Farmers Protest Live Updates: राज्यसभा में कृषि मंत्री तोमर बोले- सरकारक किसानों के लिए प्रतिबद्ध

Farmers Protest Live Updates: केंद्र के नए कृषि कानूनों के किलाफ किसानों के आंदोलन का आज 73वां दिन है. किसान मुद्दे को लेकर पिछले तीन दिन से संसद में हंगामा हो रहा है. राज्यसभा में आज एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर हंगामे के आसार है. वहीं, किसान आंदोलन को लेकर अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानि आरएलपी प्रदेश के सभी ज़िलो में आज ट्रैक्टर मार्च करेगी. पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल किसान आंदोलन को लेकर मुखर है.पहले राजग से अलग हुए फिर संसद में कृषि बिलो को लेकर विरोध जताया, दिल्ली बॉर्डर पर 26 दिसंबर से पार्टी की ओर से धरना दिया जा रहा है. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 05 Feb 2021 12:27 PM
मनरेगा योजना को लेकर तोमर ने कहा, ''कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे. जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था, लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया.''
कृषि मंत्री ने कहा, ''कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है, पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया. मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है.''
उन्होंने कहा कि गांव में अगर किसी शख्स के घर से सड़क गुजर रही है तो उसके मुआवजे का आंकलन भी शहरों की तरह ही होगा.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकारों ने पंचायतों का विकास करने उन्हें मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय आयोग की सिफारिशों के मुताबिक पंचायतों को पैसा दिया गया है.
राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना संकट में भी देश ने अनुशासन दिखाय है, जो तारीफ के काबिल है. उन्हें कहा कि वैक्सीन के मोर्चे पर भी आज भारत दूसरे देशों की मदद कर रहा है. इससे भारत और हमारे वैज्ञानिकों दोनों का सम्मान हुआ है.
राज्यसभा में शिवसेना सांसद संजय राऊत ने लाल किला हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता दीप सिद्धू को लेकर सवाल उठाए. संजय राउत ने कहा, ''दीप सिद्धू कौन है ? क्यों नहीं पकड़ा गया अब तक ? उसकी वजह से 200 किसान जेल में हैं. 100 युवा किसान ग़ायब हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एकजुटता की बात करते हैं और आप किसानों की एक जुटता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, कील ठोंक रहे हैं. आप किसानों को देशद्रोही और खालिस्तानी कहते हैं जबकि पूरा देश उनके साथ है.
किसान आंदोलन को लेकर अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानि आरएलपी प्रदेश के सभी ज़िलो में आज ट्रैक्टर मार्च करेगी. पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल किसान आंदोलन को लेकर मुखर है. पहले राजग से अलग हुए फिर संसद में कृषि बिलो को लेकर विरोध जताया, दिल्ली बॉर्डर पर 26 दिसंबर से पार्टी की ओर से धरना दिया जा रहा है. अब प्रदेश के सभी जिलो में प्रदर्शन कर किसान आंदोलन के समर्थ में आज ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे. तय रास्ते के अनुसार ट्रैक्टर मार्च आज सुबह 11 बजे पिपराली सर्किल से शुरू होकर स्टेशन रोड होते हुए जाट बाजार,रामलीला मैदान से रानी सती रोड, बजरंग कांटा, जयपुर रोड होते हुए बाइपास से फिर पिपराली सर्किल पर पहुंचेगा.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है. आज भी सदन में किसानों के आंदोलन को लेकर हंगामे के आसार हैं. पिछले तीन दिनों से विपक्ष सदन में लगातार किसानों का मुद्दा उठा रहा है. विपक्ष ने सरकार से तीनों विवादित कानून वापस लेने की मांग की है.


