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Farmers Protest Updates: सरकार-किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अब 19 जनवरी को होगी अगले दौर की वार्ता
Farmers Protest Updates: सरकार-किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा, अब 19 जनवरी को होगी अगले दौर की वार्ता
Farmers Protest Updates: केंद्र सरकार की तरफ से सितंबर महीने में लाए गए कृषि कानूनों को लेकर किसानों के राजधानी दिल्ली में आंदोलन का आज 51वां दिन है. इस बीच, सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत बेनतीजा ही खत्म हो गई. अब अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को करने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ पर.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
15 Jan 2021 05:10 PM
सरकार और किसानों के बीच शुक्रवार को नौवें दौर की वार्ता में गतिरोध खत्म नहीं हुआ. अब अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को होगी.
सरकार के साथ किसानों की नौवें दौर की वार्ता चल रही है. लंच से पहले तक कृषि कानूनों पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है. एमएसपी पर लंच ब्रेक के बाद चर्चा की जा रही है. इधर, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है. सरकार सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी के सामने अपने विचारों को रखेगी. तोमर ने आगे कहा कि हम बातचीत के जरिए मुद्दों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं.
नए कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की बातचीत शुक्रवार को चल रही है. इस बीच, लंच ब्रेक के दौरान किसान नेताओं के साथ लंगर में केन्द्रीय मंत्री नहीं दिखे.
राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान को नहीं समझ रहे हैं, वो सोचते हैं कि किसानों में शक्ति नहीं है और ये 10-15 दिन में चले जाएंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी किसान की इज्जत नहीं करते. नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान का किसान नहीं डरेगा, नहीं हटेगा और भागना आपको पड़ेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को खत्म करने के लिए तीन कानून लाए गए हैं. अगर हम इसे अभी नहीं रोकते हैं, तो यह अन्य क्षेत्रों में भी होता रहेगा. नरेंद्र मोदी किसानों का सम्मान नहीं करते हैं.
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं और पंजाब के कांग्रेस सांसदों से मिल रहे हैं. वहीं दिल्ली कांग्रेस के प्रदर्शन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहुंच चुके हैं. इस दौरान राहुल गांधी ट्रक पर चढ़ गए. राहुल गांधी ने कहा कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते तब तक कांग्रेस आंदोलन को वापस नहीं लेगी. बीजेपी सरकार को कानून वापस लेने ही होंगे
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे. कानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर कानून लाना पड़ेगा.
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 9वें दौर की बैठक शुरू हो गई है. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है और सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे. आज वार्ता की तारीख़ तय थी इसलिए किसानों के साथ हमारी वार्ता जारी है.
किसानों के साथ बैठक के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से कोई रास्ता निकल आए. आज कानूनों पर चर्चा होगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से अपने अलग होने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपिंदर सिंह मान ने कहा है कि आंदोलन और किसानों के हितों को देखते हुए मैं समझता हूं कि उसमें (कमेटी) जाने का कोई तुक नहीं है.
रैली और धरने के बाद नेता और कार्यकर्ता राजभवन तक जाकर सरकार को तीनों काले कानून खत्म करने के लिए गुहार लगाएंगे. कांग्रेस राज्य मुख्यालयों पर यह विरोध प्रदर्शन ऐसे वक्त कर रही है जब आज किसान संगठनों और सरकार के बीच 9वें दौरे की बातचीत प्रस्तावित है. अब तक हुई 8वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही है.
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए आज सभी राज्यों में कांग्रेस ‘किसान अधिकार दिवस’ मनाएगी. इस दौरान कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राज भवनों तक मार्च करेंगे. किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी ‘किसान अधिकार दिवस’ के रूप में एक जन आंदोलन करेगी.
केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पिछले 51 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में आज अहम दिन है. आज दोपहर 12 बजे किसानों और सरकार के बीच नौवें राउंड की बातचीत होगी. बड़ी बात यह है कि ये बातचीत किसान कानूनों पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार हो रही है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि मैं किसान भाईयों से कहना चाहूंगा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है वह निष्पक्ष है. उसके सामने अपना मुद्दा रखें ताकि कोर्ट समय पर निर्णय कर सके. अब जो भी फैसला होगा सुप्रीम कोर्ट के अंदर होगा. सरकार सिर्फ आग्रह कर सकती है.
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बीजेपी सांसद हेमा मालिनी की किसानों पर की गई टिप्पणी पर कहा है- हेमा एक एक्टर हैं. वो एक्टिंग जानती हैं. उनको किसानों के बारे में क्या पता. वो सिर्फ पीएम को खुश करने के लिए कह रही हैं. मैं पीएम से कहूंगा कि वो खुद किसानो से बात करें और कानून को रद्द करके किसानों से बात करके कानून लाएं. मैं किसानों के फैसले का स्वागत करता हूं.
सूत्रों के मुताबिक़ सरकार किसानों के साथ कल होने वाली बैठक के मसले पर क़ानूनी जानकारों की राय ले रही है. सरकार आज इस मसले पर अंतिम फ़ैसला ले सकती है. किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले ही साफ़ कर दिया था कि वो कमिटी बनाए जाने के विरोध में हैं और कमिटी की बैठकों में नहीं जाएंगे. इन संगठनों का कहना है कि वो सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें के आदेश की पेचीदगियों पर चर्चा की जाएगी. किसान कानून को लेकर लीगल प्रावधान पर विचार विमर्श होगा. इससे पहले कैप्टन ने मंगलवार को राज्य के महाधिवक्ता को नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने के कोर्ट के आदेश की विस्तारपूर्वक समीक्षा करने का निर्देश दिया था.
15 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच होने वाली बैठक को लेकर फ़िलहाल स्थिति साफ़ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में इस बात पर मंथन चल रहा है कि प्रस्तावित बैठक करवाई जाए या नहीं. किसान आंदोलन ख़त्म करने के लिए 8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच हुईं आठवीं दौर की बैठक में ये तय हुआ था कि अगली दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी. लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कमिटी बनाने का आदेश देकर सरकार के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक़ सरकार किसानों के साथ कल होने वाली बैठक के मसले पर क़ानूनी जानकारों की राय ले रही है. सरकार आज इस मसले पर अंतिम फ़ैसला ले सकती है. किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले ही साफ़ कर दिया था कि वो कमिटी बनाए जाने के विरोध में हैं और कमिटी की बैठकों में नहीं जाएंगे. इन संगठनों का कहना है कि वो सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
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Farmers Protest Updates: केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर पिछले 51 दिन से चल रहे किसान आंदोलन में आज अहम दिन है. आज दोपहर 12 बजे किसानों और सरकार के बीच नौवें राउंड की बातचीत होगी. बड़ी बात यह है कि ये बातचीत किसान कानूनों पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार हो रही है.
सरकार खुले मन से बातचीत को तैयार- कृषि मंत्री
बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार है. किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार हैं. लेकिन, वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं. किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं.
भूपिन्दर सिंह मान चार सदस्यीय समिति से हुए अलग
इससे पहले दिन में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने कहा कि वह कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से अलग हो गए हैं. मान ने कहा कि समिति में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे.
मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार- भूपिन्दर सिंह
उन्होंने एक बयान में कहा कि खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो. मान ने कहा कि मैं समिति से अलग हो रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा. पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए पिछले कई सप्ताह से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.