Farmers Protest News: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार (18 फरवरी) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद किसानों से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी इच्छाशक्ति दिखाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है. गृह मंत्री अमित शाह से भी किसानों से बातचीत करने की गुजारिश की गई. एमएसपी समेत किसानी से जुड़े मुद्दों को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज उनके प्रदर्शन का छठा दिन है.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'आज शंभू बॉर्डर पर हमारे प्रदर्शन का छठा दिन है. आज हम सरकार के साथ बातचीत भी कर रहे हैं. सरकार ने हमसे कुछ समय मांगा था और कहा कि वह केंद्रीय मंत्रियों के साथ चर्चा करेगी और समस्या का समाधान ढूंढेगी.' किसान संगठनों और सरकार के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी है. पिछली तीन बैठकों में कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इस बीच अब छठे दौर की वार्ता होनी है.
'पीएम इच्छाशक्ति दिखा दें तो हल हो पाए समस्या'
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को खुद किसानों से बात करनी चाहिए. अगर वह अपनी इच्छाशक्ति दिखा दें, तो समस्या का समाधान हो जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह को भी आकर बात करनी चाहिए. उन्होंने आज होने वाली बैठक को लेकर कहा कि किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी है. खेती में बहुत बड़ा संकट है. हम लोग आज देखेंगे कि मंत्री महोदय किस मूड से आते हैं. हम लोग अभी पॉजिटिव मूड में हैं.
एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए: सरवन सिंह
किसान नेता ने एक बार फिर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को दोहराया. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए. भारत की दशा ऐसी होती जा रही है कि हर रोज किसान खेती छोड़कर जा रहे हैं. किसानों के कर्जे को लेकर बात करते हुए सरवन सिंह ने कहा कि आज किसान कर्ज के बोझ तले भी दबे हुए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज के हालात से बाहर निकालना होगा.
सरकार और किसानों के बीच होगी बातचीत
किसान प्रदर्शन के बीच एक बार फिर से सरकार और कृषि संगठन बातचीत की टेबल पर लौटने वाले हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय किसान संगठनों से एमएसपी समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं. दोनों पक्षों के बीच इससे पहले आठ, 12 और 15 फरवरी को बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही है. यही वजह है कि चौथे दौर की वार्ता से बहुत उम्मीद जताई जा रही है.