Farmers Protest Day 3 Highlights: 8 घंटे से ज्यादा चली किसानों और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक, अगली मीटिंग रविवार को, भगवंत मान बोले- कई विषयों पर बनी सहमति
Farmers Protest Day 3: चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार को बैठक देर रात तक चली. बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कई विषयों पर सहमति बनी है.
किसान यूनियनों के साथ बैठक खत्म होने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, "आज किसान यूनियन और केंद्र सरकार के बीच लंबी बातचीत हुई. हर विषय पर विस्तार से चर्चा हुई, सकारात्मक चर्चा हुई है. सीमावर्ती इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. परीक्षाओं के दौरान इससे छात्रों को परेशानी हो रही है. अगली बैठक रविवार को है. कई विषयों पर सहमति बनी है. कानून व्यवस्था और पंजाब के लोगों की समस्याएं भी चिंता का विषय है. हमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए ईंधन या दूध या कोई भी चीज जो बाहर से आती है."
किसानों के विरोध पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ''जब जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना जनादेश दिया तो उन्होंने कृषि और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने को पहली प्राथमिकता दी. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय बनाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ स्वार्थी तत्व एमएसपी को अधिकतम स्वार्थ कार्यक्रम मान रहे हैं. वे कुछ किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोग बैंगन और बर्गर में, प्याज और पिज्जा के बीच अंतर नहीं कर सकते, वे कुछ किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं."
कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. बैठक चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (मैगसिपा) में हो रही है. बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढ़ेर शामिल हैं.
कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. बैठक चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (मैगसिपा) में हो रही है. बैठक में किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढ़ेर शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान देश के लिए वैसे ही लड़ रहे हैं, जैसे सीमा पर सैनिक लड़ते हैं. उन्होंने कहा, "प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आंसू गैस छोड़ी जा रही है और उनपर छर्रों से प्रहार किया जा रहा है."
किसानों के साथ तीसरे दौर की बातचीत शुरू हो गई है. तीनों केंद्रीय मंत्री के अलावा पंजाब के मुख्यंमत्री इस बैठक में शामिल हुए हैं. थोड़ी देर पहले भगवंत मान बैठक स्थल पर पहुंचे हैं.
किसानों के साथ तीसरे दौर की बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री बैठक स्थल पर पहुंच गए हैं. किसानों के साथ बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय पहुंचे हैं. यह मीटिंग पांच बजे शुरू होने वाली थी.
किसानों के साथ बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं. पंजाब के सीएम भगवंत मान भी बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं. हालांकि केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक अब तक शुरू नहीं हुई है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री बैठक स्थल तक नहीं पहुंचे हैं.
किसानों आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार ने 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं 17 फरवरी तक संस्पेंड कर दिया है. आज चंडीगढ़ में 5 बजे से केंद्रीय मंत्री और किसान नेताओं के बीच मीटिंग होने वाली थी, लेकिन अभी तक मीटिंग नहीं हो पाई है.
किसान आंदोलन पर 17 फरवरी को राकेश टिकैत बड़ा फैसला लेंगे. मुजफ्फरनगर के सिसौली की मासिक पंचायत में लेंगे निर्णय. मासिक पंचायत में ज्यादा से ज्यादा भाकियू कार्यकर्ताओं से पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है. बीकेयू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले, "किसान आंदोलन पर तय करेंगे आगे क्या करना है, सरकार नहीं मानेगी तो वापिस नहीं जाएंगे किसान, आंदोलन और बड़ा हो सकता है, कई और बिंदु मासिक पंचायत में रखे जाएंगे."
किसान नेता सरवन पंढ़ेर ने कहा, "सरकार की मंशा ठीक नहीं. इस आंदोलन का चुनाव से कोई मतलब नहीं. जब तक मांगे मानी नहीं जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा." 3 केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में किसानों के साथ बात करेंगे.
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा, "दो साल पहले, जब देश के किसानों ने दिल्ली के बाहरी इलाके में विरोध प्रदर्शन किया था तो प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पर विचार करने और उनकी अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ."
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली में किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए उनके खिलाफ इस्तेमाल की जा रही बैरिकेडिंग को गलत बताया. उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार ने हमें रोकने के लिए एनएच पर जो बैरिकेडिंग की है, वह गलत है. हमारी मांग भारत सरकार से है और हमें हरियाणा (सरकार) से कोई दिक्कत नहीं है. हम किसानों से अपील करते हैं कि वे धैर्य रखें और आंदोलन में बने रहें."
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने 16 फरवरी को किसान यूनियनों की ओर से भारत बंद के आह्वान पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ''हमने ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है. किसान कल अपने खेतों में जाकर काम न करें. मजदूर भी हड़ताल पर रहेंगे. इससे पता चलेगा कि कितने लोग आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं."
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर शाम पांच बजे किसान नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनजी ने कहा, ‘‘किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और देश जल रहा है, लेकिन बीजेपी को कोई चिंता नहीं है. यह रावण की सरकार है, जो सभी लक्ष्मण रेखाएं लांघ चुकी है. जिस दिन किसान दिल्ली पहुंचेंगे तो बीजेपी नेताओं को वास्तविकता समझ आ जाएगी.’’
किसान कुल 16 रेलवे लोकेशन पर प्रदर्शन के लिए बैठे हुए हैं. आंदोलन के कारण आज 7 ट्रेन कैंसिल और 12 का रूट डायवर्जन किया गया है.
किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि रावण के शासन ने सभी लक्ष्मण रेखाएं लांघ दी हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘‘हमें उनके (किसानों) तरीके पर आपत्ति है. हमें उनके दिल्ली जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. ट्रेन, बस और उनके अपने वाहन हैं, लेकिन ट्रैक्टर परिवहन का कोई साधन नहीं है. यह एक कृषि उपकरण है.’’
