Samyukt Kisan Morcha: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर सरकार पिछले साल दिसंबर में किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करती है तो वह अपना आंदोलन फिर से शुरू करेगा.
एसकेएम ने एक बयान में आरोप लगाया कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक समिति गठित करने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामलों को वापस लेने सहित किसानों से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है. एसकेएम ने कहा है कि अगर सरकार अपने वादों से मुकरती रही तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
SKM के आह्वान के बाद देश भर के किसानों ने केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया. केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला था. सरकार द्वारा किसानों की मांग को मानने और छह अन्य पर विचार के लिए सहमति जताने के बाद बाद विरोध प्रदर्शन को पिछले साल 09 दिसंबर को स्थगित करने का फैसला किया गया.
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बयान में कहा गया है कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 09 दिसंबर 2021 को एसकेएम को लिखे अपने पत्र में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए किसी भी आश्वासन को पूरा नहीं किया गया है. एसकेएम ने कहा, मोर्चा किसानों के धैर्य को चुनौती देने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व वाली सरकार को चेतावनी देता है और घोषणा करता है कि अगर वादे जल्द से जल्द पूरे नहीं किए गए तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
केंद्र द्वारा अपने वादों को पूरा न करने पर देश भर के हजारों किसानों ने सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया. एसकेएम ने अपने बयान में कहा, देश के सैकड़ों जिलों और ब्लॉकों में विरोध प्रदर्शन हुए और जिलाधिकारियों, एसडीएम और एडीएम के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
एसकेएम ने कहा कि वह अपने मिशन उत्तर प्रदेश को जारी रखेगा और बीजेपी को सबक सिखाने और हराने के लिए राज्य भर में अभियान चलाएगा. बयान में कहा गया, मिशन के नए चरण की घोषणा तीन फरवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में की जाएगी.