किसान आंदोलन: धरनास्थल पर बिजली काटने का आरोप, मंत्री ने पूछा- प्रदर्शनकारियों ने कनेक्शन कब लिया?
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पूछा कि क्या इन प्रदर्शनकारियों ने कोई लीगल कनेक्शन लिया था. अगर नहीं तो फिर वे बिजली चुरा रहे थे और बिजली की चोरी करना अपराध है. ऐसी स्थिति में अगर पुलिस ने कनेक्शन काटा है तो यह कानून के हिसाब से सही है.
नई दिल्ली: केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने आंदोलनकारी किसानों को लेकर कहा कि अगर वे बिजली की चोरी कर रहे थे तो ये अपराध है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अगर पुलिस ने उनकी बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है तो वे नियमों का पालन कर रहे हैं.
आरके सिंह ने कहा, “क्या इन प्रदर्शनकारियों ने कोई लीगल कनेक्शन लिया? यदि नहीं, तो वे बिजली चोरी कर रहे थे और बिजली चोरी एक अपराध है. इसलिए अगर पुलिस ने इसे काट दिया, तो वे कानून को बनाए रखने के लिए काम कर रहे थे. बिजली चोरी करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.”
#WATCH | Did these protesters take any legal connection? If not, they were stealing electricity & electricity theft is a crime. So if police disconnected it, they were acting to uphold law. People who stole electricity are liable to be prosecuted: Union Power Minister RK Singh pic.twitter.com/Xur4SKGEmL
— ANI (@ANI) February 6, 2021
बता दें कि कुछ दिनों पहले किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने धरनास्थल पर बिजली के कनेक्शन काट दिए हैं और टॉयलेट की सुविधा को भी हटा दिया है. पंजाब के पटिलाया जिले के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा, " हम 27 जनवरी से रात में बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. अगर स्थानीय लोग नहीं होते तो हमें पूरी रात बिना बिजली के रहना पड़ता. वे बिजली देकर और अन्य चीजे देकर हमारी मदद कर रहे हैं और हमसे शुल्क भी नहीं ले रहे हैं."
गौरतलब है कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का किसान संगठन दो महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को किसानों ने देशव्यापी ‘चक्का जाम’ बुलाया. पंजाब, हरियाणा, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में किसानों के 'चक्का जाम' का असर देखने को मिला.
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि 'चक्का जाम' सफल और शांतिपूर्ण रहा. कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ समस्या सामने आई है, कुछ लोगों को हटाया गया है. आने वाले दिनों में आंदोलन को आगे बढ़ाने पर आज बैठक में चर्चा हुई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “टिकैत जी को लगा कि उत्तराखंड और यूपी में दंगे हो सकते हैं, इसके बाद तुरंत उन्होंने प्रेस में बयान दिया. अगर और लोगों से बात करके कोई बयान देते तो अच्छा होता. उन्होंने बाद में हमसे बात की, मैं मानता हूं कि जल्दबाजी में ऐसा नहीं करना चाहिए था.”
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