नई दिल्लीः कृषि क़ानून के विरोध में लगातार हो रहे आंदोलन का प्रभाव अब आम लोगों की प्लेटों पर भी पड़ रहा है. दरअसल दिल्ली को पंजाब से जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर किसानों का ज़ोरदार प्रदर्शन चल रहा है जो दिल्ली को पंजाब और हरियाणा से जोड़ता है. टिकरी बॉर्डर भी पंजाब और हरियाणा से दिल्ली को जोड़ता है. ऐसे में फूड सप्लाई की आवाजाही पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. ये मौसम पंजाब से आने वाले नए आलुओं का है. लेकिन आलू को लाने वाले ट्रक्स को दिल्ली में प्रवेश करना मुश्किल हो रहा है. ट्रक्स कम आने के चलते आलू की शॉर्टेज से व्यापारियों को गुजरना पड़ रहा है.


गाजीपुर मार्केट पर भी असर पड़ा है जहां आलू कम आने से आलू के दामों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं प्याज़ दिल्ली से बाहर ना जाने पर अब मंदी हो चली है. आलू गाजीपुर में लगभग 1700 रुपए / 50 किलो यानि के 35-38 रुपए के बीच बिक रहा है. वहीं प्याज की कीमतें 15-20 रुपए तक गिर गईं हैं.


पंजाब से नहीं आ रहे हैं नए आलू


नया आलू पंजाब से आना था लेकिन अब आलू के कुछ ही ट्रक्स दिल्ली तक चोरी छुपे पहुंच पा रहे हैं. कुछ बॉर्डर पर ही फसने के चलते किसान उन आलुओं को वहीं लोकल मार्केट में बेच रहे हैं. प्याज की सप्लाई बाहर ना जाने से प्याज़ भी ख़राब हो रही है. इससे सबसे ज़्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. गाजीपुर में आलू प्याज के थोक विक्रेता राजेश शर्मा बतातें हैं कि नए आलू का सीजन है ऐसे में उसकी काफ़ी डिमांड रहती है. आलू की सप्लाई ना होने से आम लोगों को इस महंगाई को झेलना पड़ रहा है और छोटे स्तर के किसान भी परेशानियां उठा रहे हैं. फिलहाल उत्तर प्रदेश से स्टोरेज वाले आलू आ रहे हैं वरना मुश्किलें और बढ़ जाती. अगर उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर भी ये हाल हुआ तब तो कीमतें आसमान छुएंगी.


प्याज के दामों में गिरावट


वहीं प्याज के बारे में वो कहते हैं कि इसके दामों में मंदी आई है क्योंकि दिल्ली से बाहर जाने वाली गाड़ियों को भी दिक्कत हो रही है. सिंधु बॉर्डर के जरिए कश्मीर तक प्याज सप्लाई होती है लेकिन फिलहाल यह बंद है. इस वजह से स्टॉक ज्यादा हो गया है और लोगों की डिमांड उतनी नहीं है. गाज़ीपुर में ही आलू के विक्रेता जाहिद कहते हैं कि पिछले दो दिनों में 10-15 ट्रक्स ही आ रहे हैं जबकि आम दिनों में 50-60 ट्रक्स आ जाते हैं. पंजाब से आने वाले आलू पहुंच ही नहीं रहे जिसके वजह से शॉर्टेज आ रहा. आलू के दामों कुछ बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन एक-दो दिन में वापस से सब सामान्य हो जाएगा.


किसान सस्ते में आलू बेचने को मजबूर


दिल्ली की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर का हाल भी ऐसा ही नजर आया. आजादपुर में भी आलू की कीमतें 1700 रुपए /50 किलो ही बिक रही थी. आलू विक्रेता अशोक अरोरा कहते हैं कि नये आलू की मांग ज़्यादा होती है लेकिन पंजाब की फ़सल आने में परेशानियां हो रहीं हैं. इससे सबसे ज़्यादा नुकसान खुद किसानों का है. किसान इस समय डरा हुआ है वो बार-बार पूछ रहा है के ट्रक भिजवाना सुरक्षित है भी या नहीं? उनको बहुत समझाना पड़ रहा है. कई किसान लोकल मार्केट्स में आलू सस्ते दामों में बेचने को मजबूर हैं. आम आदमी भी बढ़ते हुए दामों को देखते हुए आलू कम खरीद रहा है. रिटेल के विक्रेताओं के अनुसार आलू के दाम पिछले दो-तीन दिन में बढ़े हैं, इसलिए वो आलू 40-50 रुपए किलो बेच रहे हैं.


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