Kisan Andolan 2.0: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत तमाम मुद्दों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों के साथ बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है. सरकार किसानों की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव आने का इंतजार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार के वरिष्ठ मंत्री लगातार इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. इससे पहले सोमवार को किसानों और सरकार के मंत्रियों के बीच सोमवार को चंडीगढ़ में बातचीत हुई थी. हालांकि, ये बातचीत बेनतीजा रही थी. तब केंद्रीय मंत्री वहां बैठे रहे थे, लेकिन किसान उठकर चले गए थे.
किसान नेताओं ने खोल रखा है बातचीत का दरवाजा
इससे पहले किसान नेता सरवन सिंह ने कहा था कि उन्होंने सरकार के साथ बातचीत का दरवाजा खोल रखा है. सरवन सिंह के मुताबिक, सरकार जब चाहे तब बात कर सकती है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा.
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "हमारी तरफ से ये आंदोलन बिल्कुल शांतिपूर्ण रहेगा. सरकार चाहे हम पर लाठियां बरसाए, भले ही गोली मार ले. हमें किसी पार्टी का सपोर्ट नहीं है. कोई कांग्रेस सपोर्ट नहीं है. हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितना बीजेपी. ये नीतियां तो कांग्रेस लेकर आई थी."
किन बातों पर नहीं बन पाई थी सहमति?
इससे पहले सरकार और किसान नेताओं के साथ सोमवार (12 फरवरी) की रात को हुई बैठक बेनतीजा रही. इस बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ शामिल हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि जो बचे हुए मुद्दे हैं उसको लेकर एक समिति का गठन किया जाए और इसके जरिए इन्हें सुलझाया जाए.
वहीं, बैठक में केंद्र ने 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने पर सहमति जताई. हालांकि, किसान नेता फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून को बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है.
क्या है किसानों की मांग?
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने और कर्ज माफी सहित अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.
मंगलवार को, पंजाब के किसानों ने हरियाणा-पंजाब के दो सीमा बिंदुओं पर उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए लगाए गए अवरोधक तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े. कुछ आंसू गैस के गोले ड्रोन से भी छोड़े गए.
ये भी पढ़ें: 'सरकार हमें रास्ता दे, हिंसक रास्ते से बचने की करेंगे कोशिश', बोले किसान नेता सरवन सिंह