Farmers Protest: किसानों ने किया ग्रामीण भारत बंद का आह्वान, सरकार संग मीटिंग पर बड़ा ऐलान, किसान आंदोलन की बड़ी बातें
Farmers Protest Update: किसानों ने शुक्रवार को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है. किसानों ने कहा है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के संग बैठक में क्या कुछ बात होती है उसी पर आगे की रणनीति तय होगा.
Farmers Gramin Bharat Bandh: पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डर (Delhi Border) पर जमा हो रहे हैं. ये किसान MSP की कानूनी गारंटी जैसी कई मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. दूसरी ओर किसानों को मनाने के लिए भारत सरकार भी हर संभव कोशिश कर रही है. गत 8 फरवरी और 12 फरवरी को दो राउंड की मीटिंग किसान नेताओं की केंद्र सरकार के साथ बेनतीजा रही है.
गुरुवार (15 फरवरी) को तीसरे दौर की मीटिंग चंडीगढ़ में हो रही है. इसमें केंद्रीय किसान और कृषि कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हैं.
इधर हरियाणा बॉर्डर पर जुटे किसानों पर लगातार पुलिस लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है. मंगलवार से हो रहे इस आंदोलन का गुरुवार को तीसरा दिन था.
किसानों ने किया बंद का आह्वान
भले ही केंद्र सरकार के साथ किसानों की बैठक हो रही है, लेकिन किसान भी आंदोलन बंद करने के मूड में नहीं दिख रहे. वे अपने इस आंदोलन को सिर्फ दिल्ली की सिमाओं तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं, बल्कि इसे एक देशव्यापी आंदोलन में बदलना चाहते हैं. इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कई ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया है.
किसान मोर्चा की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार, बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे के बीच होगा. किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर की प्रमुख सड़कों पर चक्का जाम में हिस्सा लेंगे.
केंद्र सरकार से मीटिंग के बाद तय करेंगे आगे की कार्रवाई
पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने का आह्वान किया है. किसान नेताओं ने कहा कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने की कैसी भी कोशिश नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा की नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने कहा, "हम एम्बुलेंस, अर्थी, शादी, मेडिकल सेवा, अखबार की सप्लाई, बोर्ड परीक्षा देने जा रहे छात्रों और यात्रियों को हवाई अड्डे तक और दूसरी सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता खुला रखेंगे."
पाल ने बताया, ग्रामीण भारत बंद के लिए सभी कृषि गतिविधियों और मनरेगा के काम बंद रहेंगे. उन्होंने कहा, "कोई भी किसान, कृषि श्रमिक या ग्रामीण श्रमिक उस दिन काम नहीं करेगा."
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
जिन किसान संगठनों ने इस ग्रामीण भारत बंद का आवाहन किया है, उनकी कुछ प्रमुख मांगें हैं जैसे कि वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीद की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं और कोई स्मार्ट मीटर नहीं चाहते हैं.
इसके अलावा ये किसान न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह, चार लेबर कोड को निरस्त करना, मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी, पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों (PSU) के निजीकरण को रोकना और फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट को खत्म करने की मांग कर रहे हैं.