कृषि कानून के खिलाफ आज लामबंद होगा विपक्ष, शरद पवार की अगुवाई में पांच सदस्यों का दल राष्ट्रपति से मिलेगा
विपक्षी दलों की बैठक से इनकार किया गया क्योंकि अधिकतर नेता दिल्ली में नहीं हैं. कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार समेत पांच विपक्षी नेता आज शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले हैं. राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले नेताओं में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टीआर बालू शामिल हैं. राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले पवार के घर सभी नेताओं की बैठक होगी उसके बाद राष्ट्रपति भवन रवाना होने का प्रोग्राम है.
येचुरी ने कहा, ‘‘हम पांचों लोग राष्ट्रपति से भेंट करने से पहले बैठक करेंगे और अपनी रणनीति तय करेंगे. हमने सभी विपक्षी नेताओं से बात की है और अगले कदम को लेकर फैसला किया है. कोविड-19 की स्थिति के कारण प्रतिनिधिमंडल में पांच सदस्य ही होंगे, हालांकि हम कोशिश करेंगे कि कुछ और नेताओं को इसमें शामिल होने दिया जाए. ऐसी स्थिति में हमें नेताओं को दिल्ली बुलाना होगा क्योंकि वे अपने संबंधित राज्यों में हैं.’’
भाकपा के महासचिव डी राजा ने भी पुष्टि की है कि प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा. शरद पवार ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे.’’
विपक्षी दलों की बैठक से इनकार किया गया क्योंकि अधिकतर नेता दिल्ली में नहीं हैं. कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था. सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी.
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