नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज लगातार 37वें दिन जारी रहा. इस बीच आज किसानों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि चार जनवरी को किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक का नतीजा खेती-किसानी के हित में होगा.


तोमर ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से खास बातचीत में कहा कि सरकार को किसान संगठनों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगले दौर की बैठक में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है.


साथ ही उन्होंने कहा कि वह कोई भविष्यवक्ता नहीं है जो यह भविष्यवाणी करें सकें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ चार जनवरी की बैठक अंतिम बैठक होगी.


किसानों की चेतावनी


इससे पहले किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे. सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है.


स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर आगे बढ़ेंगे. एक अन्य नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की बातचीत में कोई ठोस फैसला नहीं हुआ तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.


बुधवार को सातवें दौर की औपचारिक वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर जुर्माना को लेकर किसानों की चिंताओं के हल के लिए कुछ सहमति बनी. लेकिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दों पर गतिरोध कायम रहा.


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