Farmers Protest Live: किसान नेता ने कहा- सरकार की नीयत में खोट है, एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं
दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 41 वां दिन है. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच सोमवार को बातचीत बेनतीजा खत्म हो गई. दोनों पक्षों के बीच मुख्य मुद्दों पर गतिरोध अभी भी कायम है. अगली बैठक 8 जनवरी को दोपहर 2 बजे होगी. बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा हो लेकिन किसान इसके लिए सहमत नहीं हुए. वो तीनों कानून वापस लेने पर अड़ गए.
सरकार के साथ किसानों की बैठक बेनतीजा रही. अब आज किसान संगठन सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेंगे. किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है. किसान कृषि कानून रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. हालांकि, सरकार ने भी अपना रुख कायम रखा. दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत चली लेकिन अंत तक कुछ निष्कर्ष नहीं निकल सका.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को सरकार पर भरोसा है और नए कृषि कानूनों के संबंध में कोई भी निर्णय देशभर के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हितों को देखकर ही कानून बनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है.
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच आज बात नहीं बनी. 8 जनवरी को दोबारा बैठक होगी. हम किसानों का सम्मान करते हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी बातचीत हुई. किसानों को सरकार पर भरोसा है.
किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. इस बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि क़ानूनों को वापिस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी. हमने बता दिया है कि क़ानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.
किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत से पहले अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेन्द्र ने कहा कि वह दिल से दुआ करते हैं कि इन किसानों को आज इंसाफ मिले. धर्मेन्द्र ने ट्वीट किया, 'आज, मेरे किसान भाइयों को इंसाफ मिल जाए. हाथ जोड़कर, जी जान से अरदास करता हूं, हर एक रूह को सुकून मिल जाएगा.' धर्मेन्द्र ने पहली बार किसान संकट पर अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के लिए रवाना होने से पहले गाजियाबाद स्थित श्री अर्धनारीशवर शंकर भगवान के प्राचीन मंदिर में दर्शन के लिए गए. राकेश टिकैत ने कहा, आज सोमवार है और आज एक महत्वपूर्ण दिन है जिसके लिए मैंने मंदिर में दर्शन किए हैं. मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है. किसानों की जीत होगी.
प्रदर्शन के मद्देनजर आज दिल्ली को गाजियाबाद और नोएडा से जोड़ने वाले गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर बंद हैं. यातायात पुलिस ने लोगों से आनंद विहार, डीएनडी, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से होकर दिल्ली आने का सुझाव दिया है. यातायात पुलिस ने कहा, 'सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद हैं. कृपया लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर से होकर जाएं. मुकरबा और जीटेके रोड पर भी यातायात परिवर्तित किया गया है. आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें.'
केंद्र सरकार के साथ होने वाली अगले दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और अन्य मंत्री भी विज्ञान भवन पहुंचने वाले हैं.
किसान संगठनों के नेता सरकार से अगले दौर की बातचीत के लिए सिंघु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं. कुछ देर में किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच जाएंगे.
सरकार और किसान संगठनों के बीच आज दोपहर दो बजे आठवें दौर की बैठक होनी है. किसान नेताओं ने बस में बैठना शुरू कर दिया है. कुछ देर में सिंघु बॉर्डर से किसान बैठक के लिए रवाना होंगे.
किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही एक अस्थाई घर में बदल दिया. जालंधर से आए हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हुए हैं. हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को घर में तब्दील कर दिया. हरप्रीत द्वारा बनाए गए इस अस्थाई घर में हर सुविधा मौजूद है. ट्रक में बाथरूम से लेकर टीवी तक लगा हुआ है. हरप्रीत ने ट्रक में बाकायदा सोने के लिए बेड और बैठने के लिए सोफा लगाया हुआ है.
रिलायंस का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों से उसका कोई लेना-देना नहीं है और यह तीनों कानून कंपनी को किसी भी तरह से फायदा नहीं पहुंचाते हैं. कंपनी ने कभी भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती नहीं की है और ना ही कंपनी का भविष्य में इस व्यापार में उतरने का कोई इरादा है. रिलायंस ने कहा, कंपनी ने पंजाब हरियाणा या फिर भारत में कहीं भी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए कोई जमीन नहीं खरीदी है. कंपनी ने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसा कोई इरादा कंपनी का नहीं है. वह सीधे तौर पर किसानों से कोई खरीद नहीं करती है.
पिछली बार 30 दिसंबर को हुई वार्ता में सरकार ने किसानों की चार में से दो मांगे मान ली थी जो पराली दहन से जुड़े अध्यादेश के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और जेल की सजा और बिजली सब्सिडी को जारी रखने से संबंधित हैं. किसान संगठनों ने चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर छह जनवरी को केएमपी एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालने का ऐलान किया है.
कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आए दो पंजाब निवासियों बलबीर सिंह गोहाना और निर्भय सिंह की मौत हो गई है. वहीं युधिष्ठर सिंह नामक एक किसान को दिल का दौरान पड़ने के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है. पुलिस को आशंका है कि किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हुई है. मौत के वास्तविक कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी.
गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है. प्रदर्शन में अब बौध भिक्षुओं ने भी हिस्सा ले लिया है. एक बौध भिक्षु ने कहा, "हम लखनऊ से आए हैं. किसान सड़क पर है इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं. जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे."
किसानों के एक संगठन ने तीन दिन पहले हरियाणा-राजस्थान सीमा पर बैरिकेड तोड़कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले में प्रवेश किया था. अब वे गुरुग्राम में प्रवेश कर सकते हैं. राजस्थान के श्री गंगानगर से आंदोलनकारी किसानों के एक समूह ने रविवार शाम को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का एक और प्रयास किया. इसी के चलते गुरुग्राम से करीब 17 किमी दूर रेवाड़ी के सांघवाड़ी गांव के पास पुलिस से झड़प हो गई.
किसानों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा के लिए मुलाकात की. विरोध कर रहे किसान पहले ही अपना आंदोलन तेज करने के संबंध में अल्टीमेटम दे चुके हैं, अगर वार्ता विफल रही तो भी सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए बीच का रास्ता अख्तियार करने की कोशिश कर रही है.
हरियाणा पुलिस ने दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के एक समूह पर रेवाड़ी जिले के मसानी बांध के पास रविवार की शाम को आंसू गैस के गोले छोड़े. किसानों ने बुधला सांगवारी गांव के पास पहले पुलिस बैरीकेड तोड़ डाले और फिर शाम में वे दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे. पुलिस ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के सर्विस लेन पर डेरा डाले हुए हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, सरकार के साथ बातचीत का एजेंडा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट रहेगा. तीन कृषि कानूनों की वापसी और MSP पर कानून बने. हम वापस नहीं जाएंगे.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को हुई 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब आखिरी दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ वार्ता के बाद कहा कि किसान संगठनों के नेताओं के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहने के कारण सोमवार की वार्ता बेनतीजा रही, लेकिन दोनों पक्षों की सहमति से अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को आयोजित करने का फैसला लिया गया है.
इससे पहले तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हुई. किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद बैठक में नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा की. सोमवार को बैठक शुरू होने से पहले किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई.
किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ताएं हो चुकी है.
किसानों का सरकार को अल्टीमेटम
आठवें दौर की बातचीत से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए एलान किया था कि कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. किसान नेताओं ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी उन्हें मंजूर नहीं. किसान नेताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार कानूनों को रद्द नहीं करती तब तक दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.
किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि अगर सरकार के साथ बातचीत विफल रहती है तो आंदोलन तेज किया जाएगा. किसान नेता दर्शनपाल ने कहा है कि 4 जनवरी को सरकार से बातचीत है और 5 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. अगर हमारे पक्ष में बात नहीं बनी तो 6 जनवरी को केएमपी (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे) पर ट्रैक्टर मार्च होगा. यह एक तरह से 26 जनवरी की रिहर्सल परेड होगी.
दर्शनपाल ने 26 जनवरी को यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली समेत देश भर में ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान करते हुए कहा कि किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर तिरंगा झंडा लगा कर मार्च करेंगे. किसान नेताओं ने यह भी एलान किया कि सरकार के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठे किसान अगले हफ्ते दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे. 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के मौके पर सभी राज्यों में राजभवन मार्च की योजना बनाई गई है.
ये भी पढ़ें-
Farmers Protest: राहुल गांधी का हमला, 'हर एक किसान अपना अधिकार लेकर रहेगा'
जमींदारा छात्र सभा किसान आंदोलन की जानकारी का बना प्रमुख माध्यम, आईटी सेल के जरिए कर रहा अपडेट
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -