Farmers Protest Highlights: बॉर्डर पर किसानों से तनाव के बीच हरियाणा पुलिस ने किया बड़ा ऐलान, अब किसानों पर नहीं लगेगा NSA, वापस लिया पुराना फैसला
Farmers Protest: आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान साथियों की याद में किसान संगठनों ने आज (24 फरवरी) को कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया है. दो दिन पहले ही युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हुई थी.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर दिल्ली-हरियाणा सीमा पर सिंघू और टीकरी सीमा मार्गों को करीब दो सप्ताह तक बंद रखने के बाद प्रशासन ने शनिवार को उन्हें आंशिक रूप से खोलने की प्रक्रिया शुरू की. सिंघू और टीकरी सीमा मार्गों के खुलने से दिल्ली से हरियाणा जाने वाले वालों को बहुत राहत मिलेगी.
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "हमने कभी भी बातचीत के रास्ते बंद नहीं किए हैं. किसानों के साथ हमारे बातचीत के सभी रास्ते खुले हुए हैं. गन्ने का एमएसपी बढ़ने से सभी गन्ना किसानों को फायदा पहुंचने वाला है. गन्ने के मूल्य में वृद्धि करने से स्वाभाविक रूप से किसानों को फायदा होगा और समय-समय पर जो भी ऐसे विषय आते हैं, सरकार उसे स्वयं संज्ञान में लेकर उसका समाधान करती है."
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "हम पश्चिमी यूपी में हैं और किसानों के मुद्दे यहां एक विशेष स्थान रखता है. हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की पहली गारंटी की घोषणा की. जब हमारा गठबंधन (इंडिया गठबंधन) सत्ता में आएगा तो हम एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाएंगे. एमएसपी मोदी सेलिंग प्राइस नहीं है, यह न्यूनतम समर्थन मूल्य है."
पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शनिवार को अपने हरियाणा समकक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि एक किसान जो दिल्ली चलो मार्च के दौरान झड़प में घायल हो गया था और पीजीआई रोहतक में उसका इलाज चल रहा है, उसे पंजाब के अधिकारियों को सौंप दिया जाए.
हरियाणा सरकार ने किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को देखते हुए राज्य के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस (संदेश) भेजने पर लगी रोक को शनिवार (24 फरवरी) रात 11 बजकर 59 मिनट तक के लिए बढ़ा दी है. एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है. अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी को मोबाइल इंटरनेट और एक साथ कई एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
पंजाब के मुख्य सचिव ने हरियाणा के मुख्य सचिव को लेटर लिखकर इलाज करा रहे प्रदर्शनकारी किसान प्रीतपाल सिंह को सौंपने की मांग की है. प्रीतपाल का पीजीआई रोहतक में इलाज चल रहा है.
खनौरी सीमा पर गुरुवार को किसान शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में वकीलों के एक ग्रुप ने शुक्रवार (23 फरवरी) को काम से दूरी बनाई. हालांकि, हरियाणा सरकार के वकीलों ने हरियाणा के महाधिवक्ता बीआर महाजन के निर्देशानुसार हड़ताल में भाग नहीं लिया. हाल के दिनों में यह पहला ऐसा उदाहरण था जहां वकीलों का एक वर्ग खुले तौर पर बार निकाय के आदेश के खिलाफ गया.
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को शंभू और खनौरी सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लागू करने के अपने फैसले को पलट दिया है. एक बयान में अंबाला के आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा, “अंबाला जिले के कुछ किसान यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि अब ऐसा नहीं किया जाएगा.”
किसान नेता जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि जिन लोगों ने गोली चलाई और शुभकरण की मौत हुई उन पर अभी तक पंजाब सरकार ने कोई FIR दर्ज नहीं की. हम सबसे अपील करते हैं कि शाम को कैंडल मार्च किया जाए. कल हम WTO के खिलाफ कन्वेंशन करेंगे. 26 फरवरी को हरियाणा के सीएम मनोहर खट्टर और WTO के बड़े-बड़े पुतले जलाए जाएंगे. 27 फरवरी को दोनो संगठन बैठकर अगली रणनीति तय करेंगे. 28 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम गैर राजनीतिक की जॉइंट मीटिंग होगी और 29 फरवरी को अगली रणनीति का ऐलान होगा. हम पंजाब सरकार को चेतावनी देते हैं कि शुभकरण सिंह के हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे.
