Farmers Protest Live Updates: अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों के अमल पर SC की रोक, चार सदस्य कमेटी का गठन
Farmers Protest Live Updates: केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 48वां दिन है. आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हो रही है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है. संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है. आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ पर.
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Farmers Protest Live Updates:केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 48वां दिन है. आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हो रही है. कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे. आज सुप्रीम कोर्ट इसको लेकर अपना आदेश सुना सकता है. संभव है कि कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सकता है.
दे. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की बेंच ने कल इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है. इस संबंध में बाद में कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है.
इस सूचना में कहा गया है, ‘‘इन मामलों को 12 जनवरी को आदेश के लिये सूचीबद्ध किया जाये.’’ बेंच ने कल तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी.
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है, जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है. कोर्ट ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ पर.