Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. इस बीच शंभू बॉर्डर से एक बुरी खबर आई है, जिसमें बताया गया है कि ठंड लगने के बाद पड़े दिल के दौरे के चलते 78 वर्षीय किसान ज्ञान सिंह की मौत हो गई है. किसान की मौत को लेकर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को आंदोलन में किसानों की मौत का हिसाब बीजेपी से मांगना चाहिए. 


अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी गुरदासपुर के सरदार ज्ञान सिंह की मौत बेहद दुखद समाचार है. श्रद्धांजलि! सुप्रीम कोर्ट बीजेपी से इलेक्टोरल बॉन्ड के साथ-साथ किसान आंदोलनों में हुई किसानों की मौत का हिसाब भी मांगे. जीवन देने वाले का जीवन लेने वाले लोगों का अब अंत समय आ गया है.' अखिलेश का ये बयान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के संदर्भ में आया है, जिसमें अदालत ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है. 






हार्ट अटैक से किसान की मौत


दरअसल, पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने आए किसान ज्ञान सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई. ज्ञान सिंह ने सुबह छाती में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें प्रदर्शन में आई एंबुलेंस के जरिए पंजाब के राजपुरा में सिविल अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें पटियाला के राजिंद्र अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया. यहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. ज्ञान सिंह पंजबा के गुरुदासपुर जिले के रहने वाले थे.


किसान की मौत पर क्या बोले सरवन सिंह पंढेर?


वहीं, जब किसान नेता सरवन सिंह पंढेर से ज्ञान सिंह की मौत को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'इस आंदोलन के पीछे की वजह केंद्र सरकार है. हमारे यहां (शंभू बॉर्डर) बहुत सारे लोग विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं, जिनमें बुजुर्ग भी शामिल हैं. हमें सही समय पर दवाएं मिलने से लेकर भोजन और आराम करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.' उन्होंने एक बार फिर से सरकार से किसानों की मांगों को पूरा करने की गुजारिश की. 


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