Farmers Protest Live Updates: 11 दलों के बाद शिवसेना ने भी किया किसानों के 'भारत बंद' का समर्थन, 8 दिसंबर को देश में चक्का जाम

Farmers Protest: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 11वें दिन भी जारी है. किसानों की सरकार के साथ 9 दिसंबर को अगली बैठक होगी. किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान किया है और चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 06 Dec 2020 10:36 PM
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का अब सिवसेना भी समर्थन करेगी. शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, "देश के किसानों द्वारा पुकारे गए राष्ट्रव्यापी बंद को शिवसेना का समर्थन. किसान अन्नदाता हैं, इसलिए उनके प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी के नाते देश की जनता को भी किसानों के बंद में स्वेच्छा से हिस्सा लेना चाहिए. शिवसेना किसानों की मांगों और 8 दिसंबर के भारत बंद में उनके साथ है. जय हिंद." बता दें कि 11 राजनीतिक दल पहले ही समर्थन का एलान कर चुके हैं.
मक्कल नीधि मय्यम ग्रुप के सदस्यों ने सिंधु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोन में हिस्सा लिया. मक्कल नीधि मय्यम के मुगंबिका रत्नम ने कहा, "हम हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं. हम यहां तमिलनाडु के किसानों का समर्थन देने के लिए आए हैं. नए किसान कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए."
किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का देश के 11 राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है. इनमें शामिल प्रमुख दल हैं- कांग्रेस, आरजेडी, ममता बनर्जी की टीएमसी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, तेलंगाना की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति और एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी. राजस्थान से सांसद और आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने तो यहां तक कह दिया है कि वे 8 दिसंबर के बाद एनडीए के साथ रहने या ना रहने पर अपना फैसला लेंगे.
लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शनकारी भारत विरोधी और किसानों के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहे हैं. लंदन पुलिस ने भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए चाकचौबंद व्यवस्था की है.
आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री को काले क़ानून वापस ले लेने चाहिए, अन्यथा आरएलपी पार्टी एनडीए में रहेगी या नहीं इस पर हम 8 तारीख के बाद आपात बैठक बुला रहे हैं. आवश्यकता पड़ी तो किसानों के हक़ में लाखों लोग दिल्ली कूच करेंगे. हम भारत बंद का समर्थन करते हैं."
किसानों ने जानकारी दी है कि 8 दिसंबर को सुबह से लेकर शाम तक भारत बंद रहेगा. इसके अलावा दोपहर तीन बजे तक पूरे देश में चक्का जाम रहेगा. किसानों ने कहा है कि इस दौरान इमेरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस वगैरह को नहीं रोका जाएगा. शादी की गाड़ियों को भी नहीं रोका जाएगा.
सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, "मैं सभी से 8 दिसंबर को भारत बंद में शामिल होने की अपील करता हूं. गुजरात से 250 किसान दिल्ली आएंगे. किसान आंदोलन को मज़बूत करने की ज़रूरत है."
भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जगमोहन सिंह सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान कहा, "उन्होंने बातचीत के लिए समय मांगा है, पर पता नहीं किससे बात करेंगे, ऑफिसर्स से, कॉर्पोरेट घरानों से या नागपुर RSS से. इतने सालों से मोदी की मन की बात सुन रहे हैं, अब ये किसानों के मन की बात सुनें."
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "किसानों के पक्ष में 8 दिसंबर को भारत बंद का कांग्रेस पार्टी समर्थन करती है. जैसाकि हम जानते हैं, राहुल जी ने हस्ताक्षर अभियान, किसान व ट्रैक्टर रैली द्वारा भी किसानों के पक्ष में आवाज उठाई. वे किसानों के प्रबल समर्थक हैं और किसान हितों से जुड़े इस मुद्दे को देश के कोने-कोने में ले जाने के लिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा है."
एनसीपी प्रमुख शरद पवार नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से किसानों के मुद्दे को लेकर मुलाकात करेंगे. एनसीपी के महाराष्ट्र ऑफिस ने ये जानकारी दी है.
कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता झारखंड के रांची में विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतर गए हैं. बैनर और पोस्टर लिए कार्यकर्ता कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर गाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया के पास किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक जाम लगा गया है. सड़क पर गाड़ियां रेंग रही हैं.

