठे हैं. देश के कोने कोने से. उत्तराखंड से आए हैं.
पंजाब के किसानों ने शुरुआत सभी किसानों के लिए की है. चौथा- इसकी कोई लीडरशिप नहीं है. 30 संगठनों का समहू है.
इतनी अच्छी लीडरशिप मैंने कभी नहीं देखी.
30 किसान संगठन हर रोज मिल रहे हैं.
क्लियर लीडरशिप है. पांचवां- पॉलिटिकल पार्टी ने करवाया.
हरियाणा का किसान हमारे साथ है.
ये आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन है."
भारती किसान यूनियन (दकुंडा) के जनरल सेक्रेट्री जगमोहन सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी को गुरु पर्व की बधाई दी और कहा, "
हमारे 30 संगठन की मीटिंग हुई. मुंह में राम राम बगल में छुरी. अमित शाह फ़ोन पर बात कर रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
ये पंजाब का संघर्ष नहीं है.
ये सभी का संघर्ष है
. सभी की जो स्थिति है, हम जहां हैं वही रहंगे, और आगे कैसे बढ़ना है.
आज देश के किसान अपने मन की बात सुनाने आए हैं."
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कई सवाल किए हैं. उन्होंने कहा, "मोदी जी सीधे सवालों का सीधा जवाब दीजिए. आप खेती विरोधी 3 काले कानून कब खत्म करेंगे? उन्हें संसद में ज़बरदस्ती क्यों पारित किया गया? MSP ख़त्म करने का षड्यंत्र क्यों किया जा रहा है? अनाज मंडियों को क्यों ख़त्म किया जा रहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "एक राज्य जो किसान की बातें कर रहे हैं उन्होंने किसान सम्मान निधि को अपने राज्य में लागू ही नहीं होने दिया. कहीं मोदी की जय-जयकार न हो जाए." उन्होंने कहा कि मैं उस राज्य के किसानों से कहना चाहता हूं कि जब उस राज्य में हमारी सरकार बनेगी, ये पैसा भी मैं उस राज्य के किसानों को देकर रहूंगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मुझे ऐहसास है कि दशकों का छलावा किसानों को आशंकित करता है. लेकिन अब छल से नहीं गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है." पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं. लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे.
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन छेड़ चुके किसान सरकार से बिना शर्त बातचीत चाहते हैं. किसान नेता अपनी बात रखने के लिए आज शाम साढ़े 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है, लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है. जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है. ये वही लोग हैं, जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है. उन्होंने कहा कि पहले होता ये था कि सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था. लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाकर आशंकाओं को बनाया जा रहा है.
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुराने सिस्टम से लेन देन करने पर इस कानून में कोई रोक नहीं. नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि पहले छोटा किसान मंडी नहीं पहुंच पाता था. नए कानून में पहले की व्यवस्था नहीं बदली.
कानून मंत्री रवि शंकर प्रसान ने कहा है कि नए कृषि कानून के अंतर्गत बड़ी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर किसानों का शोषण नहीं कर पाएंगी. किसान बिना किसी पेनल्टी के किसी भी समय कॉन्ट्रैक्ट से बाहर निकल सकता है. कॉन्ट्रैक्ट से किसानों को निर्धारित दाम पाने की गारंटी भी मिलेगी.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि सरकार को तुरंत बुलाकर उनसे(किसानों) बातचीत करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें वाजिब हैं, उन्हें सुनना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए.
गृह मंत्री अमित शाह बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार
किसान नेता बूटा सिंह ने बड़ा दावा किया है. बूटा सिंह ने दावा किया है कि गृह मंत्री अमित शाह से उनकी फोन पर बातचीत हुई है. उन्होंने कहा, अमित शाह बिना शर्त किसानों से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. 36 किसान संगठन के नेताओं की जल्द ही अब अमित शाह से मुलाकात होगी.
किसान यूनियन नेता ने कहा- 'किसान भ्रमित नहीं है'
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं. राकेश टिकैत का कहना है कि किसान भ्रमित नहीं है सरकार गुमराह कर रही है. प्रकाश जावड़ेकर के ट्वीट पर उन्होंने कहा कि 'असलियत खुद किसानों से पूछ लें. दिक्कत कानून की नहीं है, कानून को लागू करने की है. किसान जब शिकायत करने जाता है तो उसकी सुनवाई नहीं होती.'
नीतीश कुमार ने कहा- 'अकारण हो रहा है किसान आंदोलन'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि बिल पर हो रहे आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है, जब बातचीत हो जाएगी तो किसानों को सही मायने में ये जानकारी मिल जाएगी कि उनकी किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है. ये (आंदोलन) अकारण हो रहा है."
"55 साल से चले आ रहे किसान कानून में बदलाव नहीं हुआ"
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "किसान कानून में 55 साल से कोई बदलाव नहीं हुआ था. हम तो किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन किसान चार अलग-अलग जगह पर बैठे हैं. अगर वह बुराड़ी में एक जगह पर आ जाएं, तो आसानी से बात की जा सकती है. हमारा प्रयास है कि किसानों का दुख दूर किया जाए."
दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स की नाकेबंदी
दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की भीड़ आने की संभावना को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने पैरामिलिट्री फोर्स के साथ कई जगहों पर नाकेबंदी की है. जिससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम लग गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमने यह सिर्फ एहतियात के तौर पर किया है."
सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक जारी
सिंघु बॉर्डर पर 30 से ज्यादा किसान संगठनों की बैठक चल रही है. किसान आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. साथ ही उन्हें अब सरकार के नए प्रस्ताव का इंतजार है. केंद्र के पिछले प्रस्ताव को किसान संगठन पहले ही ठुकरा चुके हैं.
गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक खत्म हुई
गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चल रही बैठक खत्म हो गई है. करीब सवा घंटे तक ये बैठक चली. नरेंद्र सिंह तोमर अब अमित शाह के घर से निकल गए हैं.
RAF जवान मोबाइल फोन कैमरे से कर रहे निगरानी
हालात काबू में रहे इसके लिए किसानों के हर मूवमेंट पर आरएएफ के जवानों की निगाह बनी हुई है. गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात आरएएफ जवान अपने मोबाइल फोन के कैमरे से किसानों पर नजर बनाए हुए हैं. जवान किसानों की छोटी छोटी प्रतिक्रियाओं पर भी नजर रखे हुए हैं. बॉर्डर पर बेरिकेडिंग के अलावा, बड़े बड़े पत्थर लगाकर रास्ते को बीच से ब्लॉक किया गया है.
टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के जवानों को बांटा प्रसाद

गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे कृषि मंत्री
किसान आंदोलन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह के घर पहुंचे हैं. अभी तक किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जमे हुए थे. लेकिन अब यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा बढ़ रहा है.
डॉक्टरों की अपील- 'प्रदर्शनकारी किसानों का कोरोना टेस्ट कराया जाए'
दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जमा किसान प्रदर्शनकारियों को वॉलंटियर डॉक्टर मेडिकल सुविधाएं दे रहे हैं. एक डॉक्टर ने बताया, "हम सरकार से अपील करते हैं कि यहां जमा किसानों का कोरोना टेस्ट किया जाए. एक किसान को कोरोना होने से कई किसान उसकी चपेट में आ जाएंगे."
प्रियंका गांधी का ट्वीट- 'किसान कानून बिना किसानों से बात किए कैसे बन सकते हैं?'
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किसानों से ट्वीट कर कहा- 'पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा MSP पर बेचा'
सुनिए- किसान आंदोलन पर शिवसेना नेता ने क्या कहा
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा- 'APMC का बाजार पहले की तरह ही चलता रहेगा और किसानों को आय के पर्याप्त अवसर मिलते रहेंगे'


शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'किसान आंदोलन दुनिया को एक संदेश है. लाखों-करोड़ों किसान दिल्ली की सीमा पर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन आप उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी बोलते हो. ये पूरी दुनिया के किसानों का अपमान है.'
किसान आंदोलन की वजह से रास्ता बंद हो गया है. दिल्ली के लोगों के घरों तक जो पीने का पानी टैंकर के जरिए आता था अब वह बंद की वजह से नहीं आ रहा है. एक शख्स ने बताया, उन्हें पीने के पानी को खरीदना पड़ रहा है रोजाना 30 से 40 रुपये तक का पीने का पानी खरीद रहे हैं. रास्ता बंद होने की वजह से लोग कई किमी पैदल आने जाने को भी मजबूर हैं. इस परिस्थिति के लिए आम लोग सरकार को जवाबदेह बता रहे हैं.


'सरकार बनाम किसान' में आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है. खास तौर पर प्रदर्शन स्थल की दुकान चलाने वाले और इन रास्तों से सफर करने वाले लोगों का काफी मुश्किल हो रही है. सिंघु बॉर्डर पर किराने की थोक दुकान में काम करने वाले राहुल ने बताया कि 4 दिनों से व्यापार ठप है. सरकार जल्द समाधान निकाले. वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि हम आम लोगों की समस्या समझते हैं लेकिन हम भी परेशान होकर ही दिल्ली आए हैं. सरकार जल्द हमारी बात सुने.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान गीत संगीत के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हारमोनियम, ढोलक और मंजीरा बजाकर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें यहां रूकने से कोई फायदा नहीं है, अभी तक कोई पूछने नहीं आया. हम यहां रहने नहीं आए हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर सील किए जाएंगे, उसके बाद ये लोग सुनेंगे."
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ट्रैफिक की आवाजाही के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर बंद है. यहां किसानों ने अपना डेरा डाल रखा है. वहीं दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं ने दिल्ली में एंट्री के सभी नाकों को बंद करने की चेतावनी दी है.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. गाजीपुर बॉर्डर से किसान दिल्ली की ओर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसके चलते उन्होंने बैरीकेड गिरा दिए. हालांकि मौके पर पुलिसबल ने स्थिति संभाल ली.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब सारी बैठक हमेशा जंतर-मंतर पर होती हैं तो किसान को जंतर-मंतर पर क्यों नहीं जाने दे रहे? जब तक कोई फैसला नहीं निकलेगा हम यहीं रहेंगे."
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने से इनकी कीमत बढ़ गई है. खासतौर से आलू और सेब के दाम बढ़ गए हैं. दिल्ली में सेब का खुदरा भाव 120 रुपये प्रति किलो से ऊपर हो गया है, जबकि दो दिन पहले सेब 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा था. इसी प्रकार आलू का भाव अब 40 रुपये प्रति किलो पर आ गया है, पहले 50 रुपये किलो आलू बिक रहा था.
हरियाणा की कई खापों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के 'दिल्ली चलो' आह्वान में शामिल होने का रविवार को निर्णय लिया. रोहतक में हुई 30 खापों (जाति परिषद) के प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. वह 'सांगवान खाप' के प्रमुख भी हैं.
किसान आंदोलन लंबा खिंचने के आसार लग रहे हैं. किसानों ने कहा है कि उनके आंदोलन में किसी राजनीतिक दल को स्टेज पर आने की इजाजत नहीं है. 4 महीने तक बॉर्डर पर बैठने की तैयारी कर ली है.
दिल्ली में आज आने-जाने वाले लोगों को परेशानी में हो सकती है. किसानों ने सोनीपत, बहादुरगढ़, मथुरा और गाजियाबाद से दिल्ली को जोड़ने वाले पांचों एंट्री प्वाइंट्स बंद करने की चेतावनी दी.
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने आरोप लगाया कि बीजेपी हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में व्यस्त है और इसलिए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत की तारीख दिसंबर में तय की गई. उस पार्टी के लिए किसान प्राथमिकता में नहीं हैं.
किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर चल रही बैठक खत्म हो गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जेपी नड्डा के घर से रवाना हो गए हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि किसान दिल्ली में जब भी विरोध प्रदर्शन करना चाहें, उन्हें इजाज़त मिलनी चाहिए. दिल्ली के सीएम के आदेश के अनुसार विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए आप सरकार सेवादार के रोल में रहेगी. उन्होंने कहा कि हम उनके लिए लंगर, पानी बिजली वगैरह का इंतेज़ाम करेंगे. हम किसानों के साथ खड़े हैं.
किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर एक अहम बैठक हो रही है. इस बैठक में जेपी नड्डा के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री भी मौजूद हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. दिल्ली-यूपी के गाज़ीपुर गाज़ियाबाद बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध को देखते हुए पुलिसबल का भारी इंतजाम किया गया है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर की सरकार के निशाने पर लेते हुए कहा, "ये बॉर्डर सील नहीं होते अगर हरियाणा सरकार वॉटर कैनन से किसानों को रोकने की कोशिश न करती. सरकार को किसानों के लिए पहले ही जगह निर्धारित कर देनी चाहिए थी." उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने सड़कें खुदवाकर किसान के अहम को चोट पहुंचाने का काम किया.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गृह मंत्री अमित शाह पर बड़ा हमला किया. उन्होने कहा, "किसान ठिठुरती ठंड में सड़कों पर बैठे हैं, लेकिन गृहमंत्री कहते हैं कि उनके पास बतचीत का समय नहीं पहले बुराड़ी आओ. अगर आप 1200 किमी दूर हैदराबाद में जनसभा को संबोधित करने जा सकते हैं तो 15 किमी दूर शंभू बॉर्डर पर किसानों से बातचीत करने क्यों नहीं."
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले चार दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली में बुराड़ी मैदान पर प्रदर्शन करने से इंकार कर दिया है. अमित शाह ने भी किसानों से बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अपील की थी. इसके अलावा कृषि मंत्री ने किसानों को बातचीत करने के लिए कहा है. लेकिन किसानों ने बिना शर्त बाचतीक की बात कही है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमिता शाह ने हैदराबाद में किसान आंदोलन को लेकर कहा कि मैंने किसानों के विरोध प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित कभी नहीं कहा, न ही अब कह रहा हूं. अमित शाह ने आज हैदराबाद निकाय चुनाव के मद्देनज़र एक रोड शो किया, जिसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही.
कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में भी नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसान नए कृषि कानूनों को पूरी तरह या सही प्रकार से समझ नहीं पाए हैं. इन कानूनों का मकसद वह नहीं है, जो आंदोलन कर रहे किसानों को समझ आ रहा है. इन कानूनों का उद्देश्य इसके बिल्कुल उलट है.
30 किसान संगठनों की मीटिंग खत्म हो गई है. किसानों ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. वह सिंघु बॉर्डर पर रोड जाम करके ही विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे. बुराड़ी के निरंकारी मैदान नहीं जाएंगे. किसानों ने कहा, 'हम बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन सरकार बिना शर्त हमसे बात करे.'
गृह मंत्री अमित शाह के बातचीत करने के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा, 'सरकार बुराड़ी गांव के निरंकारी मैदान को दूसरा शाहीन बाग बनाना चाहती है, वो हम नहीं होने देंगे. 1 बजे तक सारी स्थिति साफ होगी कि हम लोगों की आगे की रणनीति क्या है. इस पूरे मसले पर सिंघु बॉर्डर पर बैठक चल रही है, सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए.'
उत्तर प्रदेश के किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया है. पुलिस प्रशासन ने उन्हें बुराड़ी जाने की इजाजत दे दी, लेकिन किसान संसद भवन जाने पर अड़े हुए हैं. पूर्वी दिल्ली एडिशनल डीसीपी मनजीत ने दिल्ली सीमा पार कर दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आकर किसानों से बातचीत की. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान आए हुए हैं. लेकिन फिलहाल इन किसानों की संख्या करीब 200 के आसपास है. बॉर्डर पर अड़े रहने की वजह से आम जनता को भी परेशानी हो रही है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की बैठक चल रही है. किसान संगठन गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर मंथन कर रहे हैं. अमित शाह ने किसानों से कहा है कि किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने के दुसरे दिन ही सरकार बात करेगी और हर मांग पर विचार करेगी.
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे. किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें. हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है. लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो."
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है."
सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है. एक यात्री रामू ने बताया, "सारा रास्ता जाम है, 5-6 किलोमीटर पैदल आया हूं."
गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर किसान संगठन सुबह 11 बजे बैठक करेंगे. इसके अलावा किसान आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे. उसके बाद दोपहर 2 बजे किसानों के सभी संगठन मिलकर चर्चा करेंगे.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों को विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "पंजाब से सात लाख आदमी आए हैं. हम यहीं रहेंगे, सारी सड़कें ब्लॉक कर देंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं."
BSP प्रमुख मायावती ने केंद्र से कृषि कानून पर पुर्नविचार करने के लिए कहा
उत्तर प्रदेश के कुछ किसान गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं और वे भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तैयार हैं. यूपी के अन्य स्थानों पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाइवे पर कुलपहाड़ में 500 से अधिक किसान धरने पर बैठे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठनों में एक भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) भी बुराड़ी नहीं जाने पर सहमत हो गया. धड़े के नेताओं ने दावा किया कि एक लाख से ज्यादा किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, बसों और दूसरी गाड़ियों में राष्ट्रीय राजधानी की तरफ मार्च कर रहे हैं.
किसान लंबे समय तक जमे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं, उनकी गाड़ियों में राशन, बर्तन, कंबल लदे हुए हैं और उन्होंने फोन चार्ज करने के लिए चार्जर भी साथ रखा हुआ है. एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, "केंद्र जब तक नए कृषि कानूनों को खत्म नहीं करती है तब तक हम नहीं लौटेंगे."
गृहमंत्री अमित शाह ने कल कहा था कि सड़क पर आंदोलन करने के बजाए किसान तय जगह पर आंदोलन करें.
इस बयान पर बड़े किसान नेता राकेश टिकैत ने हमला बोला है. टिकैत ने कहा, "अमित शाह का बयान किसानों का अपमान है. अमित शाह गुंडागर्दी जैसी बातें न बोलें. किसानों के साथ संयम के साथ बात करना चाहिए."
आज सभी संगठनों की दो मीटिंग है. पहली मीटिंग सुबह 11 बजे और दूसरी दोपहर 2 बजे होना तय हुआ है. इसी मीटिंग में सभी किसान संगठन अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदर्शनकारी किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर एक निर्धारित स्थान पर शिफ्ट होने की अपील स्वीकार कर लें. इस प्रकार उनके मुद्दों को हल करने के लिए जल्द बातचीत का मार्ग प्रशस्त होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की बात सुनने की केंद्र की इच्छा को दर्शाता शाह का बयान एक स्वागत योग्य कदम है, कृषि कानूनों के मुद्दे पर मौजूदा गतिरोध का एकमात्र समाधान चर्चा है.
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा, "हमने किसानों को कर्जा माफी का वादा नहीं किया. राहुल गांधी और कमलनाथ ने साजिश करके वादा किया था. मैं फिर कह रहा हूं कि राहुल गांधी और कमलनाथ के खिलाफ 120 बी और 420 में मुकदमा दर्ज़ कराऊंगा. मुकदमा दायर होगा, किसान कराएंगे."
किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. आंदोलन से जुड़े किसान आगे की रणनीति बनाने के लिए कल सुबह 11 बजे पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधि सिंघु बॉर्डर के पास बैठक करेंगे. इसके बाद 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों की बैठक होगी. इन दोनों बैठकों से ही आगे का रास्ता साफ होगा.
गृहमंत्री ने आगे कहा, ''अगर किसान यूनियन चाहती है कि भारत सरकार तीन तारीख से पहले बात करे तो मेरा आश्वासन है कि आप जैसे रही निश्चित जगह पर शिफ्ट हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आप से बातचीत करने के लिए तैयार है. अपील करता हूं कि दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए जगह पर अपना आंदोलन जारी रखिये. इसमें किसानों की भी सुविधा ज्यादा रहेगी.''
कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर गृहमंत्री अमित शाह का बयान आया है. गृहमंत्री ने कहा है, ''जो किसान भाई आज अपना आंदोलन कर रहे हैं उन सभी से अपील है कि भारत सरकार आप से चर्चा करने के लिए तैयार है. तीन दिसंबर को कृषि मंत्री ने बातचीत का निमंत्रण भेजा है. अलग अलग जगह पर ठंड में किसान भाई बैठे हुए हैं. दिल्ली पुलिस आपको एक बड़े मैदान के अंदर शिफ्ट करने के लिए तैयार है. आप कृपया वहां पर जाइये आपको कार्यक्रम करने की परमिशन दी जाएगी. वहां पर एंबुलेंस, टॉयलेट, पानी जैसी सुविधाएं भी रहेंगी. आप लोग रोड की जगह निश्चित किए हुए स्थान पर जाकर धरना प्रदशर्न लोकतांत्रिक तरीके से करते हैं तो इससे किसानों की भी परेशानी भी कम होगी और आवाजाही करने वाली जनता की परेशानी भी कम होगी.''
टिकरी बॉर्डर पर किसानों की मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए प्रशासन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है. किसान अभी भी टिकरी बॉर्डर के ज़रिए दिल्ली में एंट्री कर रहे हैं. बता दें कि किसानों का एक बड़ा ग्रुप सिंघु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन कर रहा है.
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करते हुए भारतीय किसान संघ गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंच गया है. भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा, "सलाह-मशविरा करने के बाद यहां से आगे बढ़ेंगे. तब तक यहीं डेरा डालेंगे."
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना अपराध नहीं, कर्तव्य है. मोदी सरकार पुलिस की फ़र्ज़ी FIR से किसानों के मज़बूत इरादे नहीं बदल सकती. कृषि विरोधी काले क़ानूनों के ख़त्म होने तक ये लड़ाई जारी रहेगी. हमारे लिए ‘जय किसान’ था, है और रहेगा!"
दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर चल रही किसानों की मीटिंग खत्म हो गई है. भारतीय किसान यूनियन पंजाब के जनरल सेक्रेट्री हरिंदर सिंह ने कहा है, "हमने फैसला किया है कि हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे और अपना विरोध प्रदर्शन यहीं करेंगे. रोज़ाना सुबह 11 बजे हम मुलाकात करेंगे और अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे."
राजस्थान के किसान नेता रामपाल जाट ने कहा, "अभी देश में जो नीति चल रही है वो है-निवेश आधारित विकास। इसका अर्थ है पैसे वालों के हाथ जोड़ो। किसान कानूनों के खिलाफ जारी देशव्यापी आंदोलन के मद्देनज़र अभी यहां से 100 लोगों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो रहा है."
हरियाणा के मुरथल के मशहूर अमरीक सुखदेव ढाबे ने विरोध प्रदर्शन करने दिल्ली जा रहे किसानों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. वे किसानों को मुफ्त में भोजन करा रहे हैं और इसके लिए उन्हें खासी सराहना मिल रही है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी), महाराष्ट्र राज्य समिति ने इस ढाबे को 'लाल सलामी' दी.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "भारत सरकार किसानों की समस्याओं के लिए किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हमने उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा है और मुझे आशा है कि वो सब लोग आएंगे और इस बातचीत के जरिए रास्ता ढूढेंगे. मैं राजनीतिक दल के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर उनको राजनीति करनी है तो अपने नाम पर राजनीति करें, लेकिन किसानों के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए."
पंजाब से दिल्ली आए कुछ संगठन बुराड़ी के निरंकारी मैदान में पहुंच चुके हैं, वहीं किसानों ने अपने खाने पीने की व्यवस्था भी कर रखी है. किसानों ने जमीन पर गढ्ढे खोद चूल्हे बना रखे हैं, जिस पर सब्जियां बन रही हैं. वहीं तवा लगाकर रोटियां भी सेकी जा रही हैं, ताकि किसानों के साथ आए उनके साथियों को परेशानी न हो. दरअसल किसानों को बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई है.
दिल्ली जाने पर अड़े हजारों किसान पिछले 24 घंटे से सिंघू बॉर्डर पर जमे हुए हैं. जिसकी वजह से नेशनल हाइवे-44 पर सिंघु राई बीसवां मील चौंक से बॉर्डर तक करीब सात किमी लंबा जाम लग गया है. जाम के मद्देनजर पुलिस पानीपत की ओर से आने वाली गाड़ियों को सोनीपत और खेवड़ा की ओर डायवर्ट कर रही है. जाम की वजह से दैनिक यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वे पैदल ही जाने को मजबूर हो रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का कहना है कि किसान आंदोलन अब सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें अब पूरा देश शामिल है क्योंकि यह पूरे देश के किसानों का सवाल है. लेकिन आंदोलन की रणनीति वही होगी जो पंजाब के किसान संगठनों के नेता तय करेंगे.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "किसान के ऊपर इतना अन्याय, ऐसी लाठी, इस तरीके से आतंकी हमला किसी सरकार के माध्यम से नहीं हुआ होगा जितना BJP की सरकार में हो रहा है. ये वही बीजेपी है जिसने कभी किसानों को भरोसा दिलाया था कि सत्ता में आने पर वो सिर्फ कर्जा माफ ही नहीं बल्कि किसानों की आय दोगुनी भी करेगी."
किसानों के सड़क पर बैठ हाईवे जाम कराने के सवाल पर पर्यावरण राज्यमंत्री अनिल शर्मा ने कहा, "यह विरोध प्रदर्शन आम किसान नहीं कर रहे हैं. आम किसान को अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण बेकार के काम करने की फुर्सत ही नहीं है. मेरा तो मानना है कि किसी भी किसान ने यह प्रदर्शन नहीं किया है. यह सिर्फ कुछ गुंडे हैं जो प्रदर्शन कर रहे हैं."
आज आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा बुराड़ी के निरंकारी मैदान की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे. आप नेता राघव चड्डा ने कहा, "मोदी सरकार इसे अहम की लड़ाई न बनाए. केजरीवाल सरकार दिल्ली में किसानों का स्वागत कर रही है. किसानों के लिए टेंट, शेल्टर, चलते-फिरते टॉइलट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. किसान जहां जाना चाहे उन्हें अनुमति होनी चाहिए. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल किसानों के मेजबान होंगे और किसानों की पूरी मेजबानी करेंगे. पानी हो, रहने की व्यवस्था हो, खाने पीने की व्यवस्था हो सरकार करेगी."
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसान एक अलग मोर्चे का आह्वान कर सकते हैं, पुलिस को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया है और पुलिस बलों की तैनाती भी कर दी गई है, ताकि आसपास के राज्यों से किसानों की एंट्री को हरसंभव तरीके से रोका जा सके.
आप नेता राघव चड्डा ने कहा, "आम आदमी पार्टी देश के किसानों के साथ खड़ी है. यूपी सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि आंदोलन करने वाले किसान गुंडे हैं, ये क्रिमिनल्स हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी का मानना है कि देश का किसान अपराधी नहीं, अन्नदाता है. बीजेपी नेता इस बयान के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए."
किसान आंदोलन के चलते नियमित तौर पर ट्रक से माल ढोने वाले ड्राइवरों को रोक दिया गया है. दिल्ली की टिकरी सीमा 3 कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के कारण बंद है और इसका खामियाजा ट्रक चालकों को भुगतना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों से लंबी दूरी की यात्रा के लिए निकले ज्यादातर ट्रक सीमाओं पर अटके हुए हैं.
किसान आंदोलन के बीच दिल्ली मेट्रो ने एक बार अपनी रफ्तार पकड़ ली है. नोएडा, गुरुग्राम से दिल्ली जाने वाली मेट्रो सेवा बहाल कर दी गई है. किसान आंदोलन के चलते इससे पहले दो दिन तक पड़ोसी शहरों से दिल्ली में मेट्रो के आने पर रोक लगा दी गई थी.
किसान आंदोलन पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "कृपया किसान इस आंदोलन को वापस लें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए काम किया है. कांग्रेस किसानों को भ्रमित कर रही है. कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए हमेशा किसानों का शोषण किया."
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "हमारी सरकार किसान भाइयों से बहुत लगाव रखती है. गलतफहमियां बातचीत के जरिए ठीक की जा सकती हैं. कृषि मंत्री जी ने कहा है कि इस पर बातचीत के जरिए हल निकाला जाएगा. जिस तरह से इस पर कांग्रेस सियासत कर रही है वो बंद होनी चाहिए."
एक किसान नेता ने कहा कि पंजाब से दिल्ली जाने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, "हम यहीं (सिंघु बॉर्डर) प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम घर वापस नहीं जाएंगे. पंजाब और हरियाणा से हजारों किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए हैं."
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक की. इसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए उत्तर दिल्ली में स्थान निर्धारित करने के बावजूद सीमा पर ही विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया. टिकरी बॉर्डर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है. हालांकि, बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर जाने को लेकर उन्होंने जल्द फैसला करने की बात कही.
दिल्ली के कई जगहों से लोग बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर जुटे किसानों के लिए लंगर लेकर आ रहे हैं, ताकि किसी तरह की कोई कमी न आए. गुरु की लंगर सेवा सन 1987 से गरीब लोगों को लंगर खिलाते आ रहे परविंदर सिंह एक सेवादार हैं. उन्होंने कहा, "हम लोग गरीबों को लंगर खिलाते हैं और आज हम लोग यहां आए हैं अगर भविष्य में फिर यही जरूरत पड़ी तो हम आएंगे."
कृषि कानूनों के विरोध में बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे हैं. वहीं किसानों का एक गुट सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ही जमा हुआ है. ये लोग जंतर-मंतर या रामलीला मैदान जाने की जिद कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कल किसानों को ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी.
बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर धीरे-धीरे कुछ संगठन मैदान में इकट्ठा हो भी रहे हैं. वहीं कुछ महिलाओं ने आदिवासी नृत्य कर अपना विरोध जताया. महराष्ट्र से नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले आई लतिका राजपूत एक एक्टिविस्ट है उन्होंने बताया, "महाराष्ट्र में इस नृत्य को किया जाता है. ये नृत्य खुशी के मौके पर किया जाता है. हमें यूपी बॉर्डर पर रोक रखा हुआ था. कल फैसला हुआ कि हम दिल्ली जा रहे हैं, वो हमारे लिए खुशी का मौका था."
देश में रबी फसलों की बुवाई जोरों पर चल रही है और पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक रबी फसलों का रकबा चार फीसदी बढ़ गया है. खास बात यह है कि इस बार गेहूं के मुकाबले दलहन व तिलहन फसलों की खेती में किसानों की दिलचस्पी ज्यादा दिखी है, हालांकि गेहूं बुवाई भी पिछले साल से ज्यादा हो चुकी है.
सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर पंजाब के किसानों की मीटिंग जारी है. मीटिंग में ये तय किया जा रहा है कि किसान यहीं बॉर्डर से विरोध प्रदर्शन करेंगे या दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में जाकर प्रदर्शन करेंगे.
बुराड़ी के निरंकारी मैदान में पुलिस और सीआईएसएफ का पहरा तैनात किया गया है. जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ को साफ निर्देश दिए गए हैं कि मैदान में कई सारे संगठन आए हुए हैं. ध्यान रखना है कि आपस मे लड़ाई न हो, किसानों के बीच घूमते रहें. किसानों का अगर कोई अचानक प्लान बनता है तो उस पर भी नजर बनाए रखने के लिए कहा है. गाड़ियों की संघन चेकिंग होगी, किसी व्यक्ति के पास किसी तरह का एक्सप्लोसिव न हो, इस पर भी नजर बनाए रखी जाएगी.
दिल्ली के निरंकारी मैदान पर किसानों के लिए टेंट, शेल्टर, चलते-फिरते टॉइलट उपलब्ध कराए जा रहे हैं और व्यवस्था करने की कोशिश जारी है. लेकिन सड़कों और मैदानों में आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायकों के पोस्टर लग चुके हैं. जिसमें लिखा गया है कि, "देश के अन्नदाता किसानों का दिल्ली में हार्दिक स्वागत है."
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर अपना डेरा बनाया हुआ है. जो किसान दिल्ली में घुस गए थे और रामलीला मैदान पहुंचने की कोशिश कर रहे थे उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर बुराड़ी के निरंकारी मैदान में लाकर छोड़ दिया. पंजाब से दिल्ली अपना विरोध जताने आई सुनीता रानी और उनके साथी दिल्ली के राम लीला मैदान की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन उनके मुताबिक पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर बुराड़ी के निरंकारी मैदान छोड़ दिया.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है. बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं.
किसानों को भले ही पुलिस ने दिल्ली में जाने की अनुमति दे दी हो लेकिन कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से इनकार कर रहे हैं. किसानों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित मैदान में प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में फंसे किसानों का इंतजार कर रहे हैं. कई किसानों का कहना है कि वे या तो रामलीला मैदान जाना चाहते हैं या प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं.
किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें. हालांकि कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में पहुंच भी चुके हैं बाकि बॉर्डर पर ही अड़े हुए हैं.
'दिल्ली चलो' विरोध मार्च में भाग लेने वाले किसान देर रात बरारी के निरंकारी समागम ग्राउंड में आकर बस गए, जहां उन्हें कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है. दिल्ली सरकार द्वारा ग्राउंड में किसानों के लिए व्यवस्था भी की गई है.
पंजाब के किसान नेताओं ने बताया कि वे शनिवार यानी आज सुबह बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे. हालांकि ये किसान नेता केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं.
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने किसानों के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा, "बिना पुलिस भिड़ंत के क्या हम उनकी बात नहीं सुन सकते."
हरियाणा: 'दिल्ली चलो' अभियान पर निकले पंजाब के किसानों ने सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर डेरा डाला. वे आगे की योजना बनाने में जुट गए हैं.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम अपने साथ 6 महीने का राशन लेकर चले हैं. हम तभी वापस जाएंगे जब ये काले कृषि कानून वापस हो जाएंगे.


बीजेपी नेता दुष्यंत गौतम ने कहा, "केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें (प्रदर्शन कर रहे किसान) 3 दिसंबर को बुलाया है, पहले भी बुलाया था। परन्तु कांग्रेस राजनीति करना चाहती है, किसानों के कंधे पर आगे बढ़ना चाहती है, कांग्रेस की ये दोहरी नीति है, ये कभी भी चलने वाली नहीं है "

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि हमने किसान संगठनों से एक अन्य दौर की बातचीत के लिए उन्हें 3 दिसंबर को आमंत्रित किया है. इसके साथ ही, नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी और ठंड के चलते किसान प्रदर्शन छोड़ दें. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ मुद्दों पर हमेशा चर्चा के लिए तैयार है.
दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे के सिंधु बॉर्डर पर कुछ किसान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने पर डटे हुए हैं. ये किसान इजाजत मिलने के बाद भी दिल्ली आने से इनकार कर रहे हैं.
किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाज़त मिलने के बाद हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स हटा लिए हैं. अंबाला के एसपी राजेश कालिया ने कहा, "किसी को नहीं रोका जाएगा. लोग आसानी से यात्रा कर सकते हैं."
किसान आंदोलन के चलते गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम. गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही है, जिससे ट्रैफिक मूवमेंट धीमी हो गई है.
किसान आंदोलन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया, "PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. ये तो बस शुरुआत है."
प्रदर्शनकारी किसानों को राजधानी दिल्ली आने की इजाजत दे दी गई है. दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा, प्रदर्शनकारियों को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में विरोध करने की अनुमति है. दिल्ली पुलिस के जवान उनके साथ रहेंगे.
केंद्र के किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में एंट्री की इज़ाजत मिल गई है. टिकरी बॉर्डर के ज़रिए हज़ारों किसान दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं. पुलिस ने इन्हें बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की इजाज़त दी है.
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े गए. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन की वजह से मेरठ के रास्ते पर भी कई किमी लंबा जाम लग गया है. इस जाम में एक एंबुलेंस फंस गई थी. इसमें एक बच्चा गंभीर रूप से बीमार था. बाद में कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और आम लोगों ने मिलकर एंबुलेंस को जाम से बाहर निकाला गया.
किसानों के दिल्ली कूच के चलते हरियाणा के भिवानी में 20 किमी लंबा जाम लग गया है. हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पुलिस द्वारा बंद कर दिए जाने से भी शहर में अहम रास्तों पर जाम लग गया है. दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि इस प्रदर्शन के चलते ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गयीं और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है.
हरियाणा के सिरसा में डबवाली पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर लगे पुलिस बैरिकेड को नुकसान पहुंचाया और उन्हें रास्ते से हटा दिया.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान यूनियनों से तुरंत बातचीत शुरू की जाए.
कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बल वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ मथुरा में प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को सड़क पर जाम लगाने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया.

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत ने कहा है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से सरकार बातचीत करें और विवादित कानून को वापस ले. उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे और यह सुनिश्चित करे कि जिस फसल की जो न्यूनतम दर सरकार ने तय की है, उससे कम रेट पर कोई भी व्यापारी या मिल मालिक अनाज नहीं खरीदेगा. अगर उससे कम रेट पर किसानों से खरीदारी की जाती है तो क्रेता के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी सरकार से शहर के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी. लेकिन सरकार ने ये अनुमति देने से मना कर दिया है.
आंदोलनकारी किसानों से अपील करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर परेशानी होने पर वे राजनीति छोड़ देंगे." उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को 'किसानों को उकसाने' के लिए भी दोषी ठहराया.
पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के करीब 3 लाख किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. ये किसान 33 संगठनों से जुड़े हैं और संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है. यह सभी राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को बातचीत के आमंत्रित किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी, आने वाले कल में ये नए कृषि कानून, किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. नए कृषि कानूनों के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए मैं सभी किसान भाइयों और बहनों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं."
दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे के पास टिकरी बॉर्डर पर इस समय काफी तनाव का माहौल है. पुलिस ने किसानों को दिल्ली में एंट्री करने से रोकने के लिए बैरिकेड के रूप में ट्रक खड़ा कर लगा रखा है. किसान इस ट्रक को हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

अंबाला के एसपी राजेश कालिया ने कहा, "हमने शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से बंद रखा हुआ है, आज हमें जानकारी मिली है कि पंजाब से भारी मात्रा में किसान संगठन जो कल नहीं जा पाए थे वो आज यहां से जाने की कोशिश करेंगे. हम आज भी कोशिश करेंगे कि वो यहां से दिल्ली की ओर कूच न कर सकें."
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे किसानों और सुरक्षा बलों की टिकरी बॉर्डर पर झड़प हुई.

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी. पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं.
कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली जाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें प्रदर्शन करने का भी हक नहीं है, ऐसे बेरिकेड लगाए हैं जैसे कि हम पाकिस्तान या चीन से आए हैं. हम अपनी राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए दिल्ली जाने वाले सभी गाड़ियों की जांच की जा रही है. इस वजह से दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया है.
दिल्ली में कूच के लिए किसान अड़े हुए हैं. कृषि कानूनों के विरोध में किसान पानीपत से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम किसी भी हालत में​ दिल्ली पहुंचेंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं."
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के​ लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं.

एअर इंडिया ने दिल्ली की सीमाएं सील होने के चलते प्रभावित होने वाले यात्रियों को मुफ्त में अपना यात्रा कार्यक्रम नए सिरे से तय करने की पेशकश की है. एअर इंडिया ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली की सीमाएं बंद होने से दिल्ली-एनसीआर में यातायात बाधाओं को देखते हुए हम प्रभावित यात्रियों को उनका यात्रा कार्यक्रम फिर से तय करने (बदल कर दूसरी तिथि का टिकट लेने) की अनुमति देते हैं. इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा.’’ यह छूट 26 नबंवर 2020 को दिल्ली हवाई अड्डे से की जाने वाली उड़ानों पर लागू होगी.
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान रोहतक से दिल्ली की तरफ आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया, "पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोलों से रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की और हम दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं."
प्रदर्शन के कारण दिल्ली से एनसीआर के अन्य शहरों के लिए मेट्रो सेवा चालू रहेगी, वहीं पड़ोसी शहरों से दिल्ली के लिए मेट्रो सेवा आज सस्पेंड रहेगी.
किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनएच-24, चिल्ला सीमा, टिगरी सीमा, बहादुरगढ़ सीमा, फरीदाबाद सीमा, कालिंदी कुंज सीमा और सिंघू सीमा पर पुलिस बल तैनात किया है. पंजाब और हरियाणा से आने वाले किसानों के सिंघू सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की संभावना है, जिसे देखते हुए वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
प्रदर्शन में शामिल पंजाब और हरियाणा के किसानों में से काफी लोग आज देर शाम तक राजधानी के पास पहुंच गए. पंजाब के किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर शहर पुलिस ने सिंघू सीमा पर यातायात बंद कर दिया है. पुलिस ने कहा, प्रदर्शनकारियों के साथ आ रहे ट्रैक्टरों को रोकने के लिए सिंघू सीमा पर बालू से लदे पांच ट्रक और तीन वाटर कैनन (पानी की बौछार करने वाली गाड़ी) तैनात किए गए हैं. कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं.
केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत पंजाब से चले किसानों के दिल्ली के करीब पहुंचने के कारण पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बहुत ज्यादा बढ़ा दी है. पुलिस का कहना है कि किसान अगर दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच भी जाते हैं जो भी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
हरियाणा से दिल्ली जा रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान अब दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं हैं. किसान अब पानीपत पहुंच चुके हैं.खबरों की मानें तो आज की रात किसान पानीपत में ही रुकेंगे और कल फिर किसान दिल्ली का रुख अख्तियार करेंगे.
दिल्ली चलो विरोध मार्च में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. इसवक्त वो पानीपत टोल प्लाजा पर हैं. एक प्रदर्शनकारी का कहना है कि क्या हम आतंकवादी हैं कि हमें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. यह लोकतंत्र की मौत है.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसान आंदोलन को लेकर एक ट्वीट किया. अपने ट्वीट में सुरजेवाला ने लिखा हरियाणा और केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि लाख कोशिशों के बाद भी आप किसानों का रास्ता नहीं रोक पाओगे.
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च विफल करने का प्रयास करने के लिए बृहस्पतिवार को हरियाणा सरकार की आलोचना की और प्रयास को ‘‘पंजाब का 26...11’’ करार दिया.



बठिंडा की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी हरियाणा में किसानों को प्रवेश करने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार की निंदा की और कहा कि यह ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ है.



बादल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज पंजाब का 26...11 है. हम लोकतांत्रिक प्रदर्शन के अधिकार की समाप्ति देख रहे हैं. अकाली दल हरियाणा सरकार और केंद्र की निंदा करता है जिसने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाया.’’


दाता सिंह वाला बॉर्डर पर दिल्ली कूच के लिए डेरा डाले बैठे किसानों ने धावा बोल दिया और वे जिला प्रशासन द्वारा खड़े किए गए अवरोधकों को पैदल पार कर गए. इस दौरान पुलिस ने पानी की बौछारों का का प्रयोग किया तो आंदोलनकारी किसानों ने पथराव शुरू कर दिया. हालात बिगड़ते देख पुलिस बल पीछे हट गया.

इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकारी गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ भी की. फिलहाल जिला प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है. किसानों के दिल्ली कूच आह्वान के चलते जिला प्रशासन ने पंजाब को जोडऩे वाले दाता सिंह वाला बॉर्डर को सील किया हुआ है. दोपहर के समय किसानों ने बॉर्डर पर धावा बोल दिया और पैदल डंडे व लाठियां लेकर हरियाणा में घुस गए.

अधिकारियों ने बताया कि किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया तो आंदोलनकारी किसानों ने पथराव शुरू कर दिया. वहां खड़ी अधिकारियों की गाड़ियों और अन्य वाहनों के शीशे तोडऩे शुरू कर दिए.

इससे पूर्व हालात बेकाबू होते पुलिस बॉर्डर से कुछ पीछे हट गई. जिला प्रशासन द्वारा त्रिस्तरीय अवरोधकों के ऊपर डाले गए मिट्टी के ढेर की वजह से किसानों के ट्रैक्टर बॉर्डर को पार नहीं कर पाए. अवरोधकों को हटाने के लिए किसान जेसीबी व अन्य साधनों का जुगाड़ करने में लगे हुए हैं.

गौरतलब है कि पंजाब सीमा पर दाता सिंह वाला सीमा पर करीब 15 हजार किसान डटे हुए हैं. यहां किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है.
दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार द्वारा रोके जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बृहस्पतिवार को निशाना साधे जाने के कुछ समय बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कड़े शब्दों में उनसे कहा कि “निर्दोष किसानों को भड़काना” बंद करें.

खट्टर ने सिंह से कहा कि वह किसानों को गुमराह करने से बचें. उन्होंने याद दिलाया कि वह पहले ही संकल्प व्यक्त कर चुके हैं कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कभी भी खत्म किया गया तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि हरियाणा सरकार किसानों को 'उकसा' रही है और उन्हें दिल्ली न जाने देकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है.
किसान आंदोलन को देखते हुए बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर ट्रैफिक मूवमेंट बंद कर दी गई है.
किसान आंदोलन को देखते हुए सिंधु बॉर्डर पर ट्रैफिक मूवमेंट को रोक दिया गया है.

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा, “किसानों को रोकना इस देश की संवैधानिक भावना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है। मुझे लगता है कि हरियाणा सरकार को उन्हें जाने की अनुमति देनी चाहिए थी और दिल्ली सरकार को अपनी बात रखने के लिए उन्हें बैठने के लिए जगह देनी चाहिए.”

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, “किसान केंद्र द्वारा लाए गए बिल का विरोध कर रहे हैं. आप किसी आदमी को देश की राजधानी में एंट्री करने से नहीं रोक सकते हैं जहां संसद है. आप उन्हें क्यों रोक रहे हैं.”

SAD प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा, "आज पंजाब का 26/11 है. हम लोकतांत्रिक विरोध के अधिकार का अंत देख रहे हैं. अकाली दल शांतिपूर्ण किसान आंदोलन का दमन करने के लिए हरियाणा और केंद्र सरकार की निंदा करता है. वाटर कैनन का इस्तेमाल कर पंजाब के किसानों के अधिकारों की लड़ाई को नहीं रौंदा जा सकता है.”


कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर करनाल में आंसू गैस के गोले बरसाए गए.
दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है.

SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, "सबसे ज़्यादा दोगला रोल कैप्टन का रहा है. कैप्टन को वहां जाकर आंदोलन करने की ज़रुरत है लेकिन वो चुप होकर बैठा है और किसानों को सड़कों पर लगा दिया है पानी की बौछारों का सामना करने के लिए. उन्हें PM और कृषि मंत्री के साथ मिलकर प्रेशर बनाना चाहिए.

SAD नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा, “किसानों को हमारा पूरा सहयोग है. उनके मन में एक बात है जिसके चलते वो पॉलिटिकल झंडे के नीचे कैंपेन शुरू नहीं करना चाहते. इस वक्त सभी पार्टियों के किसान इकट्ठा हैं. हमारी पार्टी को जैसा आदेश दिया जाएगा हम उसका पालन करेंगे.



कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हरियाणा के करनाल में वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की गई.
किसानों के आंदोलन के चलते मेट्रो सर्विस भी प्रभावित हुई है. दोपहर 2 बजे से दिल्ली से एनसीआर सेक्शंस के लिए मेट्रो सेवाएं उपलब्ध हैं. हालांकि, अगली सूचना तक सुरक्षा कारणों से एनसीआर सेक्शंस से दिल्ली तक सेवाएं निलंबित रहेंगी.
हरियाणा में अंबाला के सादोपुर बॉर्डर पर पुलिस ने दिल्ली आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिये वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया. किसान पुलिस बैरिकेड को हटाकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाया.
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए दिल्ली-गाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. ASP ने बताया,"हम लोगों का प्रयास है कि किसानों को यही रोककर उसने वार्ताकर उनकी जो बाते हैं उसे ज्ञापन के रूप में लेकर उसे आगे भेज दें."
दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर 6 कंपनी फ़ोर्स को तैनात किया है. जिनमें लगभग 300 पुलिस कर्मी शामिल हैं. इतना ही नहीं इन पुलिसकर्मियों में सीआईएसएफ के जवान भी शामिल हैं. पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है. इतना ही नहीं पुलिस ने एहतियातन आसपास के गांव के जरिये दिल्ली में दाखिल होने वाली सड़को पर भी फ़ोर्स लगाई है.
हरियाणा के अधिकारियों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी है. इस बीच, सर्दी और बारिश के मौसम में हजारों किसानों ने अस्थायी तंबूओं और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रात गुजारी. किसान संगठनों ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी जाते हुए, उन्हें जहां कहीं भी रोका गया, वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे. हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस ने भी भाजपा नीत सरकार पर किसानों की आवाज दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
बता दें कि प्रदर्शन के लिए तैयार किसानों के ट्रैक्टर पर राशन, पानी सहित सभी इंतजाम दिख रहे हैं. अपनी अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर हरियाणा की सीमाओं के पास एकत्रित होना शुरू हो गए हैं. इस बीच, अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने और उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए उन पर पानी की बौछार की गई.
हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है. पंजाब के किसानों को केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए हरियाणा से लगी सीमाओं के पास इकट्ठा होता देख यह कदम उठाया गया. अधिकारियों ने बताया कि पंजाब से लगी सीमाओं पर बड़ी संख्या में हरियाणा पुलिस की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि दिल्ली से लगी सीमाओं पर भी हरियाणा पुलिस को पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया है.
पटियाला और अंबाला सीमा पर किसानों का प्रदर्शन गंभीर रूप से उग्र हो गया है और उन्होनें रास्ता रोकने के लिए लगाई गईं, बैरिकेडिंग को उखाड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने चेतावनी के साथ किसानों पर टीयर गैस का इस्तेमाल कर दिया.
जहां एक तरफ पंजाब-हरियाणा से किसान कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं वहीं कोलकाता के जाधवपुर में लेफ्ट का प्रदर्शन चल रहा है. श्रम कानूनों के विरोध में लेफ्ट और कुछ अन्य दल बंद के दौरान जाधवपुर में ट्रेन रोक रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है. नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट के लिए 12 कंपनी फ़ोर्स बाहर से बुलाई गई है जिनमें सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान हैं.


करीब 1200 दिल्ली पुलिसकर्मी भी नई दिल्ली डिस्ंस्ट्रिक्ट मे तैनात किये गए हैं जिनमें दूसरी डिस्ट्रिक्ट के पुलिसकर्मी भी हैं .कुल मिलाकर नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट और आसपास करीब 2500 पुलिसकर्मि तैनात हैं जिनमे पैरमिलिट्री फ़ोर्स भी शामिल है. इतना ही नही सभी बॉर्डर को भी सील किया गया है. प्रोपर चेकिंग के बाद ही गाड़ियों को दिल्ली में अंदर आने दिया जा रहा है.

पुलिस ने पंजाब-हरियाणा के किसानों से दिल्ली न आने के लिए कहा है. दिल्ली पुलिस के 1200 जवान तैनात किए गए हैं और कृषि संधोधन कानून का विरोध कर रहे किसानों को
शांतिपूर्ण तरीके से रोकने के लिए व्यवस्था की गई है.

किसानों के 26 नवंबर के दिल्ली घेराव को देखते हुए जींद पुलिस ने पंजाब हरियाणा बॉर्डर को दाता सिंह वाला बार्डर पर सील कर दिया है. बेरीकेटिंग करके बार्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है. और ले में लगाई धारा 144 लगा दी है. इसके अलावा दर्जनों स्थानों के नाके बंद कर दिए हैं. हालंकि किसानों का कहना है कि जहा सरकार ज्यादती करेगी वहीं धरना देकर बैठ जाएंगे. काले कानूनों के खिलाफ चाहे कुछ करना पड़े किसान पीछे नही हटेंगे.
हरियाणा सीमा पर पंजाब के किसानों का भारी जमावड़ा है, हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर आस पास के गांवों से लोग आंदोलनकारियों के लिए दूध और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंच रहे हैं. आस पास के गांव के लोग किसानों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं.
सिरसा में पंजाब सीमा के नजदीक किसान प्रदर्शन करते हुए पहुंच रहे हैं हालांकि यहां पर भी राज्य की सीमा सील कर दी गई है. अंबाला के मोहड़ा भारी संख्या में किसान जुट गए है. मौके पर पुलिसबल भी मौजूद है और पुलिस ने वाटर कैनन की भी व्यवस्था कर रही है
पुलिस ने में रतिया-सरदूलगढ़ रुट पर गांव नागपुर के पास नाका लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि टोहाना में भी नाके पर पुलिस तैनात है. सभी क्षेत्रों में 15 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए हैं और उनके साथ डीएसपी व थाना प्रभारियों को तैनात किया गया है. रतिया क्षेत्र से देहाती मजदूर सभा के राज्य महासचिव तेजिंदर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जिससे किसानों की नाराजगी बढ़ गई है. शहर चौकी इंचार्ज कुलदीप ने पुष्टि करते हुए बताया कि शांति भंग होने की आशंका के चलते गिरफ्तार किया गया है.

बैकग्राउंड


FARMER'l S PROTEST:केंद्र द्वारा हाल में पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसानों का विशाल प्रदर्शन आज दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में इन दो राज्यों के किसान सहिl देश भर के किसान दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे. दरअसल कृषि कानूनों के प्रावधान के खिलाफ पंजाब के किसान संगठनों ने 26 व 27 नवंबर यानी आज और कल 'दिल्ली चलो' की घोषणा की है. इस बीच किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के लिए रवाना की गई राशन से लदीं 40 ट्रालियों को हरियाणा सरकार ने बार्डर पर रोक लिया है.


 


हरियाणा सीमा पर किसानों की संख्या ज्यादा होगी


 


पंजाब के किसान के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है. सरकार ने पंजाब और दिल्ली से लगती राज्य की सीमा पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी गई है. पंजाब के किसान हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे हैं. किसान कई दिनों का राशन जैसे सब्जियां, वाटर टैंकर , लकड़ियां और साथ ही खाना बनाने वाले कई लोगों को लेकर साथ में आए हैं.

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