खनौरी सीमा पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत से किसानों में आक्रोश है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की है कि न्याय मिलने तक वे शुभकरण सिंह का दाह संस्कार नहीं करेंगे. सरवन सिंह ने हरियाणा पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की. उन्होंने मांग की है कि शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसवालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
सुरक्षा बलों के साथ झड़प में युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसान आंदोलन और बड़ा हो सकता है. दरअसल, इस मौत के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी इसमें शामिल हो गया है. अभी तक वह आंदोलन से दूर था.
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), सेंट्रल ट्रेड यूनियन (सीटीयू) पंजाब, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सहित ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से लुधियाना में शनिवार (24 फरवरी) को मिनी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले जलाए. ये संगठन खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में काला दिवस मना रहे हैं.
फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी के अलावा, प्रदर्शनकारी किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने और पुलिस की ओर से दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इन मांगों पर ही सरकार से सहमित नहीं मिल रही है.
किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच चार दौर की बातचीत हुई थी. चौथे दौर की वार्ता में केंद्र सरकार ने किसानों को कुछ प्रस्ताव दिए थे. इस पर किसानों ने दो दिन का समय मांगा था, लेकिन किसानों को सरकार का प्रस्ताव पसंद नहीं आया और इसे ठुकरा दिया गया था. किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने और पेंशन की मांग को लेकर जिद पर अड़े हैं.
किसानों के साथ चौथे दौर की बातचीत के नकारात्मक नतीजे आने के बाद भी केंद्र सरकार किसानों से बातचीत की उम्मीद में है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (23 फरवरी) को कहा कि केंद्र ने मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति की स्थापना की है और किसानों के साथ बातचीत कर रही है. एएनआई से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने मंत्रियों की 3 सदस्यीय समिति बनाई है और किसानों के साथ चर्चा और बातचीत कर रही है. किसानों की आय बढ़ाने से लेकर छोटे-छोटे खर्चों में सहायता करने तक, पीएम मोदी ने किसानों के कल्याण के लिए हर कदम उठाया है. मैं ऐसे कई कामों की सूची प्रदान कर सकती हूं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए किए हैं.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किसानों से बातचीत पर जोर दिया है. एएनआई के मुताबिक, अनुराग ठाकुर का कहना है कि पहले भी हम चर्चा के लिए तैयार थे, अब भी हम तैयार हैं और भविष्य में भी हम बातचीत के लिए तैयार रहेंगे. हमें कोई समस्या नहीं है, वे हमारे अन्नदाता हैं.
किसान नेता सरबन सिंह पंढेर का कहना है कि किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) शंभू और खनौरी बॉर्डर पर मिलकर कैंडल मार्च निकालेगा. 26 फरवरी को WTO पर चर्चा होगी. इसके बाद WTO, कॉरपोरेट हाउसों और सरकारों की अर्थियां निकालकर उनके पुतले भी जलाए जाएंगे. 27 फरवरी को, किसान मजदूर मोर्चा, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) देश भर के अपने सभी नेताओं की एक बैठक करेगा. 28 फरवरी को दोनों संगठन बैठेंगे और चर्चा करेंगे. इसके बाद 29 फरवरी को दिल्ली चलो आंदोलन के अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा
किसान आंदोलन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. शुक्रवार (23 फरवरी) को इसे लेकर एक याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर दायर की गई जनहित याचिका (PIL) में केंद्र सरकार और कुछ राज्यों की ओर से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.
किसान नेता आज (24 फरवरी) कैंडल मार्च निकालेंगे. 25 फरवरी को किसानों से जुड़े मुद्दों पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जबकि 26 फरवरी को विश्व व्यापार संगठन और केंद्र के पुतले जलाए जाएंगे.
बैकग्राउंड
Farmers Protest Highlights: एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. एमएसपी पर कानून की गारंटी की मांग करते हुए किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के साथ चौथे दौर की बैठक के बाद मिले प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था. वहीं, पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष जारी है. इन सबके बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 फरवरी तक अपना दिल्ली चलो मार्च स्थगित करने का फैसला किया है.
किसान संगठन के नेता सरबन सिंह पंढेर ने खनौरी सीमा शुक्रवार (23 फरवरी) को मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आगे की रणनीति पर 29 फरवरी को फैसला होगा. उन्होंने युवा किसान शुभकरण सिंह व अन्य किसानों की मौत मौत पर भी दुख जताया. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जान गंवाने वाले किसान साथियों की याद में हम शनिवार (24 फरवरी) को कैंडल मार्च निकालेंगे. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर किसानों ने 13 फरवरी से आंदोलन शुरू किया था.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -