कैसे हुई प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिली मैटल पैलेट
Shubh Karan Singh Postmortem Report: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद उसके परिजनों और किसानों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया था.
Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली चलो मार्च के दौरान खनौरी बॉर्डर पर पिछले हफ्ते हरियाणा पुलिस के झड़प के दौरान किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. पंजाब पुलिस ने इस केस में हत्या का मामला दर्ज किया गया. शुभकरण सिंह का पोस्टमार्टम कर लिया गया है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि उसकी मौत बंदूक से चोट लगने के कारण हुई. इसके साथ ही उसके सिर में बाहरी तत्व भी पाए गए. पोस्टमार्टम से पहले शिवकरण सिंह का सीटी स्कैन भी किया गया था जिसमें उसके सिर में छर्रे भी पाए गए. पिछले हफ्ते पटियाला के अस्पतालों से जारी की गई मेडिकल लीगल रिपोर्ट्स में कहा गया कि पुलिस कार्रवाई में घायल हुए कई प्रदर्शनकारियों के ऊपरी शरीर पर छर्रों के घाव पाए गए थे.
खोपड़ी के पिछले हिस्से पर मिले चोट के निशान
बुधवार (28 फरवरी) को की गई जांच में खोपड़ी के सबसे पिछले हिस्से पर चोट का निशान पाया गया और यह भी पता चला कि उसके शरीर के किसी अन्य हिस्से पर चोट के निशान नहीं है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट पटियाला पुलिस को सौंप दी है और ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया.
इसके साथ ही शुभकरण सिंह के सिर से जो छर्रे मिले उन्हें भी पुलिस को सौंप दिया गया है और कहा गया है कि इस्तेमाल किए गए हथियार की प्रकृति का पता लगाने के लिए इन्हें बैलिस्टिक विशेषज्ञों के पास भेजा जा सकता है.
शुभकरण सिंह का किया गया अंतिम संस्कार
शुभकरण सिंह का गुरुवार (29 फरवरी) को अंतिम संस्कार कर दिया गया. प्रदर्शनकारी किसानों और उसके परिवार ने शुरू में अधिकारियों को पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी, उनकी मांग थी कि उनकी मौत के लिए पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और पीड़ित को "शहीद का दर्जा" दिया जाए.
केंद्र सरकार से सभी फसलों के लिए एमएसपी पर एक कानून बनाने की मांग करते हुए हजारों किसान दो सप्ताह से अधिक समय से पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.
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