नई दिल्ली: आरएसएस से संबंधित संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कृषि कानूनों की खामियों को दूर करने के लिए कुछ संशोधन करने का सुझाव दिया है. एसजेएम द्वारा पारित एक प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी जानी चाहिए और एमएसपी से नीचे खरीद को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए. उन्होंने जोर देकर ये भी कहा कि सरकार इन कानूनों को नेक नीयत से लाई है.
एसजेएम के सह-समन्वयक अश्वनी महाजन ने कहा, "स्वदेशी जागरण मंच को ऐसा लगता है कि खरीद करने वाली कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं. अत: कृषि उत्पाद बाजार समितियों से बाहर खरीद को मंजूरी देने पर किसानों को एमएसपी की गारंटी दी जाए और उससे कम में खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए. सिर्फ सरकार ही नहीं निजी कंपनियों को भी एमएसपी से कम दर पर खरीद से रोका जाना चाहिए."
अनशन पर आज किसान प्रदर्शनकारी
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते दो सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संघों के प्रमुख आज एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं. सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होने वाली यह भूख हड़ताल आज से आंदोलन को तेज करने की किसानों की योजना का हिस्सा है. साथ ही नए कृषि कानूनों की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी एक दिन का उपवास रख रहे हैं. उन्होंने सोमवार को केंद्र सरकार से 'अहंकार' छोड़कर और आंदोलनकारी किसानों की मांग के मुताबिक तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की.
सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर पिछले 18 दिन से चल रहे प्रदर्शनों में पंजाब और अन्य राज्यों से और किसानों का आना जारी है. इस बीच केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार जल्द ही बैठक की नयी तिथि तय करेगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि बार मुद्दे का हल निकल जाएगा.
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