Rakesh Tikait Interview: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लंबे विरोध के बाद तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. इसके लिए आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई और कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है. हालांकि किसान संगठन अभी भी आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में बिल वापसी का रास्ता साफ होने के बाद भी आखिर क्यों किसान आंदोलन पर डटे हुए हैं और अब संगठन आगे क्या रास्ता अख्तियार करेगा? ऐसे कई सवालों के साथ एबीपी न्यूज़ ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से एक्सक्लूसिव बातचीत की.


एमएसपी की मांग पर टिकैत का जवाब


ट्रैक्टर पर किए गए इस इंटरव्यू में जब राकेश टिकैत से एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "एमएसपी का ज़िक्र तो आज से 15 साल पहले से हो रहा है. एमएसपी का ज़िक्र तो नरेंद्र मोदी (अब प्रधानमंत्री) ने साल 2011 में किया था. एमएसपी की कमेटी के अध्यक्ष थे. हमे लगा कि कमेटी के अध्यक्ष थे. इन्होंने जो अपनी रिपोर्ट सौंपी, उसको अब लागू कर देंगे."


राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी का सवाल हमारा शुरू से है. उन्होंने कहा कि इन्होंने (सरकार) अपने घोषणा पत्र में क्यों डाला कि हम सी2+50 वाला फार्मूला देंगे. उन्होंने कहा कि इसका नाम अलग अलग हो सकता है. इसे लागू करवा दो. मार्केट रेट लागू करवा दो. उचित मूल्य लागू करवा दो. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनना चाहिए.


"बीजेपी के लोग हमारे साथ"


बीजेपी के खिलाफ आंदोलन के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, "बीजेपी का क्या रोल है. बीजेपी के लोग तो हमारे साथ में हैं. बीजेपी के लोग इस आंदोलन के साथ हैं." बीजेपी को हराने का नारा देने के सवाल पर टिकैत ने कहा, "जब हमारा काम नहीं करेंगे तो किसे हराएंगे." उन्होंने कहा कि अभी संघर्ष से समाधान की ओर रास्ता जा रहा है. सरकार बातचीत करे.


टिकैत ने कहा कि सरकार ने अभी कमेटी नहीं बनाई है. उन्होंने कहा कि एमएसपी कानून बनने के बाद कमेटी बनाई जाए और फिर कमेटी तय करे कि कानून में क्या क्या प्रावधान होंगे और कैसे कैसे उन्हें लागू किया जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा, "जिस दिन हम आएं उस दिन चार चीज़ें थीं जो वहां पर रखी गई थी, तीन कानून थे, एमएसपी का बड़ा सवाल था. एक पराली वाली पॉलिसि थी और एक बिजली अमेंडमेंट था. उस वक्त सरकार ने कहा कि दो बातों पर हमारी सहमति होगी. दो बातों पर सहमति नहीं बनी.


राकेश टिकैत ने सरकार की ओर से दिए जा रहे भरोसे के सवाल पर कहा कि भरोसे से कुछ नहीं होता. उन्होंने कहा, 'आंदोलन से ही होगा. आंदोलन के बगैर देश में कुछ नहीं होता. राकेश टिकैत का ये एक्सक्लूसिव और बेबाक इंटरव्यू आज शाम साढ़े सात बजे एबीपी न्यूज़ पर प्रसारित किया जाएगा. इंटरव्यू के दौरान एबीपी न्यूज़ ने टिकैत से आंदोलन से जुड़े सभी अहम सवाल किए हैं.


किसानों की मौत पर कही ये बात


राकेश टिकैत ने कहा, "जो साढ़े सात सौ किसान शहीद हुए हैं, उनकी ज़िम्मेदारी भी तो भारत सरकार लेगी न? उनकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा." सरकार के कानून वापस लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि न ये किसी की हार है न किसी की जीत है. उन्होंने कहा कि ये मसले हैं किसानों के. किसानों की बहुत दिक्कतें हैं. उसके हालाक बहुत खराब हैं.


"26 जनवरी मामले की इंटरनेशनल जांच करवा दो"


26 जनवरी को आंदलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा, "उस मामले की इंटरनेशनल जांच हो जाए." इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रेस की एक कमेटी बना दो जांच के लिए. उन्होंने बिल वापसी में क्रेडिट लेने के सवाल पर कहा, "मोदी साब ही सारी ज़िम्मेदारी ले लें, देश के प्रधानमंत्री हैं, वहीं ले लें सारा क्रेडिट हमें नहीं चाहिए."


कौन सी मांग है जिससे खत्म होगा आंदोलन?


इस सवाल पर टिकैत ने कहा कि आंदोलन के दौरान हुए मुकदमे वापस लिए जाएं. जो किसान शहीद हुए हैं उन पर बात हो और एमएसपी गारंटी कानून का मुद्दा तो है ही. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन का पूर्ण रूप से हिस्सा है. उन्होंने कहा कि शहीद किसानों को मुआवज़ा मिलना चाहिए.


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