नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर आज किसानों की तरफ से निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई. बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए.


यहां प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है. यही नहीं आईटीओ, नांगलोई और अक्षरधाम के पास भी पुलिस और किसान आमने-सामने आए गए. इस घटना में 86 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं.


दिल्ली में हुई हिंसा की चौतरफा आलोचना हो रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कहा है कि लोकतंत्र में ऐसी अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने कहा, ''गणतंत्र दिवस के पवित्र दिन आज दिल्ली में जो हिंसा एवं उपद्रव हुआ वह अत्यंत ही दुःखद एवं निंदनीय है. विशेषकर ऐतिहासिक स्थल लालकिले पर हुआ कृत्य देश की स्वाधीनता और अखंडता की रक्षा के लिए बलिदान देने वालों का अपमान है. लोकतंत्र में ऐसी अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है.''






उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी देशवासियों से आह्वान करता है कि राजनैतिक एवं वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठ कर प्राथमिकता से शांति के लिए प्रयास करें.''


बता दें कि हिंसा की घटना से संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. किसान संगठन पिछले 62 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच गतिरोध दूर करने के लिए 11दौर की बैठकें हो चुकी है.


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