Farmer Protest: रोहतक जींद रोड पर दिल्ली कूच को लेकर किसान धरने पर बैठ गए हैं. किसानों का कहना कि पंजाब के कृषकों का इंतज़ार कर रहे है और फिर दिल्ली साथ जाएंगे.
पंजाब में किसानों ने रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है. किसानों के पंजाब के पटियाला जिले के राजपुरा में किसानों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया. इससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि किसान फिर लौट आए हैं. वे प्रदर्शन कर रहे हैं. मुझे नहीं पता कि सरकार क्या सोच रही है. लेकिन उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इसबारे में सोचेगी.
किसानों ने अपनी मांगों में कुछ नए मुद्दों को भी जोड़ा है. माना जा रहा है कि पुराने मुद्दों के साथ ही नए मुद्दे बैठक में अहम मुद्दा हो सकते हैं. जैसे हले किसानों की तरफ से बिजली बिल माफी की बात कही गई थी लेकिन अब स्मार्ट मीटर का भी विरोध किया जा रहा है.
किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में होने वाली दो रैलियां कैंसिल कर दी हैं, ये रैलियां 18 और 22 तारीख को होनी थीं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्रियों से हमारी बैठक है. बैठक में अपनी मांगों को रखेंगे. बैठक के बाद आगे की रणनीति पर फैसला किया जाएगा. हमारी मांगें नई नहीं हैं. ये हमारे लिए जिंदगी और मौत का सवाल है.
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. यह कॉन्फ्रेंस ऐसे वक्त पर है, जब किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज शाम को बातचीत होनी है.
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, पीएम मोदी अगर एमएसपी की गांरटी देते है तो हम मानेंगें कि मोदी इस देश के किसान के नेता है. पीएम मोदी को किसानों को गांरटी देना चाहिए. राउत ने कहा, जब भी देश में संकट आता है, वे विदेश में रहते हैं. आज किसान दिल्ली की तरफ मार्च कर रहै हैं, पीएम मोदी विदेश में घूम रहे हैं.
Farmers Protest: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम चाहते हैं कि पीएम मोदी किसानों के साथ बातचीत करें और हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने दिया जाए. उन्होंने कहा, आज हमारी केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक है. हम चाहते हैं कि पीएम मोदी उनसे बात करें ताकि हमारी समस्याओं का हल निकाला जा सके. उन्होंने कहा, भारत एक लोकतांत्रिक देश है, इसलिए हमें राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने दिया जाए. सरकार को सभी बैरिकेड हटाने चाहिए. दरअसल, आज किसानों और केंद्र के बीच 5 बजे चंडीगढ़ में बैठक होनी है.
किसान आंदोलन के चलते पुलिस ने बॉर्डर सील कर रखे हैं. लोगों को निकलने के लिए काफी संकरी जगह छोड़ी गई है. ऐसे में इन रास्तों से गुजरने वाले लोगों को समस्या हो रही है. ऐसा ही हाल टीकरी बॉर्डर पर है. यहां नौकरी पर निकले लोगों को 1-5 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है.
सीपीआई (एम) के नेता, सीताराम येचुरी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, किसानों की मांग को लेकर 16 फरवरी को किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन की और से देशव्यापी आदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए और जायज मांगों को पूरा करना चाहिए. सरकार को कहना चाहिए कि एमएसपी पर खरीददारी हो. बीजेपी की सरकार किसानों का दमन कर रही है. उन्होंने कहा, पिछली बार किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार को कदम वापस लेने पड़े थे.
केंद्र और किसानों के बीच आज बैठक है. केंद्र की ओर से इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे. ये बैठक चंडीगढ़ में होगी. इससे पहले बुधवार को किसानों और सुरक्षाबलों के बीच कई जगहों पर झड़पें भी हुईं. किसान नेताओं ने इस मामले में पीएम मोदी से दखल की अपील की है.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ गुरुवार (15 फरवरी) को चंडीगढ़ में किसान नेताओं बैठक होगी.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में प्रदर्शनकारी किसानों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा के लिए शनिवार (17 फरवरी) को यूपी के मुजफ्फरनगर में महापंचायत आयोजित की जाएगी.
केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. उन्होंने कहा कि लंबी बातचीत हुई, जिसमें हमारी प्राथमिकता बॉर्डर पर हो रही हिंसा को रोकने को लेकर हुई. उन्होंने कहा कि उन्हें चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक का बुलावा हुआ है.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने जानकारी दी है कि कल यानी गुरुवार शाम पांच बजे किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक होगी. उन्होंने कहा कि इस बैठक में जो प्रस्ताव पेश किया जाएगा उसके बाद किसान नेता आगे के आंदोलन को लेकर फैसला लेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा सहित कुछ वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन और इससे संबंधित मुद्दों को हल करने के तरीकों पर बातचीत की. ये बैठक राजनाथ सिंह के घर पर हुई.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल आंदोलनकारी किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे. ये बैठक किसान संगठनों के अनुरोध के बाद की जा रही है. किसान संगठन कुछ खास शर्तो पर बात करना चाहते हैं. हालांकि ये तय नहीं हुआ है कि बैठक किस समय होगी.
किसानों की मांग को लेकर केंद्र सरकार लगातार चर्चा कर रही है. अब किसानों की मांग और किसान आंदोलन को लेकर ऐसी ही एक महत्वपूर्ण मीटिंग केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर चल रही है. इस मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद हैं.