कांग्रेस ने 8 दिसंबर को किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन करने का एलान किया है और कहा है कि पार्टी के तमाम कार्यकर्ता 8 दिसंबर को जगह-जगह प्रदर्शन करेंगे.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अभी-अभी एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि जो हमारा पेट भरता है, जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है उसके साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है. किसान हज़ारों-लाखों की संख्या में दिल्ली के पास कड़ाके की सर्दी में बैठे हैं और कोई सुननेवाला नहीं है.
किसानों के समर्थन में बॉक्सर विजेंदर भी उतर आए हैं और उन्होंने प्रदर्शनस्थल पर जाकर अपना समर्थन देने का एलान किया. इसके अलावा बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती हैं तो वो भी अपना खेल रत्न अवॉर्ड वापस लौटा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि जो हमारा पेट भरता है, जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, उसके साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है. उन्होंने कहा, "किसान हज़ारों-लाखों की संख्या में दिल्ली के पास कड़ाके की सर्दी में बैठे हैं और कोई सुनने वाला नहीं है."
किसानों के आंदोलन वाली जगह पर तरह तरह के लंगर में एक शर्बत का लंगर है जिसके लिए सूखे मेवे को घोटा जा रहा है. बताया गया कि लड़ाई में ताकत के लिए यह शर्बत पिलाया जाता था और किसानों का कहना है कि ये प्रदर्शन भी एक लड़ाई है जिसके लिए वो इस शर्बत के जरिए ताकत हासिल कर रहे हैं.
गाजियाबाद में यूपी दिल्ली बॉर्डर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आज भी किसान जमे बैठे हैं. किसानों ने यहां नेशनल हाईवे दिल्ली की तरफ जाने वाले को पूर्ण रूप से रोका हुआ है. कहीं किसान नाश्ता कर रहे हैं तो कहीं चाय पर चर्चा कर रहे हैं. किसान आंदोलन को लेकर यह बॉर्डर बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं से उत्तराखंड लखनऊ मुरादाबाद बरेली रामपुर हापुड़ के लोग दिल्ली जाते हैं. इसके अलावा यह मेडिकल वे भी है. दिन भर में काफी एंबुलेंस यहां से गुजरती हैं. किसानों ने दिल्ली जाने वाली नेशनल हाईवे पूर्ण रूप से रोक रखा है. किसान आपस में चर्चा कर रहे हैं-गाने बज रहे हैं और चाय नाश्ता चल रहा है. हालांकि पुलिस प्रशासन की अपील और मानवता के चलते किसानों ने एम्बुलेंस और सेना के वाहनों के लिए थोड़ा सा रास्ता खोल रखा है. इसके अलावा यहा भारी संख्या में फ़ोर्स लगाई गई है जो हर हालत से निबटने के लिए तैयार हैं. साथ ही किसानों के यहां लगातार मंच लगाकर भाषण भी चल रहे हैं.
सुबह 10 बजे से सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक चल रही है. इस बैठक में 9 दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली बैठक के लिए रणनीति पर चर्चा हो रही है, ऐसा सूत्र बता रहे हैं. आज सुबह से ही कई राज्यों के किसान सिंघु बॉर्डर पर इस बैठक के लिए जुटने लगे थे और समय पर ये मीटिंग शुरू हो गई थी.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि सिंघु. औचंदी लंपूर, पियाओ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. नेशनल हाइवे 44 दोनों ओर से बंद है. सफियाबाद, सबोली, एनएच8/अपसरा बॉरडर्स/पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग लें. झाटिकारा बॉर्डर सिर्फ दोपहिया वाहनों के लिए खुले हैं. हरियाणा जाने के लिए धांसा, दौराला, कापासहेड़ा, राजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बजघेरा, पालम विहार और दुंदेहरा बॉर्डर खुले हैं.
बैठक के बाद किसानों ने एक बार फिर साफ कर दिया कि सरकार हां या न में जवाब दे. किसान नेता ने कहा, "हम संशोधन नहीं चाहते. ये बिल्कुल किसानों के हित में नहीं तो संशोधन क्या." उन्होंने कहा कि हम संशोधन नहीं इन कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं. एमएसपी पूरे देश में चाहते हैं. इसके अलावा सरकार जो बिजली संशोधन बिल ला रही है उसको भी खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में अब बार बार चर्चा नहीं चाहते, चर्चा हो गई है. बस ये बताओ की कानून को रद्द करोगे या नहीं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि आंदोलन में शामिल बच्चे और बुज़ुर्ग घर जाएं. उन्होंने कहा कि एमएसपी में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. मोदी सरकार किसानों के साथ है. एमएसपी पर कोई खतरा नहीं. उन्होंने कहा कि मंडियों को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है. किसान आंदोलन का रास्ता छोड़ें
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम शंका का समाधान करने को तैयार हैं. किसानों के साथ चर्चा अच्छे माहौल में हुई. किसान नेताओं का सुझाव मिले तो अच्छा होगा. हम सुझावों का इंतज़ार करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि नौ दिसंबर को अगली बैठक होगी.
किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता ने कहा, "सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है. 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी. 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा. ये कानून ज़रूर रद्द होंगे."
किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच आज हुई पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. करीब पांच घंटे चली इस बैठक में किसानों ने सरकार से कहा कि वो स्पष्ट तौर पर कहे कि वो इन कानूनों को वापस लेगी या नहीं. अगली बैठक की तारीख सरकार ने नौ दिसंबर रखी है, लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार अपना लिखित फैसला भेजे, फिर बैठक में शामिल होने पर फैसला लेंगे.
पांचवें दौर की बैठक के दौरान किसानों ने सरकार से साफ कह दिया है कि उन्हें कॉरपोरेट फार्मिंग कानून नहीं चाहिए. उन्होंने कहा है कि इससे सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं. मीटिंग के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास इतना सामान है कि हम एक साल गुज़ार सकते हैं. हम कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़कों पर ही रहें तो हमें कोई परेशानी नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. प्रोटेस्ट वाली जगह पर हम क्या कर रहे हैं, इंटेलिजेंस ब्यूरो इसकी जानकारी आपको दे देगी.
अभिनेता और सिंगर दिलजीत दोसांझ हरियाण-दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा "केंद्र से हमारी सिर्फ एक गुज़ारिश है. कृपया किसानों की मांगें पूरी करें. हर शख्स यहां शांति से बैठा है और सारा देश किसानों के साथ है."
कुछ वक्त के ब्रेक के बाद सरकार और किसानों की बातचीत फिर शुरू हो गई है. इस दौरान एक किसान नेता ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री और वहां की पार्लियामेंट हमारी बात सुन रही है, लेकिन यहां की सरकार हमारी बात नहीं सुन रही. बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान पर भारत ने अपनी कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की थी, बावजूद इसके ट्रूडो ने एक बार फिर किसानों को लेकर बयान दिया है.
ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को
यमुना एक्सप्रेसवे पर हिरासत में लिया है. किसान प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड तोड़कर नोएडा से दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे.
किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बैठक जारी है. बैठक में किसानों ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है और किसान कानून वापस लेने को कहा है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि केंद्र सरकार किसान कानूनों में कुछ संशोधन के लिए तैयार है.
खाप महापंचायत की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है. महापंचायत में फैसला लिया गया है वो हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का सामाजिका बहिष्कार करेंगे. जींद में हुई बैठक में खाप पंचायतों ने ये फैसला लिया. उनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह के बेटे ब्रिजेंद्र सिंह के खिलाफ भी इसी तरह का आदेश महापंचायत में पास किया गया है.
विज्ञान भवन में चल रही पांचवें दौर की बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस मामले का समाधान चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वो अब और चर्चा नहीं चाहते और ये जानना चाहते हैं कि किसानों की मांगों पर सरकार ने क्या फैसला किया है.
किसान आंदोलन के मुद्दे पर किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बैठक हो रही है. इस बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने केंद्र की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, "रोज़ाना हम देख रहे हैं कि ये बैठक कर रहे हैं, इतनी सरल मांगें हैं, तो रोज़ बैठक करने का क्या मतलब है. जिस प्रकार से आप रोज़ बैठक किए जा रहे हैं, उससे आपके नियत पर सवाल खड़ा होता है. अपनी नियत को साफ रखें और देश के किसानों की बात मानें."
सरकार और किसानों के बीच विज्ञान भवन में चल रही बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई.
कृषि कानूनों पर छिड़े आंदोलन के बीच आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत जारी है. ये बातचीत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल किसानों से कृषि कानूनों पर चर्चा कर रहे हैं. हालांकि किसानों ने मीटिंग से पहले ही साफ कर दिया है कि इन कानूनों को वापस लिए जाने के बाद ही उनका आंदोलन खत्म होगा.
सरकार और किसानों के बीच 5वें दौर की बैठक
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच पांचवें के दौर की बैठक शुरू हो गई है. सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल मौजूद हैं. इस बैठक से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत केंद्रीय मंत्रियों ने प्रदर्शनकारियों के समक्ष दिए जाने वाले संभावित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.


पांचवे दौर की बातचीत से पहले अखिल भारतीय किसान सभा के अधिकारियों ने कहा है कि नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद ही यह किसान आंदोलन खत्म होगा. दोनों पक्षों के बीच गुरुवार को चौथे दौर की बैठक हुयी थी जो कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध समाप्त करने में विफल रही. किसान इन कानूनों को खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हुए थे.

किसान बोले- 'हम सरकार का प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे'
कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत करने के लिए किसान संगठन के नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. दोआबा किसान संघर्ष समिति के हरसुलिंदर सिंह कहते हैं, "हम कानूनों को वापस करवाना चाहते हैं. हम कानूनों में संशोधन के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे."
विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता, दोपहर 2 बजे सरकार के साथ होगी बैठक

आंदोलन को मिला ब्रिटेन के 36 सांसदों का समर्थन
लेबर पार्टी के तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में ब्रिटेन के 36 सांसदों का एक धड़ा भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में सामने आया है. इसने ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक रैब से इस मामले को नई दिल्ली के साथ उठाने के लिए कहा है. सांसदों ने पंजाब और विदेशों में सिख किसानों के समर्थन के जरिए भारत सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है.
RJD नेता तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, "कृषि कानून किसान विरोधी हैं, हमारी मांग है कि जो किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहें हैं उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाए. हम किसानों की मांगों के साथ हैं."
टिकरी, सिंघु, झरोड़ा, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर बंद
किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के लिए अहम टिकरी, सिंघु, झरोड़ा, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर को बाधित कर दिया है जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हुआ है. पुलिस ने इन बॉर्डर पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया है. इसकी वजह से ट्रैफिक जाम लग गया है. यात्री दरौला, कापसहेड़ा, रजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमा के रास्ते हरियाणा जा सकते हैं.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पीएम आवास पर पहुंचे
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी अब पीएम आवास पर पहुंच गए हैं. अमित शाह पहले ही पीएम आवास पर मौजूद हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार संसद के जरिए किसानों का कोई समाधान निकालने की कोशिश कर रही है. क्या सरकार संसद सत्र बुलाकर कानून में बदलाव लाने की तैयारी कर रही है.
पीएम मोदी और अमित शाह की पीएम आवास पर बैठक जारी
किसान आंदोलन पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पीएम आवास पर बैठक जारी है. एबीपी न्यूज को सूत्रों से जानकारी मिली है पीएम मोदी ने ठंड के मौसम में सड़क पर बैठकर आंदोलन करने वाले किसानों के लिए चिंता जाहिर की है. साथ ही मोदी इस बात को लेकर भी चिंतिंत हैं कि कुछ देश विरोधी ताकतें किसानों के कंधे का इस्तेमाल करके देश के खिलाफ साजिश रचने की फिराक में हो सकती हैं.


