Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बुधवार (21 फरवरी, 2024) सुबह किसान जब दिल्ली चलो मार्च के तहत आगे बढ़ने लगे तब उन पर आंसू गैस के गोले दाग दिए गए. यही वजह रही कि तब मौके पर जमकर बवाल हुआ. हालांकि, इस बीच, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि किसान आगे न बढ़ें.
सूत्रों की ओर से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट के आस-पास बताया गया कि शंभू बॉर्डर पर फिलहाल करीब 10 हजार लोगों की भीड़ है. इन लोगों के पास करीब 1200 ट्रैक्टर और ट्रॉलियां है, जबकि प्रदर्शनकारियों के पास पुलिस बैरिकेड तोड़ने के लिए 2 प्रो क्लेम मशीन और जेसीबी मशीन हैं. मौके पर कई प्रदर्शनकारी ऐसे भी बताए गए जिनके पास डंडे, पत्थर, आयरन शील्ड (लोहे की ढाल) और फेस मास्क हैं.
केंद्र और किसानों में क्यों पनपा गतिरोध?
एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि जिस तरह किसान लगातार मांगों पर फौरी कार्रवाई चाहते हैं वह भी एक गतिरोध का विषय है. ऐसा इसलिए क्योंकि कई मांगे ऐसी हैं जिन पर अमल से पहले नियम और कानूनों देखने पड़ेंगे. बातचीत के दौरान किसानों से सरकार की तरफ से कहा गया कि किसानों को पंजाब में पहले ही बिजली मुफ्त मिल रही है तो उनको 2013 के बिजली संशोधित कानून से दिक्कत क्या है. फिर भी अगर किसान चाहते हैं कि उसमें बदलाव हो तो उसके लिए भी कुछ वक्त देना होगा.
बातचीत के दौरान किसानों से मोदी सरकार बोली यह बात
केंद्र ने बातचीत के दौरान किसानों से कहा कि सरकार ऐसी सभी उपज (खास तौर पर दालें) को पूरी तरह खरीदने और एमएसपी देने को तैयार है जिनको सरकार बड़े पैमाने पर आयात कर रही है और इसमें दालें प्रमुख हैं. हालांकि, इसके लिए किसानों को ऐसी फसलें अधिक उपजाना पड़ेगा.
दिल्ली कूच से पहले आगे आए केंद्रीय मंत्री, बोले- शांति है जरूरी
वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक्स (टि्वटर) पोस्ट के जरिए कहा- सरकार चौथे दौर के बाद 5वें दौर में सभी मुद्दों (जैसे- एमएसपी की मांग, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन, पराली के विषय और किसानों के खिलाफ एफआईआर आदि) पर बातचीत के लिए तैयार है. मैं दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं. हमें शांति बनाए रखना जरूरी है.
राकेश टिकैत भी एक्टिव, कहा- हम बना रहे प्रदर्शन का आगे का प्लान
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे लोग दिल्ली कूच को लेकर योजना बना रहे हैं. कल संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक चंडीगढ़ में है. आगे की रणनीति वे लोग तय करेंगे. यह मीटिंग आमने-सामने बैठकर की जाएगी, जिसमें देश भर के किसान हिस्सा लेंगे. एमएसपी गांरटी कानून बनना चाहिए. अगर यह नहीं बना तब पूरे देश को नुकसान होगा. सरकार इस मुद्दे पर बात नहीं मना रही है.