किसान आंदोलन में फिर एक बार राकेश टिकैत की एंट्री हो गई है. राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा, 'किसान वापस नहीं जाएगा. किसान बगैर बातचीत और समाधान के वापस नहीं जाएगा. अगर उनसे बातचीत नहीं की जाती है तो वह दिल्ली की तरफ तो जाएगा ही. हमारे लिए दिल्ली दूर नहीं है. हमारी 16 तारीख की कॉल है और सरकार को 16 तारीख तक का समय है की समाधान निकाल ले.
पंजाब में किसानों के सबसे बड़े संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्राहां ने ऐलान किया है कि कल यानी 15 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे. दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों पर आंसू गैस चलाए जाने से नाराज होने के बाद किसान संगठन ने ये फैसला लिया है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को कहा कि किसान अपनी मांगों पर केंद्र से बातचीत के किसी भी निमंत्रण पर विचार करेंगे, लेकिन उसे बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि आपका (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) दिल बड़ा है. हमें एमएसपी की गारंटी का कानून दीजिए.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को सरकार से अनुरोध किया कि वह प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ आंसू गैस और अन्य ताकतों का इस्तेमाल बंद करे और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए प्लास्टिक और रबर की गोलियों और आंसू गैस के साथ सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) का इस्तेमाल किया.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, 'एमएसपी पर रिपोर्ट 2004 में आई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी. उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया? किसान दिल्ली जाकर सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन जब वे चंडीगढ़ आए तो किसान नेताओं ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी है कि पंजाब सरकार ने एक नोटिस जारी कर हमसे कहा है कि हम अपनी सीमा पर ड्रोन न भेजें. जब किसान अमृतसर से आगे बढ़ने लगे, तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की. इसका मतलब साफ है कि वे चाहते हैं कि किसान दिल्ली में आतंक फैलाएं. हरियाणा में पथराव हो रहा है और इसमें हमारे एक डीएसपी और 25 अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं.'
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि रास्ता बंद करने से कोई हल नहीं निकलेगा. किसान राजनीति से प्रेरित नहीं हो. हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर आज भी जबरदस्त बवाल हुआ है. किसान लगातार दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं.
हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने प्रदर्शनकारी किसानों का मकसद कुछ और है. आप दिल्ली में बात क्यों करना चाहते हैं. किसान दिल्ली को दहलाना चाहते हैं. ये चंडीगढ़ में बात क्यों करते हैं. 10 सालों में कांग्रेस पार्टी ने किसान के लिए क्या किया.
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने किसान आंदोलन को लेकर कहा है कि सरकार किसान के मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान की बहुत मांग ली गयी है. कुछ मांग विचित्र है, जो किसान की मांग है, वह लीगल होने लायक नहीं है. अब तो चुनाव का समय आने वाला है, कोई कानून नहीं बनेगा. उन्होंने कहा कि राहुल जी के यात्रा से पार्टी में खटपट हो रही है. कांग्रेस ने अपना सोच नहीं बदला है. कांग्रेस भटक रही है.
16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान के बीच बीकेयू (राजेवाल) अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में 37 किसान संगठन आज जालंधर में बैठक करेंगे.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान नेता सरवन सिंह पंढेर संग बातचीत की है. उन्होंने इस बातचीत के बाद कहा कि किसानों के मुद्दे पर कुछ बातों पर सहमति बनी है. कुछ बातों पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं. उन पर कई विकल्प किसान प्रतिनिधिमंडल भी दे सकता है और हम भी दे सकते हैं. हम एक विकल्प पर आकर उन बातों का समाधान भी ढूंढ सकते हैं. किसानों से हम अपील करते हैं कि वह किसी के बहकावे में नहीं आएं.
प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार सुबह एक बार फिर से 'दिल्ली चलो' मार्च की शुरुआत की है. किसानों ने अंबाला के पास शंभू सीमा पर इकट्ठा होकर मार्च की शुरुआत की है. हरियाणा पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं.
बहादुरगढ़ में किसानों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. डीएसपी अनिल सिंह ने कहा, 'फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण है. ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है. पैदल यात्रियों की आवाजाही सामान्य है.'
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर, सिंगु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस कर्मियों के साथ दंगा रोकने वाले वाहनों को तैनात कर दिया है. तीनों ही बॉर्डर पर निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून इतनी जल्दी नहीं बन सकता. हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि हमें उस पर कानूनी गारंटी दी जाए, ताकि हम उस एमएसपी से नीचे फसल न बेचें. इसलिए, समिति का कोई सवाल ही नहीं है. हम चाहेंगे कि पीएम आगे बढ़ें और किसानों से बात करें.
हरियाणा सरकार ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के मद्देनजर सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई संदेश भेजने की सेवाओं पर निलंबन मंगलवार को दो दिन बढ़ाकर 15 फरवरी तक कर दिया. सरकार ने एक आदेश में कहा कि अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में यह प्रतिबंध लागू रहेगा.
दिल्ली किसान नेता सरवन सिंह ने कहा है कि किसानों को अपनी बात रखने देना चाहिए. लोकल लोगों का हमलोगों को बहुत सपोर्ट है. हमलोगों का प्रर्दशन आगे भी जारी रहेगा. सरकार हमें रास्ता दे. हम लोग कोशिश करेंगे कि हिंसक रास्ते से बचा जाए. हमारे पीछे कोई नहीं है किसान हमलोगों की बात मानें.
टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है. किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है.
राष्ट्रीय राजधानी की ओर किसानों के मार्च के दूसरे दिन सीमा को मजबूत बनाने के लिए टिकरी बॉर्डर पर कंक्रीट स्लैब के बीच और भी ज्यादा कंक्रीट डाला जा रहा है. टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी में बताया गया है कि गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला यातायात आईएसबीटी आनंद विहार के पास महाराजपुर बॉर्डर से वैशाली-कौशांबी के रास्ते प्रवेश कर सकता है. गाजियाबाद से दिल्ली की ओर गाजीपुर बॉर्डर से आने वाला यातायात खोड़ा कॉलोनी, मयूर विहार फेज-III से पेपर मार्केट, प्रगति मार्ग, मयूर विहार फेज-III से भी प्रवेश कर सकता है.