संजय सिंह ने कहा- कटीले तार मिले और कंक्रीट के बैरिकेड लगा दिए गए हैं, ऐसा लगता है कि दुश्मन देश की सेना आने वाली है. यह तभी होता है जब देश का शासक जनता से डरता है या देश की जनता को शत्रु समझता है. इनके कारण महान किसान नेता महेंद्र टिकैत के बेटे राकेश टिकैत को रोना पड़ा.

राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है- किसानों पर आंसू गैस के गोले चलाए गए, पानी की बौछार की गई, उनको आतंकवादी कहा गया, उनको गद्दार और खालिस्तानी कहा गया. क्या सरकार के पास इन किसानों को फोन कॉल करने का पैसा तक नहीं है? जिनके पूर्वजों ने देश के लिए शहादत दी,उनके वंशजों को खालिस्तानी आतंकवादी कहां जा रहा है. यह तीनों काले कानून वापस लेने ही पड़ेंगे.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है- बीजेपी की किसानों के प्रति क्रूरता व जनता के आक्रोश से डरकर बीजेपी में इस्तीफ़ों का दौर आ गया है क्योंकि बीजेपी का राजनीतिक के साथ सामाजिक बहिष्कार भी शुरू हो गया है. चौराहों पर नफ़रत बांटनेवाले भाजपाई भूमिगत हो गये हैं. अब बीजेपी का नया नाम ‘भूमिगत जनविरोधी पार्टी’ होना चाहिए.
संसद में आज विपक्ष ने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा. इस दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि कृषि कानूनों का मामला सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए था, लेकिन जिस तरह से बिल पास करवाया गया, हमने उस दौरान भी उसका विरोध किया था. वहीं, डेरेक ने 26 तारीख को ट्रैक्टर पलटने से हुई किसान की मौत के मुद्दे को संदिग्ध अवस्था में हुई मौत करार दिया है.
विपक्षी दलों और किसान संगठनों के विरोध के बाद पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर से टायर कीलों को हटवा दिया है. दिल्ली की तीन सीमाओं (सिंधु, टिकरी और गाजीपुर) पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है. टिकरी बॉर्डर पर सड़क पर बड़ी-बड़ी कील लगाने के बाद प्रशासन ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडों को सीमेंट से जोड़ कर मोटी दीवार बना दी है. गाजीपुर बॉर्डर पर भी दिल्ली की तरफ से कंटीली तारें लगा दी गई है.

किसानों के साथ कृषि कानूनों पर चर्चा को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि किसानों के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ पीयूष गोयल क्यों!! राजनाथ को क्यों नहीं रखा? किसानों, मजदूरों, पत्रकारों और समाजसेवियों के खिलाफ देश विरोधी धारा के तहत मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं. अगर विरोध को देशद्रोह के तौर पर देखा जाता है तो यह तानाशाही की शुरुआत है.
यूपी के रामपुर जा रही प्रियंका गांधी के काफिले की 4-5 गाड़ियां टकरा गई हैं. ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगाया तो गाड़ियां टकरा गईं. गनीमत ये रही कि हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है.
यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा, ''अमेरिका मानता है कि ''शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है. मतभेदों को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.'' इतना ही नहीं उन्होंने कहा, ''भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है. हम मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने को प्रोत्साहित करते हैं.''
किसान आंदोलन को लेकर अब अमेरिका ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा है कि किसी भी देश में शांतिपूर्ण विरोध को लोकतंत्र की पहचान माना जाता है. ऐसे में कानूनों को लेकर हुए मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. अमेरिका की तरफ से किसान आंदोलन को लेकर ये प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है जब कई अंतराष्ट्रीय हस्तियों ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धर्मेंद्र सिंह हरमन नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक धर्मेंद्र की गिरफ्तारी वीडियो फुटेज की जांच और उसकी लोकेशन के आधार पर की गई है. क्राइम ब्रांच की माने तो धर्मेंद्र सिंह हरमन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है और वह दिल्ली का ही रहने वाला है.

दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान जान गंवाने वाले युवक नवरीत सिंह की मौत पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने रामपुर जा रही हैं. प्रियंका गांधी के अलावा आज राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी भी उनके परिजनों से मिलने पहुंचेंगे. आज नवरीत सिंह का अंतिम अरदास कार्यक्रम है. प्रियंका गांधी इस कार्यक्रम में भाग लेंगी और परिजनों को सांत्वना देंगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि लिस्ट 115 लोगों की है. इस लिस्ट में उनका नाम और वे किस दिन गिरफ्तार हुए ये सब है. मैं उम्मीद करता हूं इस लिस्ट से लापता लोगों का पता चल जाएगा. अगर कोई रह जाता है तो उन्हें ढूंढवाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगा. जरूरत पड़ी तो मैं उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से बात करूंगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सूचना मिली कि दिल्ली किसान आंदोलन में जो लोग हिस्सा लेने आए थे वे अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. दिल्ली के अलग-अलग ज़िलों में जिन लोगों को किसान आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार किया गया है, उनकी हमने कल एक लिस्ट बनाई है. ये लिस्ट हम अभी जन सूचना के लिए जारी कर रहे हैं.
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा की जांच के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में कोई भी दखल नहीं देगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि सरकार मामले को देख रही है और कानून अपना काम करेगा.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले जींद में हो रही महापंचायत को लेकर कहा है कि जींद में होनी वाली महापंचायत में किसानों को सही दिशा में विचार करना चाहिए. सरकार तीनों कानूनों को डेढ़ साल तक अमल नहीं करेगी और इसमें जो भी सुधार करना होगा उसके लिए वो तैयार है, उन्हें पंचायत में इन सब पर चर्चा करना चाहिए और आंदोलन को खत्म करना चाहिए.
राज्यसभा की कार्यवाही से आज के लिए सस्पेंड किए जाने पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा है कि सदन में हम तीनों को एक दिन के लिए सस्पेंड किया गया है, लेकिन इस सस्पेंड से हमें फर्क नहीं पड़ने वाला है. हम किसानों के हक में आवाज़ उठाते रहेंगे. किसान दुश्मन देश के नागरिक नहीं हैं. आपने बॉर्डर पर ऐसे किले लगा दिए हैं जैसे चीन-पाकिस्तान का बॉर्डर तैयार किया हो. सरकार किसानों को आतंकवादी कह रही है औरलाठी से पीट रही है, इसलिए हमने सदन में विरोध दर्ज कराया, ताकि सबसे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो और तीनों कृषि कानून वापस हों.
संसद में हंगामे के बीच हरियाणा के जींद जिले में कंडेला गांव स्थित खेल स्टेडियम में किसानों की प्रदेश स्तरीय महापंचायत हो रही है. इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित प्रदेश भर के किसान भाग ले रहे हैं.