आंदोलन पर पीएम मोदी ने जताई चिंता
एबीपी को सूत्रों से जानकारी मिली है कि चार केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन पर चिंता जताई है. पीएम मोदी जल्द आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं. सरकार एमएसपी को और सशक्त करने पर विचार कर रही है.
किसान आंदोलन और कृषि कानून पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, "अगर उस समय विपक्ष से विचार विमर्श किया जाता तो आज हो रहा ये बवाल शायद नहीं होता. खैर ये अच्छा है कि किसानों की सरकार से बातचीत हो रही है. बातचीत पहले ही होनी चाहिए थी. पहले बातचीत नहीं हुई, उसी का परिणाम आज हम देख रहे हैं. हम चाहते हैं कि किसानों की समस्या का कोई हल निकले और देश आगे बढ़े."
राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, "केंद्र के साथ आज की बैठक में किसानों की शंकाओं को दूर किया जाएगा. हाल की बैठकों में, कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया गया था. यह विपक्ष की राजनीति है, वे विरोध को भड़का रहे हैं. आज की बैठक फलदायी होगी और हमें उम्मीद है कि किसान विरोध वापस लेंगे."
मुख्तार नकवी ने कहा- कांग्रेस पूरी तरह से वेंटिलेटर पर
किसान आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. नकवी ने कहा, "जिन्हें ना खेती से मतलब है और ना किसानों से सरोकार, वो आज ज्ञान दे रहे हैं. कांग्रेस की समस्या यह है कि वह आज पूरी तरह से वेंटिलेटर पर है और उसके नेता और पप्पू जी की बेवकूफियां एक्सीलेटर पर चल रही हैं."
पीएम आवास पर चार केंद्रीय मंत्रियों की बैठक खत्म
पीएम आवास पर चार केंद्रीय मंत्रियों की बैठक खत्म हो गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल का काफिला पीएम आवास से निकल चुका है. बाकी दो मंत्री भी जल्द ही पीएम आवास से बाहर आएंगे.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "केंद्रीय सरकार की बैठक हो रही है, हमें लगता है कि सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ना होगा. किसानों की मांगों को मानना पड़ेगा, किसान क्या चाहता है उसे अनदेखा करना उचित नहीं है. किसान आंदोलन पूरे देश में फैलता जा रहा है इसलिए सरकार जल्द ही उनकी मांगे पूरी करें."
किसान बोले- 'आज आर-पार की लड़ाई होगी, रोज-रोज बैठक नहीं होगी'
केंद्र सरकार के साथ कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक पर किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा, "आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी. आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी." वहीं पांचवें दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंचे.
आज दोपहर दो बजे सरकार से किसानों की पांचवें दौर की बैठक होनी है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पीएम आवास पहुंचे हैं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास पर पहुंचे. किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "मैं आशावान हूं कि निश्चित रूप से किसान सकारात्मक दिशा में सोचेंगे और आंदोलन का रास्ता छोड़ेंगे."
किसान आंदोलन के दौरान 7 की जान गई, SGPC ने मुआवजे का किया एलान
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. प्रदर्शन के दौरान अब तक कुल सात किसानों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है.
राहुल गांधी का वार- बिना MSP मुसीबत में बिहार का किसान, अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेला
सरकार और किसान नेताओं की पांचवें दौर की बैठक में आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने उन प्रावधानों के संभावित समाधान पर काम किया है, जिन पर कृषि नेताओं ने आपत्तियां जताई हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है. आज दोपहर दो बजे कृषि मंत्री और किसान नेताओं के बीच पांचवें दौर की वार्ता होगी.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पंजाब संयुक्त सचिव ने कहा, "आज की बैठक में समाधान निकलने की संभावना है लेकिन जैसे सरकार ने कमियों के साथ बिलों को पारित किया उससे उनकी नीतियों पर आज भी हमें शक है. वो शायद कोई फॉर्मूला निकालें, लेकिन फॉर्मूले से बात नहीं बनेगी. इन कानूनों को रद्द किया जाए."
BKS ने कृषि कानूनों में चार संशोधनों का दिया सुझाव
भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने कहा, "नए कानूनों को खत्म करने के बजाय जैसा कि कुछ संगठन मांग कर रहे हैं, हम इन कानूनों में चार संशोधनों का प्रस्ताव रखते हैं. संशोधन ये हैं कि थोक बाजारों या बाहर में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कोई खरीद नहीं होनी चाहिए, सभी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन एक सरकारी पोर्टल पर किया जाना चाहिए, जिससे सभी तक पहुंचा जा सके. बैंक गारंटी के माध्यम से किसानों को निर्धारित समय में भुगतान किया जा सके और अपने गृहनगर में ही किसानों के विवादों के समाधान के लिए कृषि अधिकरणों की स्थापना की जा सके."
आंदोलनकारी प्रदर्शनकारी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों का कहना है कि अगर आज बैठक में सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, तो इसके बाद बातचीत नहीं होगा. आठ दिसंबर को किसानों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया है.
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं. केंद्र सरकार के साथ आज होने वाली बैठक पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि मसला हल हो जाएगा, सरकार हमारी सुनेगी."
SGPC ने किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से अपनी जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. अमृतसर में नवनियुक्त अध्यक्ष की पहली कार्यकारिणी की बैठक में इस फैसले की घोषणा की गई.
पुलिस से दिल्ली घूमने की अनुमति मांगेगे किसान
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कहा कि वह दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगेगी कि किसानों को अपने ट्रैक्टरों पर महानगर में घूमने की अनुमति दी जाए ताकि वे लाल किले और राष्ट्रपति भवन जैसे लोकप्रिय स्थानों का दौरा कर सकें. बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने के बाद किसान वापस गाजीपुर की सीमा पर लौटेंगे. यहां विरोध कर रहे कई किसान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पहली बार आए हैं और उन्हें महानगर देखने की अनुमति दी जानी चाहिए.
आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान किया है. किसानों ने साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे राष्ट्रीय राजधानी की तरफ जाने वाली और सड़कों को बंद कर देंगे.
किसानों और सरकार के बीच आज पांचवें दौर की बैठक
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 10वां दिन है. सरकार के साथ किसानों की आज पांचवें दौर की बैठक है. इस बातचीत से पहले किसानों ने अपना रुख और सख्त कर लिया है.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्डा ने कहा कि हम पंजाब CM से पूछना चाहते हैं कि जब आप दिल्ली आए तो आप प्रदर्शन कर रहे किसानों और अपनी पार्टी के हाई कमांड सोनिया गांधी से क्यों नहीं मिले. आप सिर्फ अमित शाह के दरबार में हाज़िरी लगाकर चले गए. वो पूरे तरीके से BJP के CM और अमित शाह के दरबारी बन चुके हैं.

हरियाणा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के राज्यपाल से आग्रह किया है कि वो विशेष सभा सत्र बुलाए और किसानों की समस्या पर चर्चा करें. उन्होंने कहा कि सभा में हम अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे क्योंकि जो मौजूदा सरकार है वो लोगों का और विधान सभा का विश्वास खो चुकी है.


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आज मैंने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया. बॉर्डर पर 300 से ज्यादा टॉयलेट दिल्ली सरकार ने लगाए हैं, पानी के लिए सौ से अधिक टैंकर और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है. सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं. उन्होंने कहा कि कल कैप्टन साहब दिल्ली आए थे तो ऐसे बिहेव कर रहे थे जैसे BJP के CM हों. कल चुपचाप अमित शाह से मिलकर चले गए किसानों की कोई बात नहीं हुई, बस ये बात हुई कि किसानों के धरने को कैसे तोड़ा जाए. अगर किसानों की मांगें मनवाने की कोई बात हुई होती तो कल फैसला हो जाता.


दिल्ली के डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के किसानों की आवाज दबा के केंद्र सरकार और कांग्रेस राजनीति कर रही है. कल कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के नेताओं से मिलते हैं, जो कहने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी का बचाव करते हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह कल बीजेपी नेताओं से मिले और अब बीजेपी का बचाव कर रहे हैं. वह कह रहे हैं कि किसानों का आंदोलन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. पंजाब के सीएम बीजेपी के सीएम की तरह व्यवहार कर रहे हैं. वह बीजेपी की तर्ज पर ही बात कर रहे हैं.

किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली सीमा खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि शाहीन बाग फैसले में SC ने कहा था कि प्रदर्शन प्रशासन की तरफ से तय जगह पर होना चाहिए, सड़क बाधित नहीं की जा सकती. इसलिए लोगों को तय जगह पर भेजा जाए. कोविड से जुड़े निर्देशों का पालन भी करवाया जाए.
TMC सांसद सिंघु बॉर्डर पहुंचे, ममता ने फोन पर बात की
किसानों के लिए तेजस्वी यादव कल करेंगे विरोध प्रदर्शन
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "किसानों को फसल की सही कीमत मिलनी चाहिए. MSP का जिक्र कृषि कानूनों में नहीं है. हम पूरी तरह से किसान के साथ खड़े हैं, आगे भी रहेंगे. किसानों को न्याय दिलाने के लिए कल हम पटना के गांधी मैदान में सुबह 10 बजे से महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर धरना करेंगे."
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा, "किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं. लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते. आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता."
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "किसानों की मांग है कि जो कानून बनाए गए है उन्हें निरस्त करने का काम किया जाए. MSP को लेकर कानून बनाया जाए. BJP हमेशा से किसानों की पार्टी नहीं रही, किसानों के माल की लूट करने वालों की पार्टी रही है. BJP को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों की मांग को पूरा करना चाहिए."
उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘यूपी गेट’ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को जाम कर दिया है. वहीं पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली आने वाले दूसरे प्रवेश मार्गों पर डटे हैं. किसान संगठनों और केन्द्र के बीच अगले दौर की बातचीत शनिवार को हो सकती है. प्रदर्शन के नौवें दिन भी जारी रहने के मद्देनजर सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी सुरक्षा कर्मी तैनात हैं.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा, किसानों के विरोध के कारण एनएच-24 पर गाजीपुर बॉर्डर (उत्तर प्रदेश-दिल्ली बॉर्डर) गाजियाबाद से दिल्ली के लिए ट्रैफिक के लिए बंद है. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे दिल्ली आने के लिए NH-24 से बचें और अप्सरा / भोपड़ा / DND का उपयोग करें.
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं. एक किसान प्रदर्शनकारी ने बताया, "इन कानूनों को रद्द करने के लिए सभी राज्यों के किसान संगठनों को बुलाया जाए, प्रधानमंत्री खुद मीटिंग लें और कानूनों को रद्द करने का निर्णय लें."
किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर बंद होने से उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. एक यात्री ने कहा, "मैं बुलंदशहर से आया हूं, मुझे बच्ची का ऑपरेशन कराने एम्स जाना था. मुझे यहां फंसे हुए एक-डेढ़ घंटा हो गया है."
कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बिजनौर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे."
सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

सरकार से बातचीत के बाद किसान नेता हर्षविंदर सिंह ने कहा, "मंत्रियों ने हमसे पूछा कि आप कमियां बताइए. तो हमने कहा-आपके कानून में कमियां ही कमियां हैं. सारा बिल कमियों से भरा हुआ है. सरकार ने कहा कि कल हम अपनी मीटिंग कर किसानों की मांगों पर सोचेंगे तो हमने भी कहा कि कल किसान संगठन भी मीटिंग कर सरकार के रवैये पर सोचेंगे. दोनों पक्ष अपनी-अपनी मीटिंग में विषयों पर सोचने के बाद पांच दिसंबर को फिर वार्ता की मेज पर होंगे."
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं."
सरकार ने तीनों कानूनों में बदलाव के दिए संकेत
कृषि कानून के खिलाफ किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. अब खबर मिल रही है कि सरकार ने तीनों कानूनों में बदलाव के संकेत दिए हैं. एमएसपी पर भी कानून बन सकता है. सरकार ने किसानों से तीन कृषि कानून और एक प्रदूषण वाले कानून को वापस लेने की जगह सिर्फ संशोधन की बात कही है. अब सब की नजर पांच दिसंबर को होने वाली बैठक पर रहेगी.
ममता ने किसानों की मांग न माने जाने पर चिंता जताई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनरत किसानों की मांगें न माने जाने और सरकार द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने पर चिंता प्रकट की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए. अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे. हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं."
राजधानी की सीमाओं पर 9वें दिन भी किसान आंदोलन के चलते टिकरी, झारोदास सिंघु, लामपुर, औचंदी, सफियाबाद, पियाओ मनियारी, सबोली बॉर्डर आवाजाही के लिए बंद है. एनएच-44 दोनों तरफ से बंद है. एनएच-24 पर गाजीपुर की सीमा गाजियाबाद से दिल्ली तक यातायात के लिए बंद है. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली आने वाले लोगों को अप्सरा / भोपरा / DND का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "अभी MSP पर धान की खरीद जारी है, एक-एक दाना खरीदूंगा. बाजरा भी खरीदूंगा. धान वाले किसानों ने शिकायत की थी कि जितना पैदा होता है उससे कुछ कम खरीदने के आदेश हैं. मैंने तय कर लिया है जितना किसान का पैदा होगा, उतना पूरा का पूरा खरीदा जाएगा. लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल के राज्यों से भी गड़बड़ करके घुस जाते हैं. किसान का पूरा खरीदूंगा, लेकिन दूसरे ने घुसने की कोशिश की तो ट्रक राजसात करवाकर उसे जेल भिजवा दिया जाएगा. ये किसान के लिए व्यवस्था है. किसान भाइयों को चिंता की आवश्यकता नहीं है."
आज किसान आंदोलन का 9वां दिन है. सरकार ने बातचीत के लिये पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उनपर खुले दिमाग से विचार किया जाएगा. लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुए कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया.
कृषि मंत्री ने कहा- किसानों को चिंता है कि नए कानून से मंडी समिति खत्म हो जाएगी. भारत सरकार इस पर विचार करेगी कि मंडी समिती और मजबूत हों और इसका उपयोग और बढ़ें. जहां तक नए कानून का सवाल है, उसमें प्राइवेट मंडियों का प्रावधान है. लेकिन प्राइवेट मंडी और एपीएमसी एक्ट के तहत बनी मंडियाों में टैक्स एक समान हो, इस पर सरकार विचार करेगी. किसानों की ओर से यह भी कहा गया कि नए कानून के मुताबिक मंडी के बाहर सिर्फ पैन कार्ड से कोई भी व्यापारी खरीददारी कर सकता है. हम तय करेंगे कि व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हो.
किसानों से चर्चा के बाद कृषि मंत्री ने कहा- किसानों के साथ चौथे चरण की चर्चा पूर्ण हुई, सभी किसानों और सरकार की ओर से तीन मंत्रियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया. किसानों के साथ आज अच्छे माहौल में चर्चा हुई. अब तक की चर्चा में कुछ बिंदु निकाले गए हैं जिस पर किसानों को चिंता है. सरकार किसानों के प्रतिबद्ध है हमें कोई घमंड नहीं है. सरकार खुले मन से चर्चा कर रही है.
किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून मुद्दे पर आज भी बैठक बेनतीजा रही. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- किसानो के साथ फिर से एक बार परसों बैठक हो ताकि और ज्यादा स्पष्टता आए. किसान अपना आंदोलन खत्म करें, सरकार का दरवाज़ा खुला है और मुद्दा व्यापक है हम फिर बैठके लेंगे. बैठक में किसानों ने मांग रखी कि MSP पर पूरे देश में एक ठोस क़ानून हो अगर MSP से नीचे कोई ख़रीदे तो उसपर क़ानूनी कार्यवाही का कड़ा प्रावधान हो. इसके साथ ही किसानों ने दोहराई कि तीनों कानून वापस हो और MSP पर एक क़ानून बने.
सरकार के साथ बैठक के दौरान किसान नेताओं ने शिकायत की कि जब हम बैठक के लिए आते हैं तो दिल्ली पुलिस जगह-जगह हमें रोक कर पूछताछ करती है, कहां जा रहे हैं ? क्यों जा रहे हैं ? आधा-आधा घंटा रोका जाता है. इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि आप चिंता ना करे, अगली बार से दिल्ली पुलिस की गाड़ी आपके वाहन के आगे-आगे चलेगी.
बुंदेलखंड किसान यूनियन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो मौजूदा आंदोलन को और तेज किया जाएगा. बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी हैं. इनसे किसानों का भला नहीं होगा, बल्कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा.’’ उन्होंने मांग की कि सरकार संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाकर तीनों विवादित कृषि कानून वापस ले और एक 'कृषि आयोग' का गठन करे, जिसमें सिर्फ कृषि वैज्ञानिक और किसान शामिल हों.