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि एनएच-44 पर हरियाणा जाने वाले और भोपुरा बॉर्डर तक पहुंचने वाले वाहन लोनी भोपुरा रोड - कोयल एन्क्लेव थाना टीला मोड़ लोनी - बंथला फ्लाईओवर हनुमान मंदिर लोनी - पूजा पावी पंचलोक - मंडोला - मसूरी - खेकड़ा (26) की ओर यू टर्न ले सकते हैं. और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर जा सकते हैं. गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला लोग आईएसबीटी आनंद विहार के पास महाराजपुर बॉर्डर से वैशाली-कौशांबी के रास्ते प्रवेश कर सकते हैं.
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि एनएच-44 पर हरियाणा जाने वाले और भोपुरा बॉर्डर तक पहुंचने वाले वाहन लोनी भोपुरा रोड - कोयल एन्क्लेव थाना टीला मोड़ लोनी - बंथला फ्लाईओवर हनुमान मंदिर लोनी - पूजा पावी पंचलोक - मंडोला - मसूरी - खेकड़ा (26) की ओर यू टर्न ले सकते हैं. और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर जा सकते हैं. गाजियाबाद से दिल्ली की ओर आने वाला लोग आईएसबीटी आनंद विहार के पास महाराजपुर बॉर्डर से वैशाली-कौशांबी के रास्ते प्रवेश कर सकते हैं.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए और बल का उपयोग अंतिम उपाय होना चाहिए. अदालत ने कहा कि जहां प्रदर्शनकारियों को अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार है, वहीं राज्य सरकार भी अपने नागरिकों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि उन्हें कोई असुविधा न हो.
दिल्ली और शहर के बॉर्डर्स पर सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया गया है. राजधानी दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने 12 मार्च तक बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने, रैलियों, ट्रैक्टर प्रवेश और हथियार या ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया.
समाचार एजेंसी एएनआई ने गाजीपुर बॉर्डर पर की गई सुरक्षा का वीडियो शेयर किया है. इसमें सुरक्षाकर्मियों को तैनात हुए भी देखा जा सकता है. आज एक बार फिर से किसानों के मार्च को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
किसान यूनियनों ने दिल्ली की ओर अपना मार्च रातभर के लिए रोकने का फैसला किया और कहा कि विरोध प्रदर्शन बुधवार सुबह फिर से शुरू होगा. ऐसा तब हुआ जब पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे दिन भर में किसानों और मीडियाकर्मियों सहित 60 से अधिक लोग घायल हो गए. हालांकि, यूनियनों ने कहा कि दिन में लगभग 100 किसान घायल हुए हैं.
Farmers Protest: किसान 'दिल्ली चलो मार्च' को लेकर राजधानी में फिर से बुघवार (14 फरवरी) को प्रवेश करने की कोशिश करेंगे.
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) रवींद्र यादव ने मंगलवार शाम सिंघू सीमा का दौरा किया. उन्होंने वहां तैनात पुलिस कर्मियों और अर्द्धसैनिक बल के जवानों से कहा कि अगर किसान दिल्ली में प्रवेश करने में कामयाब होते हैं तो ‘हमारा पूरा अभियान विफल हो जाएगा.
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में आज का दिन काला दिन है. जिस तरह से मोदी सरकार ने किसानों और खेतिहर मजदूरों पर हमला किया, वह शर्मनाक है.’’ उन्होंने आगे कहा कि आज भी हम कहते हैं कि हम देश के किसान और मजदूर हैं. ऐसे में हम कोई लड़ाई नहीं चाहते.
किसान आंदोलन का असर दिल्ली, राजस्थान और पंजाब सहित कई राज्यों में दिख रहा है.
पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच मंगलवार को हरियाणा के जींद के निकट टकराव हुआ, जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये। कई किसानों को भी चोटें आई हैं.
दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के कूच के मद्देनजर की गई सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए मंगलवार को टीकरी सीमा का दौरा किया.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आज भारतीय इतिहास का काला दिन है.
किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली से लगे बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली से लगे बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
Farmer Protest: विरोध-प्रदर्शन के लिए दिल्ली की ओर रवाना हुए किसानों की शंभू (हरियाणा-पंजाब) सीमा पर पुलिस के साथ झड़प के बाद दिल्ली पुलिस टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम एमएसपी पर कानून मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, ''एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए 'न्याय और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की हमारी मांग है.''
उन्होंने आगे कहा कि हमारा मन साफ है. हमारी किसी ने नहीं सुनी तो हमारा आगे बढ़ना मजबूरी है.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 'दिल्ली चलो मार्च' को लेकर हमें रोकना के लिए हमला करके केंद्र की मोदी सरकार ने शर्मनाक काम किया है.
Farmers Protest: हरियाणा रैपिड एक्शन फोर्स का एक जवान घायल हो गए हैं. उन्हें अंबाला के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि जिला पुलिस किसानों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है.
किसान आंदोलन का असर दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में भी दिखने लगा है. किसान आंदोलन के कारण राजस्थान के भी कई जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. 13 फरवरी आधी रात तक गंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी. इन जिलों में धारा 144 भी लागू की हुई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसानों के दिल्ली की ओर कूच के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो के नौ स्टेशन पर एक या उससे अधिक प्रवेश व निकासी गेट मंगलवार को बंद कर दिए गए. हालांकि ये स्टेशन बंद नहीं हैं और यात्रियों को अन्य गेट के जरिए प्रवेश और निकासी की अनुमति दी गयी है. राजीव चौक, मंडी हाउस, केंद्रीय सचिवालय, पटेल चौक, उद्योग भवन, जनपथ, बाराखंभा रोड, लोक कल्याण मार्ग और खान मार्केट पर कुछ गेट बंद कर दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सीजेआई डीवाई. चंद्रचूड़ से अनुरोध किया कि वे उपद्रव' फैलाने और नागरिकों के दैनिक जीवन में परेशानी पैदा करने के इरादे से जबरन दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करें.
