सर्वदलीय बैठक में पंजाब के CM बोले- पाक के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जल्द निकाला जाए हल
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले और MSP की गारंटी दे.
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलनों के बीच कहा है कि पाकिस्तान की भी इसपर नजर है, उसकी हरकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने सर्वदलीय बैठक में कहा, ''पाकिस्तान के खतरे को कम नहीं समझना चाहिए. मुझे पता है कि कितने ड्रोन, हथियार और गोला-बारूद आए हैं. इससे पहले कि चीजें हाथ से निकल जाएं, हमें इस मुद्दे का हल निकालने के लिए काम करना होगा.''
सीएम अमरिंदर की तरफ से किसान आंदोलन पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एक प्रस्ताव भी पास किया गया. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि क़ानून वापस ले और MSP की गारंटी दे. प्रस्ताव में कहा गया है कि 26 जनवरी को दिल्ली की ‘प्रायोजित’ हिंसा की न्यायिक जांच करवाई जाए. दिल्ली में आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज FIR वापस ली जाए और उनको जेलों से तुरंत रिहा किया जाए.
पंजाब में कैप्टन सरकार तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विधानसभा में दोबारा प्रस्ताव लाएगी और उसे पास करके राज्यपाल को भेजा जाएगा. एक ही प्रस्ताव दो बार विधानसभा में पास होने के बाद राज्यपाल उसको अपने पास नहीं रख सकते हैं. तब विधानसभा का प्रस्ताव राज्यपाल को राष्ट्रपति के पास भेजना ही होगा.
पंजाब विधानसभा में पास पहले प्रस्ताव को सभी पार्टियां राजभवन देकर आयी थी लेकिन राज्यपाल वीपीएस वदनोर ने यह आगे नहीं भेजा. कई महीनों से प्रस्ताव राजभवन में पड़ा है. इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोबारा विधानसभा में प्रस्ताव पास करने की चर्चा छेड़ी है.
आप ने किया बैठक का बहिष्कार
पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ़ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का आम आदमी पार्टी ने बहिष्कार किया. AAP का आरोप है कि मीटिंग में रखे गए प्रस्ताव में दो बदलाव करने को कहा है. CM मानने को तैयार नहीं हुए इसलिए किसान आंदोलन पर बुलाई गई बैठक से बाहर आ गये.
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 69 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगहों पर हिंसा की घटना हो गई थी. इसको लेकर पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की है. इसमें 37 किसान नेताओं का भी नाम है.
e-Conclave: कृषि मंत्री तोमर बोले- किसानों को कानून समझने की जरूरत, सरकार चर्चा से चाहती है समाधान