नई दिल्ली: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा जारी है. आज लगातार चौथे दिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा में कामकाज बाधित रहा. वहीं राज्यसभा का कामकाज सुचारू रूप से चला. ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई.


लोकसभा में क्यों है तकरार?
लोकसभा में कृषि कानूनों और किसानों के विषय पर चर्चा को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने आक्रामक रूख अपनाया हुआ है. लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस और डीएमके समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य स्पीकर के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे.


इस दौरान शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), समाजवादी पार्टी और बीएपसी के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े नजर आए. हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया.


स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीके से संबंधित कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए. बिरला ने देश में कोरोना वायरस का टीका तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दते हुए कहा, ‘‘मैं अपने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने इतने कम समय में टीका तैयार किया और पूरे विश्व में देश का नाम रोशन किया.’’ इस दौरान विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही.


बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना वायरस टीके पर बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है. उन्होंने कहा कि सरकार जवाब देना चाहती है और सदस्य कृपया सहयोग करें. बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण काल होता है और इसमें सदस्य जनता के मुद्दे उठाते हैं.


स्थिति ज्यों की त्यों बने रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ने करीब चार बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही शाम छह बजे तक के लिए स्थगित कर दी. शाम छह बजे कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही.


शोर-शराबे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाए. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अगले सप्ताह की बैठकों में प्रस्तावित विधायी कामकाज की जानकारी दी.


अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया. हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया. लोकसभा के कामकाज की सूची में शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज के तहत सदस्यों द्वारा निजी विधेयक पेश करना सूचीबद्ध था लेकिन हंगामे के कारण गैर सरकारी कामकाज भी नहीं हो सका.


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