किसानों के प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 13 फरवरी, 2024 को कहा कि अन्नदाता शांति के साथ बात रखें. सरकार उन्हीं के हित में काम कर रही है. केंद्र की ओर से गंभीरता के साथ चर्चा की गई है. सरकार हमेशा चर्चा के लिए तैयार है. विपक्ष इस मसले पर राजनीति न करे.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि एमएसपी को लेकर हमें देखना होगा कि वे (किसान) कैसे कानूनों की मांग कर रहे हैं और क्या उसने फायदे और नुकसान होंगे. सरकार में रहकर हम लोग चीजों को सकारात्मक नजरिए से देखते हैं पर सभी के हित पर विचार करने के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर आ सकते हैं.
किसानों के प्रदर्शन के चलते मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को न सिर्फ आम लोग जाम के चलते प्रभावित हुए बल्कि समूचे पंजाब सूबे पर भी इससे असर पड़ा. सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने शाम को बताया कि किसानों के प्रदर्शन की वजह से प्रदेश को 50 फीसदी कम डीजल और 20 फीसदी कम गैस ही भेजे जा सके.
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को प्रदर्शन के दौरान किसानों ने ट्रैक्टर्स की मदद से हरियाणा पुलिस की लगाई बैरिकेडिंग तोड़ दी और वे इसके बाद पुल से उन्हें फेंकने लगे. समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दोपहर को मौके के कुछ वीडियो भी जारी किए गए जिनमें भारी संख्या में प्रदर्शनकारी फ्लाईओवर को तोड़ते और नुकसान पहुंचाते नजर आए. हालांकि, इस दौरान स्थिति नियंत्रित करने और किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को उन पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा था. यह भी बताया गया कि पुलिस की ओर से इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.
सीनियर वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने किसानों के प्रदर्शन के बीच एक कार्टून शेयर किया जिसमें किसान धान बोता दिख रहा था और सरकार की ओर से कीलें जमीन में फिट की जा रही थीं. उन्होंने इसके साथ कैप्शन में लिखा कि देश का किसान हमारे लिए अन्न उगाता है पर सरकार उन लोगों के लिए कीलें जमीन में सेट करती है.
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बताया किया कि यह आंदोलन ऐसे समय पर हो रहा है जब चुनाव नजदीक हैं. यानी विपक्ष इसमें लिप्त है. यह आंदोलन किसानों के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि यह राजनीतिक दलों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस प्रदर्शन को लेकर दावा किया कि कुछ लोग माहौल खराब करने के प्रयास में हैं. ऐसे में किसानों को उपद्रवियों से दूर रहना चाहिए. यह वक्त हल पर चर्चा का है और उसी पर बात की जानी चाहिए मगर कुछ लोग समाधान नहीं चाहते हैं. किसानों के साथ ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है. पूरे मसले पर मिलकर हल निकालना होगा. सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है और कुछ बातों पर सरकार अभी भी बात करने के लिए तैयार है.
सपा चीफ और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली की सरकार जानबूझ कर किसानों की आवाज दबाना चाहती है. सरकार की ओर से किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, जबकि वह किसानों के नाम पर वोट लेना चाहती है. ऐसे में किसानों को एमएसपी क्यों नहीं मिलनी चाहिए?
किसानों के प्रदर्शन के बीच मंगलवार को बार-बार आंसू गैस के गोले दागे जाने से जुड़े एक्शन को लेकर विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को घेरा है. कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जो सरकार एमएस स्वामीनाथन और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देती है, वही किसानों पर अत्याचार करती है. एमएसपी का मतलब मोदी सेलिंग प्राइस नहीं है.
Farmer Protest: प्रदर्शनकारी किसानों ने शंभू बॉर्डर के फ्लाईओवर पर लगे सेफ्टी बैरियर हटा दिए हैं.
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल लोगों ने अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने किसानों के प्रदर्शन और मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में मालीवाल ने पीएम से अपील की है कि वो किसानों से बातचीत करें और जल्द से जल्द समस्या का हल निकालें.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा के जब तक सरकार मांग नहीं मानती प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि शंभू बार्डर पर 10 हजार किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन ड्रोन से हम पर आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन के चलते DMRC ने इन मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए हैं-
- केंद्रीय सचिवालय
- राजीव चौक
- उद्योग भवन
- पटेल चौक
- मंडी हाउस
- बाराखंभा रोड
- जनपथ
- खान मार्केट
- लोक कल्याण मार्ग
किसानों के प्रदर्शन के बीच मंगलवार को बीकेयू के नेता राकेश टिकैत की पहली प्रतिक्रिया आई. कर्नाटक के बेंगलुरू से उन्होंन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को चेताया और कहा, "देश में बड़ी पूंजीवाद कंपनिया हैं जो एक राजनीतिक पार्टी बना चुकी हैं. उनका इस समय देश पर कब्जा है. ऐसे में दिक्कते आएंगी और अगर किसानों के साथ कोई अन्याय हुआ या सरकार उनके लिए कोई दिक्कत पैदा करेगी तब न तो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और न दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है."
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली में लाल किला अस्थाई तौर पर विजिटर्स (घूमने-फिरने आने वालों) के लिए बंद कर दिया गया है. यह जानकारी मंगलवार दोपहर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के एक अफसर की ओर से दी गई.
उधर, किसानों के खिलाफ 13 फरवरी, 2024 को हुए एक्शन को लेकर कांग्रेस बुरी तरह भड़की. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच घग्गर नदी है, जिस पर पुल है. वहां कीलें और कंटीली तारबंदी कर दी गई है और सीमा इस कदर सील कर दी है कि वहां पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बॉर्डर हो या दो दुश्मन देशों का बॉर्डर हो.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं की न्याय की हुंकार से केंद्र सरकार डरी हुई है. वह एक बार फिर अंग्रेज के दौर के पुराने दमनकारी आंदोलनों की याद दिला रही है. दिल्ली की सत्ता में बैठे क्रूर और अहंकारी सत्ताधारियों से हमारा सिर्फ इतना सवाल है कि क्या देश का अन्नदाता किसान और खेत मजदूर न्याय मांगने देश की राजधानी नहीं आ सकता है? क्या सरकार यह मानती और सोचती है कि किसान दिल्ली की सत्ता पर आक्रमण करने आ रहा है?
किसानों के प्रदर्शन के बीच मंगलवार दोपहर को कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के बहादुरगढ़ में बताया कि किसानों की एमएसपी की मांग वैध है, जबकि कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अडानी का फोटो शेयर करते हुए तंज कसा गया कि दोस्त के प्रति प्यार दिखाया जा रहा है और किसानों पर वार किया जा रहा है.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान कथित तौर पर बेकाबू हो गए थे. उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और बाद में उन्हें खदेड़ा गया तो वहां भगदड़ जैसे हालात दिखे. इस बीच, खबर आई कि बवाल के बाद ऐहतियाती तौर पर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है.
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च को लेकर कहा है कि विभिन्न मागों को लेकर देश भर के किसान एकजुट हैं.
हरियाणा के झज्जर में एसपी अर्पित जैन ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च को लेकर किए गए सुरक्षा इंतजामों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया- ट्रैफिक एडवाइजरी पहले ही जारी की जा चुकी है. कई प्वॉइंट्स पर रूट डायवर्जन किया गया है. हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि टिकरी बॉर्डर पर कोई आपात्कालीन वाहन (एंबुलेंस आदि) न फंसे.
प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमाओं पर किए गए उपायों के कारण मंगलवार सुबह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वाहन चालकों को भारी जाम का सामना करना पड़ा. बॉर्डर पर यातायात धीमी गति से चला क्योंकि पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के मार्च के मद्देनजर सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर कई स्तर पर बैरिकेड लगाए थे. यात्रियों को यातायात जाम से जूझना पड़ा और किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए दिल्ली को किले में तब्दील कर दिया गया था.
किसानों के ताजा प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में 8 मेट्रो स्टेशंस के कई गेट्स भी बंद कर दिए गए, जबकि किसानों के दिल्ली मार्च से पहले दिल्ली से यूपी के गाजियाबाद और नोएडा को जोड़ने वाले बॉर्डर्स (गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर) पर भारी जाम की समस्या भी देखने को मिली. एक किलोमीटर का सफर तय करने में लोगों को लगभग एक घंटे का समय लग गया.
‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर भारी अवरोधक लगाए जाने की निंदा की. उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य की सीमाएं ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमाओं’’ में बदल गई हैं. फतेहगढ़ साहिब जिले में उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं. ऐसा लगता है कि वे अंतरराष्ट्रीय सीमा बन गए हैं.’’
देश की राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने किसानों के मार्च के मद्देनजर बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने के केंद्र सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया है. यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मंगलवार (13 फरवरी, 2024) को समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा ने दी. आगे यह भी बताया कि दिल्ली सरकार ने अस्थायी जेल बनाने के लिए केंद्र के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि किसानों की मांग सही है, उन्हें गिरफ्तार करना गलत है.
किसानों को रोकने के लिए सिर्फ आंसू गैस, लाठी और बॉडी गार्ड किट के साथ ही फोर्स की तैनाती की गई है. बॉर्डर पर फ्रंट लेयर में महिला सुरक्षा बलों की संख्या ज्यादा है. ड्रोन के जरिये आसपास के अन्य रास्तों पर भी नजर रखी जा रही है. पिछली बार से सबक लेते हुए जवानों को इस बार एंटी टियर गैस मास्क दिए गए हैं. पिछली बार किसानों ने पुलिस के आंसू गैस के गोले वापस पुलिस पर ही फेंके थे.
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सुरक्षाकर्मियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. किसी भी सूरत में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने को कहा गया है. सिंघु-गाजीपुर-टिकरी-चिल्ला बॉर्डर पर करीब 18 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. हर बॉर्डर पर 7 लेयर की कड़ी सुरक्षा है. दिल्ली पुलिस के अलावा, रैपिड एक्शन फोर्स, सीआईएसएफ, बीएसएफ के जवानों की तैनाती की गई है.
केंद्र सरकार की ओर से बवाना स्टेडियम को जेल बनाने के प्रस्ताव को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने खारिज कर दिया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि, किसानों की मांगें जायज हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन संविधान में हर नागरिक का हक है. किसान इस देश के अन्नदाता हैं. अन्नदाता को जेल में डालना गलत होगा. हम बवाना स्टेडियम को जेल बनाने की परमिशन नही दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन की ओर से की गई मांग पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि, अगर किसी वकील को आज कोर्ट तक पहुंचने में समस्या आ रही हो तो वे सूचित करें. कोर्ट उसी हिसाब से मामले की सुनवाई करेगा. आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिख कर अनुरोध किया था कि अगर कोई वकील किसान आंदोलन के चलते कोर्ट न आ सके तो उसके मामले में विपरीत आदेश न पारित किया जाए.
