(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किसानों के साथ बैठक के बाद बोले कृषि मंत्री- दो मुद्दों पर बनी सहमति, MSP को कानूनी दर्जा देने पर करेंगे विचार
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की बिजली को लेकर यह मांग थी कि सिंचाई के लिए राज्य सरकार की तरफ से जो सब्सिडी दी जाती है वह आगे भी जारी रहे. किसानों की इन मांगो को मान ली गई है.
केन्द्रीय तीन नए कृषि कानूनों पर पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास हजारों की संख्या में जुटे किसानों के आंदोलन के बीच बुधवार को सरकार और किसान संगठनों के बीच करीब पांच घंटे की लंबी बैठक हुई. इस बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ चार में से पर्यावरण समेत 2 मुद्दों पर सहमति बनी है. पराली और बिजली बिल को लेकर किसान संगठनों की मांगें मान ली गई है और अब अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी की दोपहर 2 बजे बुलाई गई है.
MSP को कानूनी दर्जा देने पर होगी चर्चा
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार ये बात कहती आ रही है कि एमएमपी जारी रहेगी. हम इसे लिखित में देने को तैयार हैं. लेकिन, किसान संगठन ऐसा महसूस करते हैं कि एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाए. इसलिए, हम एमएसपी के कानूनी पहलुओं और अन्य मुद्दो पर 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे चर्चा होगी.
Govt has been saying that MSP will continue. We are ready to give this in writing. But farmers' unions feel MSP should get legal status. So the discussion will continue on the legal aspect of MSP & other issues on Jan 4 at 2 pm: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/BoRiBMaoxw
— ANI (@ANI) December 30, 2020
सरकार ने मानी किसानों की 2 मांगें
तोमर ने कहा कि किसान ऐसा महसूस करते है कि अगर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में सुधार किया जाता है तो उन्हें नुकसान होगा. किसान संगठन चाहते हैं कि राज्य सरकार की तरफ से सिंचाई के लिए किसानों को जो सब्सिडी राज्य सरकार की ओर से दी जाती है वे जारी रहनी चाहिए. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है. इसके साथ ही, पराली को लेकर भी किसानों की मांगें मानी गई है.
नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि एजेंडे में से 50 प्रतिशत चीजों पर सहमति बन गई है. दोनों पक्षों के बीच अच्छे माहौल में बीतचीत हुई. उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठन दो नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
महिलाओं और बुजुर्गों के घर भेजे किसान
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों ने आंदोलन के दौरान पर्याप्त अनुशानसन बनाए रखा, इस बात की उन्हें खुशी है. उन्होंने कहा कि वे किसानों से एक बार फिर से अपील की है कि दिल्ली की कड़ाके की ठंड को देखते हुए आंदोलन में बैठे महिलाओं और बुजुर्गों को घर भेज दें. केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में किसानों की आमदनी दोगुनी होने के उद्देश्य से छोटे किसान समृद्धता की ओर आगे बढ़े, यह सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है.
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