Farmers Protest Live: किसान नेता ने कहा- सरकार की नीयत में खोट है, एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं

दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 41 वां दिन है. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच सोमवार को बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई. दोनों पक्षों के बीच मुख्य मुद्दों पर गतिरोध अभी भी कायम है. अगली बैठक 8 जनवरी को दोपहर 2 बजे होगी. बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा हो लेकिन किसान इसके लिए सहमत नहीं हुए. वो तीनों कानून वापस लेने पर अड़ गए.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 05 Jan 2021 02:58 PM

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 39वें दिन भी जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "बारिश और ठंड से हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है किसान का जीवन ही संघर्ष है. हम यहां से तभी ही जाएंगे जब सरकार MSP को कानून बना देंगे. इससे पहले हम नहीं जाएंगे."

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा, सरकार की नीयत में खोट है. 8 जनवरी को 8वें दौर की बात होगी. बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा. सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि कानून फायदेमंद हैं. PM खुद बैठक कर कानूनों को निरस्त करने की बात करें.
सिंघु बॉर्डर पर दो बजे बैठक करेंगे किसान नेता
सरकार के साथ किसानों की बैठक बेनतीजा रही. अब आज किसान संगठन सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेंगे. किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है. किसान कृषि कानून रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, सरकार ने भी अपना रुख कायम रखा. दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत चली लेकिन अंत तक कुछ निष्कर्ष नहीं निकल सका.
यूनियन की रजामंदी से तय हुई अगली तारीख
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को सरकार पर भरोसा है और नए कृषि कानूनों के संबंध में कोई भी निर्णय देशभर के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हितों को देखकर ही कानून बनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि 8 तारीख (8 जनवरी 2021) को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और एमएसपी दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं. वहीं एक किसान नेता ने कहा कि हमने बताया कि पहले कृषि क़ानूनों को वापिस किया जाए, एमएसपी पर बात बाद में करेंगे. 8 तारीख तक का समय सरकार ने मांगा है. उन्होंने कहा कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये क़ानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार देशभर के किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है. सरकार जो भी निर्णय करेगी, सारे देश को ध्यान में रखकर ही करेगी. चर्चा जिस हिसाब से चल रही है, किसानों की मान्यता है कि सरकार इसका रास्ता ढूंढे और आंदोलन समाप्त करने का मौका दे. चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया. 8 तारीख को अगली बैठक होगी. किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है.

बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच आज बात नहीं बनी. 8 जनवरी को दोबारा बैठक होगी. हम किसानों का सम्मान करते हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी बातचीत हुई. किसानों को सरकार पर भरोसा है.

किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. इस बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कि क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनयिर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सभी कांग्रेस विधायकों ने मिलकर ये फ़ैसला लिया है कि कांग्रेस विधायक दल निजी कोष से आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगा. भविष्य में भी इन परिवारों की हर संभव मदद के प्रयास जारी रहेंगे. उन्हें अधिक से अधिक मदद पहुंचाने की कोशिश होगी.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि बिल के एक एक प्रावधान पर चर्चा कर लिया जाए. किसान नेताओं को सरकार ने एक बार फिर कहा कि कृषि कानून में जो भी दिक्कतें हैं उनको दूर करेंगे. लेकिन उसके लिए चर्चा की जरूरत है. सरकार की तरफ से आज की बैठक के दौरान भी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा क्या विकल्प हो सकता है, एक बार फिर से ये बताने को कहा गया. किसान संगठन के सूत्रों के मुताबिक, सरकार अभी भी अपनी पहले वाले रुख पर अड़ी हुई है. जबकि किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
सरकार के साथ बातचीत करने पहुंचे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने लंच के लिए आज भी लंगर से मंगवाया खाना ही खाया. सूत्रों के मुताबिक, किसानों ने मंत्रियों के साथ खाना नहीं खाया.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि कांग्रेस के पास किसानों और ग्रामीण मजदूर की समझ रखने वाला कोई नेता नहीं है. उन्हें ही नहीं पता कि उन्होंने 2 साल पहले क्या बोला और 2 दिन पहले क्या बोला. इसलिए ऐसे लोगों को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. किसानों को लेकर प्रियंका गांधी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने ये बात कही.
विज्ञान भवन में सरकार के साथ किसान संगठनों की चल रही बैठक के बीच लंच ब्रेक हुआ है. इस दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने खाना खाया.


विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता शुरू हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोम प्रकाश मौजूद हैं. बैठक शुरू होने के पहले किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले सभी किसानों को श्रद्धांजलि भी दी गई. इस दौरान मंत्री मौजूद रहे.
किसानों के साथ सरकार की बैठक पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि देश सरकार की तरफ देख रहा है. सरकार से आग्रह है कि किसानियत नहीं तो कम से कम इंसानियत को देखते हुए, प्रजा की बात मानने से कोई शासक छोटा नहीं होता.
आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत शुरू होने वाली है. इससे पहले विज्ञान भवन पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज सरकार को किसानों से सकारात्मक बातचीत की उम्मीद है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि किसान सरकार की बातों पर गौर करेंगे और अपना आंदोलन खत्म करेंगे.
"उम्मीद है किसानों को आज इंसाफ मिलेगा"
किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत से पहले अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेन्द्र ने कहा कि वह दिल से दुआ करते हैं कि इन किसानों को आज इंसाफ मिले. धर्मेन्द्र ने ट्वीट किया, 'आज, मेरे किसान भाइयों को इंसाफ मिल जाए. हाथ जोड़कर, जी जान से अरदास करता हूं, हर एक रूह को सुकून मिल जाएगा.' धर्मेन्द्र ने पहली बार किसान संकट पर अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं.
बैठक के लिए रवाना होने से पहले राकेश टिकैत ने किए मंदिर में दर्शन
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के लिए रवाना होने से पहले गाजियाबाद स्थित श्री अर्धनारीशवर शंकर भगवान के प्राचीन मंदिर में दर्शन के लिए गए. राकेश टिकैत ने कहा, आज सोमवार है और आज एक महत्वपूर्ण दिन है जिसके लिए मैंने मंदिर में दर्शन किए हैं. मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है. किसानों की जीत होगी.
दिल्ली में कई रास्ते बंद
प्रदर्शन के मद्देनजर आज दिल्ली को गाजियाबाद और नोएडा से जोड़ने वाले गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर बंद हैं. यातायात पुलिस ने लोगों से आनंद विहार, डीएनडी, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आने का सुझाव दिया है. यातायात पुलिस ने कहा, 'सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.'
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, 'मुख्य एजेंडा है कि तीन कानूनों को वापस लेना और MSP को कानूनी दर्जा देना है. इसमें कोई कानूनी समस्या नहीं है. यह राजनीतिक इच्छा का सवाल है. अगर सरकार कॉर्पोरेट के साथ है तो वापस नहीं लेगी और अगर किसान के साथ है तो जरूर वापस लेगी.'
विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता
केंद्र सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और अन्य मंत्री भी विज्ञान भवन पहुंचने वाले हैं.
सिंघु बॉर्डर से किसान नेता विज्ञान भवन के लिए रवाना
किसान संगठनों के नेता सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं. कुछ देर में किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच जाएंगे.
कुछ देर में किसान सिंघु बॉर्डर से रवाना होंगे
सरकार और किसान संगठनों के बीच आज दोपहर दो बजे आठवें दौर की बैठक होनी है. किसान नेताओं ने बस में बैठना शुरू कर दिया है. कुछ देर में सिंघु बॉर्डर से किसान बैठक के लिए रवाना होंगे.
सिंघु बॉर्डर पर एक शख्स ने ट्रक को बना दिया घर
किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही एक अस्थाई घर में बदल दिया. जालंधर से आए हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हुए हैं. हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को घर में तब्दील कर दिया. हरप्रीत द्वारा बनाए गए इस अस्थाई घर में हर सुविधा मौजूद है. ट्रक में बाथरूम से लेकर टीवी तक लगा हुआ है. हरप्रीत ने ट्रक में बाकायदा सोने के लिए बेड और बैठने के लिए सोफा लगाया हुआ है.
आज सरकार के साथ होने वाली बैठक पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा.
रिलायंस का बयान- हम किसानों से कोई खरीद नहीं करते
रिलायंस का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों से उसका कोई लेना-देना नहीं है और यह तीनों कानून कंपनी को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाते हैं. कंपनी ने कभी भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती नहीं की है और ना ही कंपनी का भविष्य में इस व्यापार में उतरने का कोई इरादा है. रिलायंस ने कहा, कंपनी ने पंजाब हरियाणा या फिर भारत में कहीं भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई जमीन नहीं खरीदी है. कंपनी ने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसा कोई इरादा कंपनी का नहीं है. वह सीधे तौर पर किसानों से कोई खरीद नहीं करती है.
सरकार से पिछली बातचीत में क्या हुआ था
पिछली बार 30 दिसंबर को हुई वार्ता में सरकार ने किसानों की चार में से दो मांगे मान ली थी जो पराली दहन से जुड़े अध्यादेश के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और जेल की सजा और बिजली सब्सिडी को जारी रखने से संबंधित हैं. किसान संगठनों ने चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर छह जनवरी को केएमपी एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालने का ऐलान किया है.


हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन की मौत
कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आए दो पंजाब निवासियों बलबीर सिंह गोहाना और निर्भय सिंह की मौत हो गई है. वहीं युधिष्ठर सिंह नामक एक किसान को दिल का दौरान पड़ने के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है. पुलिस को आशंका है कि किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हुई है. मौत के वास्तविक कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी.
आंदोलन में बौध भिक्षुओं ने भी लिया हिस्सा
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है. प्रदर्शन में अब बौध भिक्षुओं ने भी हिस्सा ले लिया है. एक बौध भिक्षु ने कहा, "हम लखनऊ से आए हैं. किसान सड़क पर है इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं. जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे."
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा, अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं. 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी.
आंदोनकारी किसान कुछ दिनों में गुरुग्राम में कर सकते हैं प्रवेश
किसानों के एक संगठन ने तीन दिन पहले हरियाणा-राजस्थान सीमा पर बैरिकेड तोड़कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में प्रवेश किया था. अब वे गुरुग्राम में प्रवेश कर सकते हैं. राजस्थान के श्री गंगानगर से आंदोलनकारी किसानों के एक समूह ने रविवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का एक और प्रयास किया. इसी के चलते गुरुग्राम से करीब 17 किमी दूर रेवाड़ी के सांघवाड़ी गांव के पास पुलिस से झड़प हो गई.
दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन करते हुए किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा, संगरूर में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया. हम इसकी निंदा करते है. हम पंजाब सरकार को अवगत कराते हैं कि आपने अगर किसानों पर लाठीचार्ज बंद नहीं किए तो उनके खिलाफ पंजाब में मोर्चा खोला जाएगा.
किसानों से वार्ता से पहले कृषि मंत्री तोमर मिले राजनाथ से
किसानों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा के लिए मुलाकात की. विरोध कर रहे किसान पहले ही अपना आंदोलन तेज करने के संबंध में अल्टीमेटम दे चुके हैं, अगर वार्ता विफल रही तो भी सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए बीच का रास्ता अख्तियार करने की कोशिश कर रही है.
हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया
हरियाणा पुलिस ने दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के एक समूह पर रेवाड़ी जिले के मसानी बांध के पास रविवार की शाम को आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों ने बुधला सांगवारी गांव के पास पहले पुलिस बैरीकेड तोड़ डाले और फिर शाम में वे दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे. पुलिस ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के सर्विस लेन पर डेरा डाले हुए हैं.
किसानों का सरकार से बातचीत का एजेंडा
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, सरकार के साथ बातचीत का एजेंडा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट रहेगा. तीन कृषि कानूनों की वापसी और MSP पर कानून बने. हम वापस नहीं जाएंगे.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को हुई 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब आखिरी दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता के बाद कहा कि किसान संगठनों के नेताओं के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहने के कारण सोमवार की वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों की सहमति से अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को आयोजित करने का फैसला लिया गया है.

इससे पहले तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हुई. किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा की. सोमवार को बैठक शुरू होने से पहले किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई.

किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है.


किसानों का सरकार को अल्टीमेटम
आठवें दौर की बातचीत से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए एलान किया था कि कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. किसान नेताओं ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं. किसान नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.


किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि अगर सरकार के साथ बातचीत विफल रहती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा. किसान नेता दर्शनपाल ने कहा है कि 4 जनवरी को सरकार से बातचीत है और 5 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. अगर हमारे पक्ष में बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को केएमपी (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे) पर ट्रैक्टर मार्च होगा. यह एक तरह से 26 जनवरी की रिहर्सल परेड होगी.


दर्शनपाल ने 26 जनवरी को यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली समेत देश भर में ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान करते हुए कहा कि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर तिरंगा झंडा लगा कर मार्च करेंगे. किसान नेताओं ने यह भी एलान किया कि सरकार के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान अगले हफ्ते दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे. 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के मौके पर सभी राज्यों में राजभवन मार्च की योजना बनाई गई है.


 


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