आंदोलनकारी किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली में किए जा रहे इंतजामों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा...
"कंटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीले और बंदूक़ें… सबका है इंतजाम,
तानाशाही मोदी सरकार ने किसानों की आवाज पर जो लगानी है लगाम !
याद है ना “आंदोलनजीवी” व “परजीवी” कहकर किया था बदनाम, और 750 किसानों की ली थी जान ?
10 सालों में मोदी सरकार ने देश के अन्नदाताओं से किए गए अपने तीन वादे तोड़े हैं-
1. 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी
2. स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक Input Cost + 50% MSP लागू करना
3. MSP को कानूनी दर्जा
खरगे ने आगे कहा, अब समय आ गया है कि 62 करोड़ किसानों की आवाज उठाने का.
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आज कांग्रेस पार्टी “किसान न्याय” की आवाज उठाएगी. हमारा किसान आंदोलन को पूरा समर्थन है.
न डरेंगे, न झुकेंगे !
किसानों के पंजाब से दिल्ली के लिए निकलने के बाद हरियाणा और दिल्ली सीमा पर पुलिस और सुरक्षा बलों की हलचल बढ़ गई है. किसानों को रोकने के लिए सीमा पर ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड्स लगाने का काम अब भी जारी है. इसके अलावा कई जगह कंटीले तार भी लगाए जा रहे हैं.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च को देखते हुए झज्जर पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर ली है. डीएसपी झज्जर शमशेर सिंह का कहना है कि, ''सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. प्रमुख सड़कों और बॉर्डर वाले इलाकों में रूट डायवर्ट किया गया है. आम लोगों के लिए पहले से ही एक एडवाइजरी जारी कर दी गई थी.'' इनसे अलग दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर के अलावा दिल्ली के अंदर के भी कुछ इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. किसानों के कूच को देखते हुए सेंट्रल दिल्ली में पुलिस फोर्स बड़ी मात्रा में तैनात है.
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली के लिए निकलने से पहले किसान खाना बांट रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के अलावा नोएडा पुलिस ने भी सभी बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है. नोएडा पुलिस का कहना है कि वह दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है. बॉर्डर वाले रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या है, लेकिन शहर अंदर की सड़कों पर ट्रैफिक सामान्य है.
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर निकलने लगे हैं. वहीं, किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने शाहदरा बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी है. यहां बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और पुलिस फोर्स भी बढ़ा दी गई है. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस तैनात है. सबसे ज्यादा चौकसी सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर रखी जा रही है.
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि, "हमने मुद्दे को सुलझाने और केंद्र सरकार के साथ टकराव से बचने के लिए सोमवार (12 फरवरी) को बैठक के दौरान अपनी पूरी कोशिश की. हमने पांच घंटे तक बैठक में भाग लिया. वे पुलिस भेज रहे हैं और हर जगह पानी की बौछारें कर रहे हैं. वे हरियाणा में किसानों पर अत्याचार कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में बदल दिया गया है.''
दिल्ली-सोनीपत का सिंघु बॉर्डर सील है. पंजाब हरियाणा से आने वाले किसानों को यहीं रोका जाएगा. वहीं, दिल्ली-बहादुरगढ़ से सटा टीकरी बॉर्डर भी सील है. तीसरा झरोदा कलां बॉर्डर है, बहादुरगढ़ की तरफ से किसान इसी रूट पर आ सकते हैं. उन्हें इसी बॉर्डर पर रोकने की तैयारी है. यूपी से जो किसान दिल्ली आएंगे उन्हें दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर रोकने की तैयारी है. हरियाणा के फरीदाबाद से आने वाले किसानों को बदरपुर बॉर्डर पर ही रोकने के इंतजाम हैं. नोएडा से सटे दिल्ली के सभी बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं.
फतेहगढ़ साहिब के पास हजारों ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली कूच के लिए तैयार. किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने उनकी बातें नहीं मानीं और वह अब दिल्ली जरूर जाएंगे. किसानों ने हरियाणा सरकार की भी निंदा की है. उनका कहना है कि जिस तरह बड़े-बड़े बैरिकेड और कीलें लगाकर उनको रोकने की कोशिश की जा रही है, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सभी बैरिकेड उखाड़ देंगे.
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर CRPF और RAF की तैनाती. बड़ी संख्या मे सुरक्षाबल मौजूद, इस वक़्त जवानों को ब्रीफ किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर किसानों के आंदोलन पर संज्ञान लेने की मांग की है. बार असोसिएशन ने कहा है कि इस तरह के आंदोलन को रोका जाना चाहिए. बार असोसिएशन ने यह मांग भी की है कि जो वकील आंदोलन के चलते कोर्ट में उपस्थित ना हो पाए उनके मामलों में कोई भी विपरीत आदेश पारित न किया जाए.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर पुलिस की ओर से की गई बैरिकेडिंग की वजह से लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट ने भी एडवाइजरी जारी की है. दिल्ली एयरपोर्ट ने एक मैसेज में लिखा, दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आज से शुरू होने वाले किसानों के प्रत्याशित विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा. इसके अलावा कई बॉर्डर पर कमर्शल वाहनों की एंट्री पर भी प्रतिबंध रह सकता है. ऐसे में समय पर आगमन सुनिश्चित करने के लिए हम यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन विकल्पों के लिए टर्मिनल 1 (टी1) के लिए मैजेंटा लाइन या टर्मिनल 3 (टी3) के लिए एयरपोर्ट मेट्रो लाइन का उपयोग करने की सलाह देते हैं.
किसान नेता लखविंदर सिंह का कहना है कि, ''हम लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही हैं. हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं. बैठक के बाद जैसे ही हमें निर्देश मिलेगा, हम आगे बढ़ेंगे.”
किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए किए जा रहे इंतजामों पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि, "किसानों के हितैषी चौधरी चरण सिंह जी और स्वामीनाथन जी का ये कैसा सम्मान है कि भाजपा सरकार किसान-आंदोलन के लिए कीलें बिछा रही है, सच तो ये है कि भाजपा सरकार अपनी कमी छिपा रही है. पूरी दुनिया भाजपा की दमनकारी नीतियों को देख रही है. भाजपा ने देश के लोकतंत्र की सड़क खोद दी है और स्वतंत्रता की राह में जो कंटीले तार बिछाए हैं उनसे पूरी दुनिया में देश की छवि तार-तार हो गई है. अब भाजपा सरकार से त्रस्त होकर 140 करोड़ का देश एक साथ खड़ा हो रहा है, जो उन्हें ‘400 पार’ नहीं ‘400 पर हार’ देगा. एकता की आवाज़ लोहे की कीलें गला देगी."
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने फतेहगढ़ साहिब में मंगलवार (13 फरवरी) को सुबह करीब 8 बजे किसान यूनियनों के साथ बैठक की. बैठक में आगे की रणनीति बनाई गई.
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है.
किसानों से वार्ता में शामिल केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि, "किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई. सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले... अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा... हम अब भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है. हमें उम्मीद है कि हम आगे बातचीत के जरिए समाधान निकाल लेंगे."
केंद्र से किसानों की कुछ मांगों में किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी, बुजुर्ग किसानों और मजदूरों के लिए प्रति माह 10,000 रुपये प्रदान करने वाली पेंशन योजना, बीज की गुणवत्ता में सुधार, नकली उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को सजा देना, सभी फसलों के लिए एमएसपी और मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना शामिल है.
नोएडा से दिल्ली की ओर जाने वाले कमर्शल वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. नोएडा पुलिस इन वाहनों को डायवर्ट करेगी. नोएडा पुलिस ने जनता से 13 से 16 फरवरी के बीच आवागमन के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करने की अपील की है.
नोएडा पुलिस हाई अलर्ट पर है और उसने डीएनडी बॉर्डर, कालिंदी कुंज बॉर्डर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में बल तैनात कर दिया है. ट्रैफिक पुलिस ने क्यूआरटी के साथ विभिन्न सीमाओं पर 500 कर्मियों को तैनात किया है और सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों के जरिए स्थिति पर नजर रख रही है.
अंबाला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, अंबाला के सेक्टर 10 में राजीव गांधी खेल स्टेडियम को अस्थायी हिरासत केंद्र घोषित किया गया है.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि, ''कल मंत्रियों के साथ करीब 5 घंटे तक बैठक चली. हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा. केंद्र सरकार उस पर सहमति नहीं बना पाई है. सरकार हमसे आंदोलन रोकने के लिए समय मांग रही है, लेकिन उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय मांगा था, जब किसानों का आंदोलन खत्म हुआ था. हमने सोचा कि अब समय देना उचित नहीं है. अगर मजबूत प्रस्ताव है तो हम समय देने के बारे में सोच सकते हैं लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है..."
किसानों को रोकने के लिए कुंडली में हरियाणा बॉर्डर के पास NH 44 पर सबसे ज्यादा बैरिकेडिंग और ब्रेकर की व्यवस्था की गई है.
दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर भी किए हैं पुख्ता इंतजाम.
किसानों के दिल्ली मार्च को विफल करने के लिए अंबाला, जींद और फतेहाबाद जिलों में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमा को कंक्रीट ब्लॉकों, कील वाले ब्रेकर और कंटीले तारों से सील कर दिया गया है.
मार्च को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एक ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है. इसके तहत लोगों से दिल्ली की तीन सीमाओं (टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और यूपी गेट) पर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के बारे में बताया गया है. पुलिस ने बताया है कि सिंघू बॉर्डर पर मंगलवार से सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा.
किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में फोर्स तैनात है.
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. टिकरी बॉर्डर पर भारी सुरक्षा इंतजाम हैं.
दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च को लेकर संभावित अशांति और सुरक्षा के मद्देनजर 12 मार्च तक के लिए राष्ट्रीय राजधानी में धारा 144 लगा दी है. इसके तहत बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित पड़ोसी राज्यों के किसान इस प्रदर्शन को कर रहे हैं.
बैकग्राउंड
Farmers Protest Day 3: पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली का रुख कर रहे हैं. 'दिल्ली मार्च' पर निकले इन किसानों के प्रदर्शन का गुरुवार (15 फरवरी 2024) को तीसरा दिन है. इससे पहले बुधवार को किसानों ने दिल्ली में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया. कई जगहों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई. इस दौरान आंसू गैस के गोले भी दागे गए. ये किसान सोमवार को सरकार के साथ बातचीत फेल होने के बाद मंगलवार से दिल्ली मार्च पर निकले हैं.
इसी बीच सरकार ने किसानों के साथ गुरुवार (15 फरवरी) को बैठक बुलाई. बैठक शाम 5 बजे रात करीब डेढ़ बजे तक चंडीगढ़ में चली. बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि अगली बैठक रविवार (18 फरवरी) को होगी.
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें किसानों से किए गए केंद्र के वादे न पूरे किए जाने की बात कही गई. पत्र के जरिए किसानों की 21 मांगें फिर से दोहराई गई हैं. एसकेएम ने कहा कि वे लोगों एकजुट होकर आंदोलन करते रहेंगे.
किसान किन मांगों को लेकर कर रहे दिल्ली कूच? जानिए:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराना
- किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन
- कृषि ऋण माफ किया जाए
- पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लिया जाए
- यूपी के लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’
- भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल हो
- पिछले किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -