कृषि सुधार कानूनों पर दिल्ली और इसके आसपास जमा हुए हजारों की तादाद में किसानों का विरोध प्रदर्शन पिछले करीब एक महीने से जारी है. इस बीच, राहुल गांधी की अगुवाई वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से एक दिन पहले कृषि सुधार कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर 2 करोड़ हस्ताक्षर सौंपने के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति के ऊपर भारी दबाव है.


सीएम गहलोत ने कहा- “पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुच्चेरी के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का अनुरोध किया. राष्ट्रपति के ऊपर इतना ज्यादा दबाव है कि चार राज्यों के मुख्यमंत्री चाहने के बावजूद भी उनसे नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसा मेरा मानना है. ”





अधीर रंजन बोले- पीएम में प्रदर्शनकारी किसानों का सामना करने की हिम्मत नहीं


इधर, पीएम मोदी की तरफ से प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की अगली किश्त शुक्रवार को 9 करोड़ लोगों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा- “मोदी जी के पास साहस नहीं है कि वे प्रदर्शनकारी किसानों का सामना करें. सरकार किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर की बात कर रही है. लेकिन, मैं  यह कहना चाहता हूं कि मध्यस्थकार अभी भी है और पूरी राशि किसानों के पास नहीं पहुंच रही है.”


कृषि मंत्री बोले- किसानों को गुमराह करने वालों को सबक सिखाएगी जनता


उधर, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसान विरोधी प्रदर्शन को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा. तोमर ने कहा- "जो भी लोग किसानों का शुभचिंतक बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं उन्हें भविष्य में जनता सबक सिखाएगी."


कृषि मंत्री ने आगे कहा- पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी अन्य राज्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े. अब तक 96 हजार करोड़ रुपये किसानों को ट्रांसफर किया जा चुका है. पश्चिम बंगाल में इस योजना से 70 लाख किसानों को फायदा होगा. मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इससे जुड़ने के लिए पत्र भी लिखा था.


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