नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई सरकार सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को नहीं रोक सकती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले कानून को वापस लेने होगा.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. ये तो बस शुरुआत है!.”
इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें. आन्दोलन इसका जरिया नहीं है- इसका हल बातचीत से ही निकलेगा.”
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा है कि केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी गई. यह कदम सिंघू बार्डर पर किसानों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच संघर्ष के बीच उठाया गया है.
पुलिस ने कहा कि किसानों को उत्तरी दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ऐश सिंघल ने कहा, ‘‘किसान नेताओं के साथ बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गयी है. हम किसानों से शांति बनाये रखने की अपील करते हैं.’’
इससे पहले दिन में दिल्ली पुलिस ने सिंघु बार्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया क्योंकि ये लोग केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के प्रयास में पुलिस पर पथराव भी किया और बैरीकेड के साथ तोड़-फोड़ की. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए शहर की सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था.
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