Farmers Protest Updates: सरकार-किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अब 19 जनवरी को होगी अगले दौर की वार्ता
Farmers Protest Updates: केंद्र सरकार की तरफ से सितंबर महीने में लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के राजधानी दिल्ली में आंदोलन का आज 51वां दिन है. इस बीच, सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत बेनतीजा ही खत्म हो गई. अब अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को करने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ पर.
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Farmers Protest Updates: केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पिछले 51 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में आज अहम दिन है. आज दोपहर 12 बजे किसानों और सरकार के बीच नौवें राउंड की बातचीत होगी. बड़ी बात यह है कि ये बातचीत किसान कानूनों पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार हो रही है.
सरकार खुले मन से बातचीत को तैयार- कृषि मंत्री
बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार है. किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार हैं. लेकिन, वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं. किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं.
भूपिन्दर सिंह मान चार सदस्यीय समिति से हुए अलग
इससे पहले दिन में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने कहा कि वह कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से अलग हो गए हैं. मान ने कहा कि समिति में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे.
मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार- भूपिन्दर सिंह
उन्होंने एक बयान में कहा कि खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो. मान ने कहा कि मैं समिति से अलग हो रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा. पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए पिछले कई सप्ताह से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.