किसान आंदोलन के चलते पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डकर पर NH24 पर एक तरफ का रास्ता बंद कर दिया है. इसके साथ ही ड्रोन के जरिए निगरानी भी की जा रही है.

हरियाणा के पलवल जिले के किसानों ने भी केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने का ऐलान किया है. किसानों ने हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचने की बात कही है, जिसके बाद बदरपुर बॉर्डर पर फिर से पुलिस बल तैनात किया गया है.
किसानों के साथ बैठक के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की अमित शाह से दो बार बातचीत हुई है. विज्ञान भवन से फोनन पर लगातार अमित शाह को बैठक और बातचीत के बारे में जानकारी दी जा रही है.
किसान संगठनों और सरकार के बीच विज्ञान भवन में बैठक जारी है. थोड़ी देर पहले इस बैठक में ब्रेक लिया गया. ब्रेक के दौरान सरकार की ओर से जो खाने का इंतजाम किया गया था उसको खाने से किसान नेताओं ने इंकार कर दिया. किसान नेताओं ने बताया कि उनके लिए लंगर से खाना आया है, किसानों के लिए राजमा-चावल, सब्ज़ी पूरी और दाल-सब्ज़ी रोटी लंगर से लायी गयी है, इसके साथ ही एक ड्रम चाय भी लाई गयी है. किसानों ने अपना लंगर एम्बुलेंस से मंगवाया.
विज्ञान भवन में किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी बैठक में किसानों ने एक बार फिर तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की. किसानों के सरकार को लिखित में मांग दी. इसके साथ ही किसानों ने पराली/ वायु प्रदूषण को लेकर जो कानून आया था उसे वापस लेने की बात की. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 जो आने वाला है उसको लेकर भी किसानों ने लिखित में आपत्ति जताई.
अमरिंदर सिंह ने अमित शाह से उनके आवास पर बैठक के बाद कहा कि जल्द से जल्द आम सहमति पर पहुंचना चाहिए और दोनों पक्षों को मामले पर अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं गृह मंत्री से मिलने, मामले पर अपना रुख दोहराने, उनसे और किसानों से इस मामले का जल्द समाधान करने की अपील करने आया था, क्योंकि इससे पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र की सुरक्षा प्रभावित हो रही है."
किसान आंदोलन के चलते NH-24 पर लगा लंबा जाम

सरकार और किसानों के बीच मीटिंग जारी
दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच मीटिंग जारी है. किसान अपनी मांगों पर लगातार अड़े हुए हैं. सरकार की ओर से दलीलें दी जा रही है. किसान संगठन के नेताओं की ओर से कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी पर गारंटी की मांग की जा रही है.
खबर मिल रही है कि पूर्व हॉकी कप्तान परगट सुखदेव सिंह ढींढसा भी अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस करेंगे. सात दिसंबर को परगट सिंह अपना पद्मश्री वापस कर सकते हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में अवॉर्ड वापसी का ये सिलसिला शुरू हुआ है. इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण सरकार को वापस लौटाने का ऐलान किया था.
प्रकाश सिंह बादल ने लौटाया पद्म विभूषण
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण सरकार को वापस लौटा दिया है. अपने सम्मान को लौटाते हुए प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है. करीब तीन पन्नों की इस चिट्ठी में प्रकाश सिंह बादल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध किया है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी पहुंच गए हैं. भीम आर्मी के प्रमुख ने कहा, "हम लोग किसानों के साथ हैं और अगर सरकार इनके साथ तानाशाही करेगी तो हम सड़कों पर उतरेंगे. मैं चाहता हूं कि किसानों की मांग पर अमल हो. सरकार का असली उद्देश्य किसानों की जमीन छीनना और पूंजीपतियों को देना है."


पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक थोड़ी देर पहले खत्म हुई है. इस बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनका किसानों और सरकार के बीच चल रही वार्ता में कोई रोल नहीं है और ये सिर्फ किसानों और सरकार के बीच है. उन्होंने ये भी कहा कि मैंने अमित शाह जी से अपना विरोध जता दिया है और उनसे कहा है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाया जाए क्योंकि इसका मेरे राज्य और देश पर बुरा असर पड़ा रहा है.
सरकार और किसान संगठन के नेताओं के बीच विज्ञान भवन में चौथे दौर की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में 30 से ज्यादा किसान संगठनों के नेता शामिल हैं. सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "भारत सरकार किसानों से लगातार चर्चा कर रही है और मुझे आशा है कि चर्चा के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे. चौथे चरण की चर्चा में कोई न कोई पक्ष जरूर निकलेगा."
विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता
'आप कानून रद्द करवाना चाहते हैं या उनमें संशोधन'? ये सवाल पूछे जाने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि आज बात बनेगी. सभी काम होंगे, आज कानून वापसी होगी और किसान भी अपने घर जाएगा. अभी चलकर सरकार से बात करेंगे.'
गृहमंत्री शाह के घर पहुंचे पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह
किसान संगठन के नेताओं से मीटिंग से पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गृहमंत्री शाह से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे को समझने और गतिरोध खत्म करने खातिर 'बीच का रास्ता' अपनाने के लिए अमारिंदर सिंह और अमित शाह मीटिंग कर रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन के चलते एनएच-24 पर यातायात बंद हो गया है. यहां भी किसानों ने रास्ता जाम कर दिया है. एनएच-24 जाम होने से दिल्ली और यूपी के बीच आवाजाही ठप हो जाएगी.
किसानों ने बिजली बिल पर भी जताई आपत्तियां
सरकार के साथ बातचीत से पहले किसान संगठनों ने साफ कहा है कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा. किसान संगठनों ने केंद्र सरकार को आपत्तियों की लिस्ट सौंपी है. इस लिस्ट में किसानों ने कृषि कानून के साथ-साथ वायु गुणवत्ता अध्यादेश और प्रस्तावित बिजली (संशोधन) बिल पर भी आपत्तियां जताई है.
किसान नेताओं ने सरकार के साथ आज होने जा रही चौथे दौर की वार्ता विफल होने की सूरत में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. इससे पहले मंगलवार को विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ हुई 35 किसान संगठनों की बैठक बेनतीजा रही.


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने आवास से रवाना हो चुके हैं. नरेंद्र तोमर आज कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के साथ विज्ञान भवन में बैठक करेंगे. ये बैठक 12 बजे शुरू होगी.
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा, "किसानों से एक-एक बिन्दु पर चर्चा होगी. हम बात करने के लिए हमेशा तैयार हैं, चर्चा करने के बाद ही कोई नतीजा निकलेगा. हम खुले मन से बात करेंगे. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर सरकार बहुत स्पष्ट है, MSP था, है और रहेगा. इसमें किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए. सरकार प्रतिबद्ध है, लिखकर देने के लिए तैयार है."

सिंघु बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेता
केंद्र सरकार के साथ आज कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं. ये बैठक राजधानी के विज्ञान भवन में 12 बजे होगी.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव सु​खविंदर सिंह ने कहा, "पूरे देश के 507 संगठन हैं, मोदी जी सबको क्यों नहीं बुलाते? केंद्र सरकार पूरे देश के संगठनों को बांट रही है उनमें फूट डालने की कोशिश कर रही है. ये लड़ाई पूरे देश के किसानों की है. हम बैठक में नहीं जाएंगे."
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को आज केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से काफी उम्मीदें हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में जाएगा. इतनी संख्या में किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी से यहां पहुंच रहे हैं."
गुजरात के किसान भी आंदोलन में हुए शामिल
गुजरात से आया किसानों का एक समूह भी कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम टीवी पर देख रहे थे कि ये आंदोलन हरियाणा और पंजाब का है, लेकिन ये आंदोलन पूरे हिन्दुस्तान के किसानों के लिए चल रहा है. हम इस आंदोलन का समर्थन करने आए हैं."
बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक प्रधानमंत्री जी समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे."
12 बजे होगी किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक
आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक होनी है. इस बैठक में 32 किसान संगठन और तीन संयुक्त मोर्चा के किसान नेता शामिल होंगे. ये सभी लोग सुबह 10 बजे बस में बैठकर विज्ञान भवन के लिए रवाना होंगे. सभी किसान संगठन तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं सरकार बीच का रास्त निकालने की कोशिश कर रही है.
दिल्ली-नोएडा लिंक रोड बंद
किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-नोएडा लिंक रोड बंद कर दिया गया है. चिल्ला गांव के पास दिल्ली-नोएडा बॉर्डर बंद है, क्योंकि किसान यहां प्रदर्शन पर बैठे हैं. इसके अलावा टिकरी, झड़ौदा जठीखरा बॉर्डर भी बंद है. दिल्ली-नोएडा में एनएच-24 और डीएनडी रास्ता खुला है.
किसानों के मुद्दे पर आज शाह से मिलेंगे पंजाब के सीएम
किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए आज 30 से ज्यादा कृषि निकायों और केंद्रीय नेतृत्व से संबंधित किसान नेताओं के बीच निर्धारित बैठक से ठीक पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि विवादास्पद कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे को समझने और गतिरोध खत्म करने खातिर 'बीच का रास्ता' अपनाने के लिए अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच बैठक बुलाई गई है.
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल का बयान
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा, 'किसान का नाम आगे करके बहुत सारे लोग हैं, विदेशी ताकतें हैं, चीन है, पाकिस्तान है, भारत के दुश्मन देश हैं, वो सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं.'
आज कृषि मंत्री से मिलेगा किसानों का प्रतिनिधिमंडल
किसानों का आंदोलन आज 8वें दिन भी जारी है. प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांग पर डटे हुए हैं. आज किसान संगठनों के प्रतिनिधि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ बातचीत करेंगे. इससे पहले मंगलवार को किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत की थी.
किसान संगठनों और सरकार के बीच कल होने वाली बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह औऱ पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकात होगी. किसानों के आंदोलन के मद्देनजर इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है.
किसान संगठन की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कृषि मंत्रा नरेंद्र तोमर का बयान आया है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत करें. तीनों कृषि सुधार कानून किसानों के हित में हैं. किसानों के आंदोलन से लोगों को परेशानी हो रही है.
दिल्ली बॉर्डर पर किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक बार फिर अपने इरादे साफ कर दिए हैं. किसानों का कहना है कि सरकार लंबी चर्चा करके टरकाने की कोशिश कर रही है. किसान नेता ने कहा- केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी. हम सात या दस पेज का मसौदा सरकार को भेजेंगे, सरकार नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा. किसानों ने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानून को रद्द करे.
केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए केजरीवाल ने कहा- जो किसान दिल्ली की सरहद पर बैठे हैं उनके बेटे देश की सरहद पर बैठे हुए हैं. जब किसानों को आतंकवादी कहा जाता है तो उनके बेटों पर क्या गुजरती होगी. हमें इस मुद्दे पर ना राजनीति करनी है ना होने देनी है. केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि केंद्र सरकार किसानों की मांग को मानने और एमएसपी की गारंटी को कानून में लिखित में दें.
केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए केजरीवाल ने कहा- जो किसान दिल्ली की सरहद पर बैठे हैं उनके बेटे देश की सरहद पर बैठे हुए हैं. जब किसानों को आतंकवादी कहा जाता है तो उनके बेटों पर क्या गुजरती होगी. हमें इस मुद्दे पर ना राजनीति करनी है ना होने देनी है. केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि केंद्र सरकार किसानों की मांग को मानने और एमएसपी की गारंटी को कानून में लिखित में दें.
केजरीवाल ने आगे कहा- जब से हमने दिल्ली के नौ स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने से रोका है तब से भाजपा सरकार बहुत नाराज है. स्टेडियम को जेल बनाने के लिए मुझ पर बहुत सारा दबाव आया था, पता नहीं किस किस के फोन आये लेकिन हम नतीजे की परवाह नहीं करते.
केजरीवाल ने कहा- केंद्र सरकार की कमेटी में कैप्टन अमरिंदर सिंह थे. कमेटी के अंदर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन काले कानूनों का विरोध क्यों नहीं किया इनको क्यों नहीं रोका? कैप्टन साहब आपके पास एक नहीं कई मौके आए जब आप इन बिलों को रोक सकते थे.
केजरीवाल ने कहा- क्या इन्हीं लोगों का कैप्टन अमरिंदर सिंह आप पर दबाव है जो आप मुझ पर झूठे आरोप लगा रहे हो. आप बीजेपी से दोस्ती निभा रहे हो या कोई दबाव है ? कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास इस बिल को रोकने के लिए कई मौके आए पंजाब के लोग पूछ रहे हैं कि उन्होंने तब इस बिल को क्यों नहीं रोका?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला बोला है. केजरीवाल ने कहा-
जिस दिन राष्ट्रपति ने कृषि कानूनों पर हस्ताक्षर कर दिए उस दिन यह कानून बन गए और किसी राज्य सरकार के पास यह ताकत नहीं कि इसको रोक दे. अगर ऐसा होता तो किसान केंद्र सरकार से बात क्यों कर रहे हैं? कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगर यह सब पता है तो उन्होंने मुझ पर झूठे आरोप क्यों लगाए?
नोएडा लिंक रोड पर बैठे हुए किसानों को एक तरफ शिफ्ट कर दिया गया है। सड़क की एक तरफ गाड़ियों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है. दिल्ली की तरफ से गाड़ियां नोएडा जाना शुरू.

किसान देर रात से ही धरना स्थल पर रागिनी और गीत-संगीत का कार्यक्रम कर रहे हैं और कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठे हैं. किसानों ने धरना स्थल पर ही खाना बनाने की व्यवस्था कर रखी है. सुबह धरना स्थल पर किसानों ने हवन किया और केन्द्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सदबुद्धि देने की ईश्वर से प्रार्थना की. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बैरियर लगा कर किसानों को रोक दिया है.
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने केन्द्र सरकार से किसान आयोग के गठन की मांग की साथ ही कहा कि नौकरशाहों और नेताओं को इससे दूर रखा जाए. नए कृषि कानूनों के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में अपने समर्थकों के साथ सिंह कल शाम से ही चिल्ला बार्डर पर जमे हुए हैं और वह संसद और जंतर मंतर जाने की मांग कर रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन के बीच बेहद बड़ी खबर आई है. किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया है और इसके साथ ही दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला DND का रास्ता भी बंद हो गया है. इसके चलते दिल्ली-नोएडा के बीच सफर करने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि जो मोदी सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के संकल्प के साथ काम कर रही हो. ऐसी सरकार की नीति और नियत पर कैसे शक कर सकते हैं? सरकार ने बातचीत के रास्ते खोल रखे हैं. जो किसानों को बहका रहे है उनकी नियत में खोट है. वे किसानों के हितैषी नहीं है.
बताया जा रहा है कि आज किसान संगठनों की भी बैठक है और ये बैठक सिंघु बार्डर पर होगी. सिंघु बार्डर पर डटे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों बिल वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा और अगर ऐसे ही चलता रहा तो आंदोलन और बड़ा होगा.

किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीय़ूष गोयल की बैठक हो रही है. दोनों मंत्री 15 मिनट पहले अमित शाह के आवास पर पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि सरकार किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर अपनी तैयारियों को लेकर ये बैठक कर रही है. कल कृषि मंत्री के साथ किसानों की बैठक बेनतीजा रही थी.
दिल्ली में सब्जियों के दाम बढ़े. गाज़ीपुर मंडी के एक सब्ज़ी विक्रेता ने बताया," किसान आंदोलन की वजह से ज़ाम लंबा लगा हुआ है जिसकी वजह से माल नहीं आ पा रहा है, इसलिए सब्जियों के दाम में भी उछाल आया है."
गाजीपुर बॉर्डर: दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसान लंगर खाते हुए.

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि गौतम बुद्ध द्वार के पास किसान आंदोलन के कारण नोएडा-लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर आवाजाही बंद कर दी गई है. नोएडा जाने के लिए नोएडा-लिंक रोड की बजाय NH-24 या DND का उपयोग करें. चिल्ला गांव के पास वाहनों की आवाजाही को मैनेज करने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
किसानों के जबरदस्त आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली में मयूर विहार-नोएडा बॉर्डर बंद कर दिया है. इससे पहले दिल्ली ट्रेफिक पुलिस ने बताया कि किसान आंदोलन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर, झारोदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं. बदुसराय बॉर्डर केवल दोपहिया यातायात के लिए खुला है.
दिल्ली के बॉर्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन में बैठे हैं, जिसके चलते दिल्ली के दो बॉर्डर पूरी तरह से सील हैं. दोनों बॉर्डर के सील होने से दिल्ली की सब्ज़ी मंडियों पर सब्जी की सप्लाई पर असर आया है. दिल्ली की दो बड़ी सब्ज़ी मंडियों आजादपुर और गाज़ीपुर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि अगर आंदोलन लंबा चला तो आने वाले दिनों में दिल्ली वालों के लिये मुसीबत बढ़ सकती है.
सरकार ने किसान संगठनों से कृषि क़ानूनों से जुड़ी शिकायतों और बिंदुओं को सूचीबद्ध कर लिखित रूप में बुधवार तक साझा करने को कहा है. तीन दिसम्बर को सरकार और इन संगठनों के बीच अगली दौर की बातचीत होगी, जिसमें इन बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी. हालांकि किसानों ने साफ़ कर दिया कि उनकी मांगें माने जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि किसान आंदोलन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर, झारोदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं. बदुसराय बॉर्डर केवल दोपहिया यातायात के लिए खुला है.
किसानों का कहना है हम पर खालिस्तान और आतंकवादी होने का आरोप लग रहा है. हम किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं. हम किसान हैं और हम सभी अपने खेतों को छोड़ के यहां खड़े हैं, वही दूसरी ओर चिल्ला बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. दरअसल नोयडा गेट का रास्ता दिल्ली और नोएडा में काम करने वाले लाखों लोगों के लिए ये मुख्य मार्ग है. ऐसे में काफी लोगों को ट्रैफिक डायवर्सन की वजह से परेशानी हो रही है.
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सदस्य ने कहा- हमारी जो कल बैठक हुई उसमें सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही,लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है, लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला. इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए.
किसानों के कई संगठन दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. अब इन किसानों को हरियाणा की खाप पंचायतों का समर्थन भी मिल गया है. आज हरियाणा से बड़ी संख्या में खाप पंचायतें दिल्ली कूच करने वाली हैं. इसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है और कई जगह रास्तों को बंद कर दिया है ताकि इन्हें दिल्ली में घुसने से रोका जा सके.
आज हरियाणा के जींद से कई खाप पंचायतें दिल्ली की तरफ कूच करने वाली हैं. जींद में खाप महापंचायत में खाने-पीने के सामान के साथ आज किसानों के आंदोलन में पहुंचने का एलान किया गया है. इसके साथ ही खाप पंचायतों ने फैसला लिया है कि वो विधायकों पर खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे.
किसानों आंदोलन के कारण उत्तर रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. 09613 अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस 2 दिसंबर से शुरू होने वाली विशेष ट्रेन रद्द रहेगी. 3 दिसंबर को शुरू होने वाली 09612 अमृतसर - अजमेर स्पेशल ट्रेन भी रद्द रहेगी.
आज मेवात के किसान में भी दिल्ली में आंदोलन करने के लिए जा रहे हैं. कल जिले से निकले इन किसानों में से करीब 30 किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस ने इन किसानों को गुरुग्राम में रोक रखा है. एहतियातन के तौर पर पुलिस ने दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बॉर्डर भी बंद कर दिया है.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज छठे दिन भी जारी है. कल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बातचीत बेनतीजा रही. किसान केंद्र सरकार की ओर से कमेटी बनाने पर राजी नहीं है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि कमिटी रोज़ाना बैठ कर चर्चा करने को तैयार है ताकि जल्दी नतीजा निकल सके. उधर सिंघु बॉर्डर से किसानों ने कहा जब तक सरकार तीनों बिल वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा और अगर ऐसे ही चलता रहा तो आंदोलन और बड़ा होगा.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रही. अब परसों एक बार फिर किसान नेता और सरकार के बीच बैठक होगी. बैठक से बाहर आए दो किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और इसलिए बाहर आ गए हैं. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता बात करें आंदोलन खत्म करें.
किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि, कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो ख़ुद एक्स्पर्ट हैं ही, लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये सम्भव नहीं है. अभी इस पर और चर्चा होनी है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमिटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती , उनका आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि, कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो ख़ुद एक्स्पर्ट हैं ही, लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये सम्भव नहीं है. अभी इस पर और चर्चा होनी है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमिटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती , उनका आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि, कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो ख़ुद एक्स्पर्ट हैं ही, लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये सम्भव नहीं है. अभी इस पर और चर्चा होनी है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमिटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती , उनका आंदोलन जारी रहेगा.
किसानों के साथ चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- एक समिति बना देते हैं, आप अपने संगठन से चार-पांच नाम दीजिए. इस समिति में सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे. यह सभी लोग नए कानून पर चर्चा करेंगे. इसके बाद देखेंगे कि कहां गलती है और आगे क्या करना है.
पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड सम्मानित सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने एलान किया है कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे किसानों पर हुए बल प्रयोग के विरोध में वे अपने पुरस्कार लौटाएंगे. इनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.

इन्होंने बताया कि पांच दिसंबर को वे दिल्ली जाएंगे और राष्ट्रपति भवन के बाहर अपने पुरस्कार रखेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा- सरकार ने पंजाब के प्रतिनिधि मंडल को तीन बजे बुलाया है. इसके बाद सरकार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के प्रतिनिधि मंडल से शाम सात बजे चर्चा करेगी. हम सभी इस मामले पर फाइनल फैसला चाहते हैं.
विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक शुरू हो गई है. बैठक में अलग अलग किसान संगठनों के 35 नेता हिस्सा ले रहे हैं. सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोमप्रकाश शामिल हैं.

किसानों के साथ बैठक में सरकार की ओर से उद्योग राज मंत्री सोमप्रकाश, पीयूष गोयल और कृषि मंत्री मौजूद रहेंगे. बैठक से पहले कृषि मंत्री ने कहा कि हम किसानों खुले दिल से किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं. किसानों के प्रस्ताव के बाद तय होगा कि सरकार क्या करेगी.



नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच बीच अब से थोड़ी देर में बैठक में बैठक शुरू होने वाली है. किसान नेता दो बसों में सवार होकर दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में बात होनी है. बैठक में हिस्सा लेने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. जानकारी के मुताबिक किसानों की ओर से 35 नेता बैठक में शामिल होंगे.

सूत्रों के मुताबिक किसनाों और सरकार के बीच होने वाली बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी हिस्सा ले सकते हैं. इस बैठक के पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सरकार की ओर से किसानों से बात करेंगे.
पंजाब के मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा है कि केंद्र सरकार को चाहिए कि खुले दिल से उनकी(किसानों) मांगों पर विचार करें और उन्हें मानें.
किसानों के प्रदर्शन के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पहुंचे हैं.
दिल्ली: बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने हमारे ऊपर तीन काले क़ानून थोप दिए."
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास से बैठक करके निकल गए हैं. इस बैठक में कंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए.

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर(दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच पंजाब किसान यूनियन के स्टेट प्रेसिडेंट आरएस मनसा ने कहा है कि मैं सरकार की तरफ से बुलाई गई बैठक में जाऊंगा.
गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बैठक करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के आवास पहुंच गए हैं. आज कृषि मंत्री दोपहर तीन बजे किसान संगठनों के साथ बैठक करने वाले हैं.
दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों ने आज गाजीपुर में दिल्ली बॉर्डर पर ट्रेक्टर से बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की है.
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव ने कहा है कि बातचीत से पहले प्रधानमंत्री जी ने फैसला सुना दिया है​ कि हमारे कृषि कानून बहुत बढ़िया हैं तो इस तरह के माहौल में बातचीत का अंदाजा हमें लग गया है.
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के महासचिव ने कहा है कि कल देर रात सरकार से चिट्ठी आई जिसमें पंजाब के 32 किसान संगठनों को बातचीत का न्योता दिया गया. देश के सभी संगठनों को बुलावा नहीं भेजा गया,ये देश के किसानों में फूट डालने वाली बात है. हमने बैठक में नहीं जाने का फैसला किया है.
दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के जनरल सेक्रेटरी सुखविंदर सब्रन ने कहा है कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है. हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता.''
तापमान में गिरावट के बावजूद किसान हाइवे पर जमे हुए हैं. थोड़ी देर बाद किसान संगठनों की बैठक होगी. आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दोपहर तीन बजे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है. हालांकि कुछ किसान संगठनों का कहना है कि जबतक सरकार सभी किसान संगठनों को नहीं बुलाएगी, तबतक सरकार से कोई बातचीत नहीं होगी.
सांगवान खाप के प्रधान और चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा है कि सरकार ने मुझे जो हरियाणा पशुधन बोर्ड के अध्यक्ष का पद दे रखा था, मैंने उससे इस्तीफा दे दिया है. सुबह 10 बजे सांगवान खाप दिल्ली के लिए कूच करेगी. किसान भाइयों के साथ अंत तक खड़े रहेंगे.
किसानों ने अब मांग की है कि बुराड़ी ग्राउंड से किसानों को आने जाने पर कोई रोक ना हो. केंद्र के आगे शर्त है यह वर्ना केंद्र के कोई बात नहीं होगा. किसानों ने कहा केंद्र के कोई नेगोसीएशन नहीं होगी. बेशक हम यहां कोरोना से मर जाएंगे पर वापस नहीं जाएंगे. पीएम मोदी के काशी में भाषण पर किसान नेताओं ने कहा कि मोदी हमारे मन की बात सुनें, वर्ना हमारा आंदोलन जारी रहेगा और तेज भी होगा.
किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह जबतक हमारी बात नहीं सुनते तब तक आंदोलन चलेगा. सरकार नहीं मानी तो और कड़ा कदम उठाएंगे. सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी.यह एतिहासिक लड़ाई है. हम लंबी लड़ाई के लिए आए हैं. कृषि क़ानून नहीं बदला तो सरकार का तख़्ता पलट देंगे.
किसान नेताओं का कहना है कि हरियाणा सरकार अब तक 30-31 केस किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज किए जा चुके हैं. कोरपोरेट को फ़ायदा देने के लिए सरकार कृषि क़ानून लायी है. कोरपोरेट ब्लैकमेलिंग करेगा और असर हर नागरिक पर पड़ेगा. किसानों का और देश का शोषण हो रहे हैं कोरपोरेट की आमदनी भी कोरोना में भी बढ़ रही है. यह लड़ाई जनता बनाम कोरपोरेट की है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है. पहले सचिव स्तर पर चर्चा हुई और फिर बाद में मैं पीयूष गोयल और ओमप्रकाश सभी किसान नेताओं के साथ बैठकर बातचीत करते रहे. लगभग 6 -7 घंटे तक हमने चर्चा की और उस वक्त यह तय हुआ कि यह चर्चा आगे भी जारी रहेगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज दोपहर तीन बजे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है.

बैकग्राउंड

Farmers Protest: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 11वें दिन भी जारी है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पिछली बातचीत बेनतीजा रही. किसान केंद्र सरकार की ओर से कमेटी बनाने पर राजी नहीं है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमेटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती, उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि कमिटी रोज़ाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है ताकि जल्दी नतीजा निकल सके. उधर सिंघु बॉर्डर से किसानों ने कहा जब तक सरकार तीनों बिल वापस नहीं लेती तब तक ये आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा और अगर ऐसे ही चलता रहा तो आंदोलन और बड़ा होगा.

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