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही को बाधित करने पर आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एन डी गुप्ता को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया है.
गुलाम नबी आजाद ने तीनो कृषि कानूनों को वापस लेने की भी मांग की और कहा कि कांग्रेस के शशि थरूर के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया. ये वो नेता हैं जो कई अहम पदों पर रहे हैं. कई वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ भी मामले दर्ज़ हुए हैं. किसी को परेशान करने के लिए मामले दर्ज नहीं होने चाहिए और सरकार को किसानों की मांगों पर शांतिपूर्वक विचार करना चाहिए. किसानों के साथ लड़ाई लड़के हमारा कुछ नहीं होने वाला है और ऐसे देश में गतिरोध बना रहेगा जो किसी के लिए ठीक नहीं है.
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि देश के अन्नदाताओं से कैसी लड़ाई लड़नी. हमको चीन और पाकिस्तान से लड़ाई लड़नी चाहिए. पूरा देश और सारी पार्टियां साथ हैं और हम अब चाहते हैं कि किसानों का फायदा हो. कुछ लोग 26 जनवरी के बाद से गुम हैं उनको ढूंढा जाए. 26 जनवरी को जो लाल किले पर हुआ वो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जो भी शामिल थे उनको कड़ी से कड़ी सजा मिले लेकिन बेगुनाह लोगों को न फंसाया जाए.
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जो गतिरोध बना हुआ है ये पहली बार नहीं हुआ है. सैंकड़ों सालों से ये लड़ाई जारी है. गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में इस दौरान इससे पहले लाए गए उन कानूनों का ज़िक्र किया जो किसानों के जुड़े हुए थे. इसके जरिये आज़ाद ने यह बताने की कोशिश की कि अगर किसानों ने नहीं चाहा है तो कई बार उन कानूनों को वापस लिया गया है.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद इस समय किसान कानूनों के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान 130 करोड़ हिंदुस्तानियों को रोटी देते हैं और किसानों से लड़कर हमें कुछ नहीं मिलेगा. किसानों के सामने अंग्रेज भी झुक गए थे और हमें किसानों से नहीं पाकिस्तान-चीन से लड़ाई जीतनी है.
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह ने किसानों के मुद्दों पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. इससे पहले राज्यसभा में भी किसानों के आंदोलन को लेकर खूब हंगामा हुआ. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दो अन्य आप सांसदों ने वेल में उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि आज हम जींद जा रहे हैं, हमारा उद्देश्य यही रहेगा कि हम सभी गांव में जाएंगे और उन्हें इकठ्ठा करेंगे. जब तक सरकार किसानों की मांग को पूरा नहीं करते तब तक पूरे देश में ऐसी ही महापंचायत चलेगी.
किसान कानून को लेकर राज्यसभा में जबर्दस्त हंगामा हो रहा है. आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह समेत तीन सांसद वेल में उतरकर हंगामा कर रहे हैं. वेंकैया नायडू ने कहा कि तीनों सांसदों को मार्शल की मदद से बाहर किया जाए. वेंकैया ने कहा कि देश के लोग किसानों के मुद्दे पर सुनना चाहते हैं. सदन में इस पर चर्चा होना जरूरी है. लिहाजा सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए.
संसद में किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा को सरकार तैयार हो गई है. अब चर्चा के लिए 10 घंटे की जगह साढ़े 14 घंटे का वक्त दिया गया है. राज्यसभा में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने आज किसानों का मुद्दा उठाया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम चाहते थे कि पहले किसान पर चर्चा हो.
किसान आंदोलन के समर्थन में वामपंथी संगठनों का आज मंडी हाउस से जंतर मंतर तक मार्च होगा. मार्च दोपहर 12 बजे शुरु होगा. जेएनयूएसयू, एआईसीसीटीयू, एआईपीडब्ल्यूए, एआईएसए, एआईएसएफ, अनहद, सीवाईएसएस, डीएसएफ जैसे संगठन में इसमें शामिल होंगे.
आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस की सख्ती में ढिलाई देने, इलाके में बन्द इंटरनेट को चालू करवाने की मांग और 26 जनवरी हिंसा के आरोपों में बड़ी संख्या में गिरफ्तार किए गए किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 6 फरवरी को दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करने का एलान किया है.चक्का जाम के जरिए किसान संगठन आंदोलन को तेज और एकजुट करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है क्योंकि 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से आंदोलन सवालों के घेरे में है.
जहां किसानों का आन्दोलन चल रहा है वहां पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है. टिकरी बॉर्डर पर सड़क पर बड़ी-बड़ी कील लगाने के बाद प्रशासन ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडों को सीमेंट से जोड़ कर मोटी दीवार बना दी है. गाजीपुर बॉर्डर पर भी दिल्ली की तरफ से कंटीली तारें लगा दी गई है. इस घेरेबंदी से स्थानीय आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, आंदोलन कर रहे किसान भी एतराज जता रहे हैं. किसान संगठन घेरेबंदी में ढील दिए जाने की मांग कर रहे हैं. पुलिस और आंदोलनकारी किसानों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि सोमवार को जब पुलिस ने ड्यूटी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर देशभक्ति गानें बजाए तो गानों की ऊंची आवाज को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई.
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस का पहरा लगातार बढ़ रहा है. दूसरी तरफ किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का एलान कर दिया है. आंदोलन के समर्थन में 4 फरवरी को दिल्ली के बवाना में महा पंचायत की तैयारी चल रही है. यानी 26 जनवरी के झटके के बाद नए सिरे से आंदोलन तेज की जा रही है.

बैकग्राउंड

Farmers Protest Live Updates: केंद्र के नए कृषि कानूनों के किलाफ किसानों के आंदोलन का आज 73वां दिन है. किसान मुद्दे को लेकर पिछले तीन दिन से संसद में हंगामा हो रहा है. राज्यसभा में आज एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर हंगामे के आसार है. वहीं, किसान आंदोलन को लेकर अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानि आरएलपी प्रदेश के सभी ज़िलो में आज ट्रैक्टर मार्च करेगी. पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल किसान आंदोलन को लेकर मुखर है.पहले राजग से अलग हुए फिर संसद में कृषि बिलो को लेकर विरोध जताया, दिल्ली बॉर्डर पर 26 दिसंबर से पार्टी की ओर से धरना दिया जा रहा है. अब प्रदेश के सभी जिलो में प्रदर्शन कर किसान आंदोलन के समर्थ में आज ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे. तय रास्ते के अनुसार ट्रैक्टर मार्च आज सुबह 11 बजे पिपराली सर्किल से शुरू होकर स्टेशन रोड होते हुए जाट बाजार,रामलीला मैदान से रानी सती रोड, बजरंग कांटा, जयपुर रोड होते हुए बाइपास से फिर पिपराली सर्किल पर पहुंचेगा.


सयुंक्त किसान मोर्चा ने प्रेस नोट जारी कर सरकार द्वारा बाधित इंटरनेट सेवाओ के तत्काल बहाल की मांग की है. असहमति की आवाज़ को दबाने के सरकार के प्रयास लगातार जारी है. आंदोलनकारी किसानों के साथ साथ मीडिया और स्थानीय लोगों भी बहुत दिक्कत हो रही है. विशेषकर छात्रों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी परीक्षाएं नजदीक है. एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है दूसरी तरफ देश की जनता को इंटरनेट से वंचित रखा ज रहा है. देश-दुनिया से किसान आंदोलन को लगातार समर्थन मिल रहा है. शर्म की बात है कि सरकार इसे अंदरूनी मामला बताकर दबाना चाहती है. जो लोग किसानों को समर्थन कर रहे है उन्हें ट्रोल किया जा रहा है जो कि निंदनीय है. यह आंदोलन पूर्णतः किसानों का आंदोलन है व किसानों पर लग रहे सभी बेबुनियाद आरोपो को हम खारिज करते है. यह आंदोलन शुरू से ही पूर्ण रूप से अराजनैतिक रहा है व अराजनैतिक रहेगा. किसी भी राजनैतिक दल के नेता को सयुंक्त किसान मोर्चा का मंच नहीं दिया जाएगा. अब तक संकलित जानकारी के अनुसार 125 किसानो पर FIR दर्ज है व 21 किसान लापता है. किसान मोर्चा का कानूनी सहायता केंद्र हर बॉर्डर पर लगाया जा चुका है व इन सभी केसों से संबंधित लगातार कार्रवाई कर रहा है.


यह भी पढ़ें-


abp न्यूज़ पर बोले राकेश टिकैत- प्रधानमंत्री अगर 'एक फोन कॉल दूर' हैं तो वो नंबर कौन सा है?


'सोनार भारत' को बर्बाद करने के बाद 'सोनार बांग्ला' बनाने की बात कर रही बीजेपीः ममता बनर्जी

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.